आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स क्या है ?
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) एक विज्ञान है जो मशीनों को मानसिक गतिविधियों को नकल करने की क्षमता देता है। इसे एक सिस्टम या प्रोग्राम द्वारा संचालित किया जाता है जो स्वचालित रूप से सीखने और सुधार करने की क्षमता रखता है। इस का मतलब यह हुए की यह एक ऐसी तकनीक है जिस से आप के हर सवाल का जवाब बहुत आसानी से दे सकती है। और आप को सबसे अच्छे रिजल्ट प्रदान कराती है।
एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) सिस्टम मशीन सीखने, निर्णय लेने, समस्याओं का हल करने, और भाषा को समझने जैसी मानसिक क्रियाओं को करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। इससे उन्हें दिए गए टास्क को अधिक समझने और उसे संभवतः सबसे अच्छी तरीके से पूरा करने में मदद मिलती है।
105 सर्वोदय विद्यालयों के बच्चों का भविष्य तकनीक आधारित शिक्षा से संवरेगा।समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक का उपयोग करते हुए शिक्षा प्रदान की जाएगी। स्मार्ट क्लास में बच्चों को 3 डी वीडियो, हाई रेजोल्यूशन इमेज आदि के माध्यम से विभिन्न विषयों को रोचक तरीक़े से पढ़ाया जाएगा। ताकि कठिन से कठिन सवाल आसानी से बच्चों को समझाया जा सके।
समाज कल्याण विभाग व एम्बाइब सीएसआर के साथ विगत सप्ताह हुए एमओयू के अनुसार कक्षा 6 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन कंटेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त एम्बाइब मोबाइल एप के माध्यम से निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। साथ ही जेईई, नीट की तैयारी हेतु कक्षा 11 एवं 12 के विद्यार्थियों को प्रतियोगी सामग्री व अभ्यास प्रश्न भी उपलब्ध कराए जायेंगे।
आधुनिक शिक्षा पद्धति के माध्यम से विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान कर ठोस शैक्षिक नींव तैयार करेंगे शिक्षक
9 एवं 10 मई, 2023 को विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम एवं ई-कंटेंट के बेहतर प्रयोग के साथ ही आधुनिक शिक्षा पद्धति के माध्यम से विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान कर ठोस शैक्षिक नींव तैयार करेंगे।
JEE, नीट इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थी अपना श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त कर सकेंगे – समाज कल्याण राज्य मंत्री
समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण का कहना है कि ऑनलाइन एवं ऑफलाइन के हाइब्रिड मोड में तकनीक आधारित आधुनिक शिक्षा पद्धति के माध्यम से ठोस शैक्षिक नींव तैयार की जा रही है, जिससे जेईई, नीट इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थी अपना श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त कर सफल हो सकें।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस कितने प्रकार की होती है? (Types of Artificial Intelligence)
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस अनेक प्रकार की होती है।
- सुपरवाइज्ड लर्निंग (Supervised Learning): इस प्रकार की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में, एक एल्गोरिथ्म को शिक्षित किया जाता है ताकि वह निर्दिष्ट तरीके से लेबल लेबल से ट्रेनिंग डेटा सेट से सीख सके। यह डेटा प्रोसेसिंग और विश्लेषण में बहुत उपयोगी होता है।
- अनुपातित लर्निंग (Unsupervised Learning): इस प्रकार की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में, एक एल्गोरिथ्म लेबल या टारगेट के बिना डेटा सेट को समझने का प्रयास करता है। यह डेटा विश्लेषण, प्रतिनिधित्व और भविष्यवाणी के लिए उपयोगी होता है।
- अनुपातित-सुपरवाइज्ड लर्निंग (Semi-Supervised Learning): इस प्रकार की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में, एक एल्गोरिथ्म एक सीट ट्रेनिंग डेटा के साथ काम करता है, जिसमें लेबल दिया गया होता है
- जेनेरेटिव एडवर्से नेटवर्क (Generative Adversarial Network, GAN): इस प्रकार की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में, दो नेटवर्कों को एक साथ काम करने के लिए ट्रेन किया जाता है। एक जेनरेटर और एक डिस्क्रिमिनेटर होते हैं, जो एक साथ काम करते हुए नए डेटा को सिंथेसाइज़ करने और इसे मूल डेटा से भिन्न करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
- कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (Convolutional Neural Network, CNN): यह प्रकार का एल्गोरिथ्म छवि या वीडियो फ़्रेम्स के साथ काम करता है और यह आवश्यक और अनिवार्य रूप से उन छवियों के फीचर निकालता है जो कि आगे जाकर क्लासिफिकेशन या विश्लेषण के लिए उपयोगी होते हैं।
आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के फायदे क्या है. (Benefits of Artificial Intelligence)
(Artificial Intelligence) आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बहुत सारे फायदे हैं।
- तेजी से और सटीक निर्णय लेना: Artificial Intelligence सिस्टम सटीक तरीके से डेटा को विश्लेषण करता है जिससे उससे सम्बंधित निर्णय लिया जा सकता है।
- स्वतंत्र रूप से सीखना: एक Artificial Intelligence सिस्टम अपने आपसे सीखता है और धीमे प्रक्रिया से अपने दौरान बने गलतियों से सीखता है। इससे उसकी समझ और क्षमताएं समृद्ध होती हैं।
- कम खर्च: एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम के निर्माण में एक बार का खर्च होता है, और उसे बार-बार उपयोग करने में कोई खर्च नहीं होता है। इससे उद्योग के लिए बचत होती है।
- संगठित और स्वतंत्र कार्य: एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम संगठित तरीके से काम करता है और स्वतंत्र रूप से कार्य करता है। इससे इंसानी त्रुटियों को कम करने में मदद मिलती है।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के नुकसान (Disadvantages of Artificial Intelligence)
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के कुछ नुकसान हो सकते हैं। निम्नलिखित कुछ नुकसान भी है :
- सामाजिक और नैतिक मुद्दों का समाधान: आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम निष्कर्ष लेने में कई समाजिक और नैतिक मुद्दों का सामना करते हैं, जिससे निर्णय लेना मुश्किल हो सकता है।
- संभव अस्थिरता: आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम कम से कम दो तत्वों, यानी डेटा और एल्गोरिथ्म का उपयोग करते हैं, जो संभवतः अस्थिर हो सकते हैं। यह अनिश्चितता और अस्थिरता का कारण बनता है।
- उपयोगकर्ता अधिकारों की खतरा: आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम में अधिकांश समय कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और एल्गोरिथ्म बनाने वाले लोग होते हैं, जो उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की खतरा बन सकते हैं।
- सीमित विस्तार: आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम बहुत सीमित होते हैं और वे केवल उन टास्क के लिए उपयोग किए जा सकते हैं, जिनके लिए उन्हें तैयार किया गया हैं। इसलिए, ज़रूरी नही है की आपको हर एक समस्या का समाधान मिल ही जाए।