WhatsApp Image 2023-08-12 at 12.29.27 PM
Iqra model school
WhatsApp-Image-2024-01-25-at-14.35.12-1
jpeg-optimizer_WhatsApp-Image-2024-04-07-at-13.55.52-1
srvs_11zon
Screenshot_7_11zon
WhatsApp Image 2024-06-29 at 12.
IMG-20231229-WA0088
WhatsApp Image 2024-07-26 at 15.20.47 (1)
previous arrow
next arrow

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

नौगढ‚चंदौली।काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के जंगलों में आए दिन अज्ञात कारणों से लग रही आग से पेड़ पौधों व पशु पक्षियों का आशियाना धू धू कर जल करके खाक हो जा रहा है।जिसे जान भी वनविभाग मूकदर्शक बना रह रहा है।
इस बारे में बताया जाता है कि काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के चकिया‚ नौगढ‚ जयमोहनी‚चन्द्रप्रभा‚मझगाई ईत्यादि वन रेंजो मे हर वर्ष गर्मी के दिनों में अज्ञात कारणों से आगलगी की घटनाएं घटित होती है।

आग को लेकर वन विभाग की नही है कोई ठोस पहल‚वन सम्पदा हो रही खाक

आग पर काबू पाने के लिए वनविभाग का कोई भी ठोस पहल नहीं होने से वन संपदा को काफी क्षति पहुंच रही है।
जानकारों की माने तो जंगलों में आसीन महुआ बीनने व पियार तोड़ने के लिए पेड़ो के नीचे सफाई करके श्रमिक खर पतवार व पत्तों के ढेर में आग लगा देते हैं।जिससे होने वाली आगलगी की घटना से भारी भरकम क्षति होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

वन विभाग की उदासिनता के चलते वैकल्पिक संसाधनों ने जनता ने बुझाई किसी प्रकार आग

रविवार को देर शाम जयमोहनी रेंज के रिठियां गांव के समीप नौगढ मद्धुपुर मार्ग के किनारे जंगल में लगी आग से धू धू कर जल रहे पेड़ पौधों व पशुपक्षियों के वासस्थलो को देख ग्रामीणों ने तत्काल क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय मे सूचना देकर के आग बुझाने की ब्यवस्था मुकम्मल करने का अनुरोध किया।फिर भी काफी देर तक वनकर्मियों की टीम मौके पर नहीं पहुंची।
आग की तीव्र लपटें बस्ती तक न पहुंच जाय इससे सशंकित लोगों ने रात्रि में वैकल्पिक संसाधनों से काफी प्रयास कर के आग पर काबू पाया।

khabaripost.com
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
1002375393
Screenshot_24
previous arrow
next arrow

वन विभाग करता रहा है मात्र खानापूर्ति -सांसद प्रतिनिधि

सांसद प्रतिनिधि रमेश कुमार उर्फ पप्पू केशरी ने बताया कि आगलगी की होने वाली घटनाओं को जानकर भी वनविभाग चुप्पी साधकर वन विभाग के अभिलेखों में अज्ञात के विरुद्ध 2 – 4 केस दर्ज कर उच्चाधिकारियों को वन संपदा को क्षति पहुंचने की रिपोर्ट प्रेषित कर देता है।
जिसपर कार्ययोजना तैयार कर के पुनः पौधरोपण कराने की तैयारी शुरू हो जाती है।
काशी वन्य जीव प्रभाग के जंगलों में हर वर्ष जितना पौधरोपण कराकर उसका सफलता प्रतिशत मानक के अनुरूप अभिलेखों में दर्ज कर के कागजों में हरियाली का जिक्र होने की पुष्टि स्थलीय सत्यापन मे की जा सकती है।
क्योंकि जंगलों की शोभा वनतूलसिया(ललटेना) की झाड़ियों तक सीमित होना प्रतीत हो रही है।