- दस्तक अभियान में चिन्हित हुए संचारी रोगों से ग्रसित 856 मरीज
- अभियान की सफलता ने जिले को दिलाया प्रदेश में 5वां स्थान
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली। जिले में पिछले माह चलाये गये विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान में संचारी रोगों से ग्रसित 856 मरीज हुए चिह्नित हुए। दस्तक अभियान के दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकताओं ने 3,04,593 घरों पर दस्तक दी। इस अभियान की सफलता ने जिले को प्रदेश में पांचवा स्थान दिलाया है।
प्रदेश में पाँचवां स्थान दिलाने में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य विभाग की टीम की महत्वपूर्ण रही भूमिका
जिला मलेरिया अधिकारी पीके शुक्ला ने बताया कि जिले में एक अप्रैल से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया जो पूरे माह चला। अभियान के अन्तर्गत ही 17 अप्रैल से दस्तक अभियान शुरू हुआ जो 30 अप्रैल तक संचालित हुआ। अभियान के दौरान संचारी रोगों से ग्रसित मरीजों को चिह्नित कर उनका उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि इस अभियान को प्रदेश में पाँचवां स्थान दिलाने में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य विभाग की टीम की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने घरों पर दस्तक देकर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों को चिन्हित किया और उनकी जांच कराकर मरीजों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी ।
जिले में 1887 आशा, 1823 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 304593 घरों में जाकर दस्तक दी। साथ ही कुल 776 मातृ बैठक की । क्लोरिनेशन डेमो 852, फीवर ट्रेकिंग 551 में एक भी मरीज पॉजिटिव नहीं पाये गए। जुकाम, खांसी के कुल 856 मरीज हुये चिन्हित
सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि 17 से 30 अप्रैल तक चले दस्तक अभियान में लोगों को स्वच्छता, सेनेटाइजेशन, पोषण युक्त भोजन, शुद्ध पेयजल आदि का महत्व बताया गया। जिले में 1887 आशा, 1823 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 304593 घरों में जाकर दस्तक दी। साथ ही कुल 776 मातृ बैठक की । क्लोरिनेशन डेमो 852, फीवर ट्रेकिंग 551 में एक भी मरीज पॉजिटिव नहीं पाये गए। जुकाम, खांसी के कुल 856 मरीज चिन्हित हुये, कोविड के 7 मरीज पाये गए, संभावित कुल 125 क्षय रोगी में 6 रोगी की पुष्टि हुई। शेष की बलगम की जांच की जा रही है।
संचारी रोग के प्रति लोगो को किया गया जागरूक‚कुपोषित 47 बच्चे किये गये चिन्हित
कुपोषित बच्चे 47 चिन्हित किए गए हैं। इसमें 17 बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भेजे गए। अभियान में संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाला संक्रामक रोग है, जो किसी न किसी रोग जनित वायरस से होता है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर घर में पोस्टर के जरिये जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि गर्मी में आंगन या घर के बाहर खुली जगहों में बैठते हैं। सभी अपने घरों के आसपास सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जलजमाव न होने दें, रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल आयल डालें कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें और बासी भोजन प्रयोग बिलकुल भी न करें।