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खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चंदौली। पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि इनके व्यवहार एवं आचरण से हमेशा लोक शांति भंग होने का खतरा बना रहता है। अतः इन्हें जिलाबदर कर निरोधात्मक कारवाई की जानी चाहिए। जिसके आधार पर अपर जिला मजिस्ट्रेट चंदौली ने दिनांक 12 अप्रैल का 5 लोगों के विरूध्द जिला वदर की कार्यवाही की।

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  • 1-छोटक साेनकर पुत्र रामलाल सोनकर निवासी ग्राम दुलहीपुर थाना मुगलसराय‚चंदौली।
  • 2-जय प्रकाशर्ऊु मुन्ना यादव पुत्र नक्छेद यादव निवासी ग्राम गंजख्वाजा थाना अलीनगर‚चंदौली।
  • 3-अभिषेक यादव पुत्र विजय यादव निवासी ग्राम आलमपुर थाना अलीनगर ‚ चंदौली।
  • 4-दिलीप सिंह उर्फ रिन्कू सिंह पुत्र रामप्रवेश सिंह निवासी ग्राम डेढगावा थाना धीना ‚ चन्दौली।
  • 5-पारस यादव पुत्र रामनाथ यादव निवासी ग्राम खरौझा थाना इलिया ‚चंदौली।

उक्त समर्पित प्रस्ताव को पुलिस अधीक्षक द्वारा अपनी अनुशंसा के साथ प्रेषित करते हुए जिला दंडाधिकारी के अनुरोध किया गया है कि इन 5 अभियुक्तों पर जिला बदर के तहत निरुद्ध किया जाए।जिस पर अपर जिला मजिस्ट्रेट ने जिला बदर की कार्यवाही की।

क्या होती है जिला बदर की कारवाई?

जिला बदर का आसान भाषा में मतलब है कि किसी व्यक्ति को एक जिले से दूसरे जिले में भगा देना या अपने जिस जिले में वह है उस जिले से उसको प्रतिबंधित कर देना। अगर प्रशासनिक शब्द के रूप में समझें तो जिला बदर से मतलब वह प्रशासनिक कार्यवाही है जिसमें आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त व्यक्तियों को कुछ निर्धारित समय के लिए जिले से बाहर कर दिया जाता है। यह कार्यवाही जिला के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी गई अनुशंसा पर जिला कलेक्टर (दंडाधिकारी) के द्वारा की जाती है।

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आम तौर पर चुनाव के समय या किसी बड़े आयोजन के पहले ऐसा किया जाता है। मतलब कोई भी व्यक्ति जो आदतन अपराधी है, जो हमेशा अपराध करता ही है तो ऐसे व्यक्ति को किसी विशेष टाइम के लिए जैसे 2 महीने 1 महीने या 4 महीने के लिए उस जिले से बाहर आदेश कर दिया जाता है कि आप कहीं भी रहे लेकिन इस जिले में ना रहें अन्यथा पर आप कार्रवाई की जाएगी या आपको जेल भेज दिया जाएगा।

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