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खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

भारत बना दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. भारत की आबादी चीन की तुलना में 2.9 मिलियन ज्यादा हो गई है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष इसके आकंड़े जारी कर दिए है. भारत का दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। भारत में 15 से 64 साल तक के लोगों की संख्या 68 प्रतिशत है. यूएन ने पिछले साल ही इस बात का किया था दावा.

चीन भी नही टिक पाया कही‚देखे विस्तृत रिर्पोट

भारत ने आबादी के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला बन गया है।

भारत अब दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है। वहीं चीन की आबादी हमसे 29 लाख कम, यानी 142 करोड़ 57 लाख है। देश की 142 करोड़ आबादी में नवजात से 14 साल उम्र के बच्चों की संख्या 25%,15 से 64 साल के लोगों की संख्या 68% है, जबकि 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या 7% है।

दुनिया भर में 8 अरब लोग रहते हैं और भारत में दुनिया की 17.6% आबादी रहती है। इस लिहाज से देखें तो दुनिया में हर छठा व्यक्ति भारतीय है। UN 1950 से दुनिया में आबादी से जुड़ा डेटा जारी कर रहा है। तब से यह पहला मौका है जब भारत की आबादी चीन से ज्यादा हुई है। UN ने पिछले साल यह अनुमान लगाया था कि अगले साल तक भारत सबसे ज्यादा आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।

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देखें आंकड़ाे के हिसाब से कैसे है भारत आगे

भारत अब दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। भारत में 14 साल तक की उम्र वाली 25% (करीब 35 करोड़) आबादी है। चीन में यह आंकड़ा 17% (24 करोड़) है। भारत में 15 से 64 साल उम्र वाले 68% (करीब 97 करोड़) लोग हैं। चीन में यह आंकड़ा 69%( 98 करोड़) है। भारत में 65 साल से ज्यादा उम्र के 7% यानी करीब 10 करोड़ लोग हैं। वहीं, चीन में यह आंकड़ा 14% (करीब 20 करोड़) है।

हाला कि चीन में जीवन की सम्भावना भारत से बेहतर

हालांकि चीन में एवरेज लाइफ एक्सपेक्टेन्सी (जीवित रहने की संभावना) भारत से बेहतर है। चीन में पुरुषों की औसत उम्र 76 साल और महिलाओं की औसत उम्र 82 साल है। वहीं भारत में पुरुषों की औसत उम्र 74 साल और महिलाओं की औसत उम्र सिर्फ 71 साल है। चीन में 1950 के बाद से पहली बार जन्म दर में कमी आई है। यहां 2021 में जन्म दर 7.52% थी। जो 2022 में घटकर 6.77% हो गई।

NFPA की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023’ ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट से हुआ खुलाशा

इस संबंध में NFPA की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023’ ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट का नाम ‘8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज: द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस’ है 2050 तक 166 करोड़ पहुंच जाएगी भारत की आबादी।

आखिर क्या कहती है रिर्पोट

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2012 में शिशु मृत्यु दर हर एक हजार बच्चों पर 42 थी, जो 2020 में घटकर 28 पर आ गई. यानी, 2012 में पैदा होने वाले हर एक एक बच्चों में से 42 एक साल भी नहीं जी पाते थे.।इसी तरह प्रति हजार बच्चों पर नवजात मृत्यु दर भी 2012 में 29 थी जो अब घटकर 20 पर आ गई. वहीं, हर एक हजार बच्चों पर अंडर-5 मोर्टेलिटी भी 2012 में 52 थी, जो 2020 में घटकर 32 हो गई है.दूसरी ओर चीन में जन्म दर कम हो रही है. चीन के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2022 में देश में जन्म दर प्रति हजार लोगों पर 6.77 थी, जबकि 2021 में ये 7.52 थी. 1949 के बाद ये पहली बार था जब चीन में जन्म दर में गिरावट आई।

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2021-22 में सालभर में 2.03 करोड़ से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ. यानी, हर दिन औसतन 56 हजार बच्चे पैदा हुए. इससे पहले साल 2020-21 में दो करोड़ से कुछ ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ था. इसका मतलब हुआ कि 2020-21 की तुलना में 2021-22 में 1.32 लाख ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ. ये आंकड़ा इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि अगर दुनिया के 78 देशों की आबादी को जोड़ दिया जाए तो ये संख्या दो करोड़ से कुछ ज्यादा ही बैठती है ।