- मामले की लिखित तहरीर थाने में देकर पीड़िता के पति ने न्याय की गुहार
- नक्सल क्षेत्र के आर्शिवाद हास्पीटल का कारनामा
- उपजिलाधिकारी व उच्चाधिकारियों को जानकारी के बाद भी महिला को देर रात नहीं छोड़ा गया
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नौगढ‚चंदौली।मामले की लिखित तहरील थाने में देकर के पीड़िता के पति ने न्याय की गुहार लगाया है।
इस बारे में बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के लौवारी खुर्द गांव निवासिनी अनुसूचित जाति की महिला सुनीता देबी कई दिनों से खासी आने की समस्या से ग्रसित थी।
रूपयों की हुयी मांग की अदायगी नहीं होने पर अस्पताल संचालक ने मरीज को घर जाने पर लगाया रोक
मंगलवार को सायंकाल खांसी की दवा समझकर मिर्चा के पौधों मे छिड़कने के लिए घर में रखा हुआ कीटनाशक दवा का सेवन कर ली।
जिससे उसका तबीयत बिगड़ता हुआ देख परिजनों ने कस्बा बाजार में स्थित आशिर्वाद हास्पिटल मे भर्ती कराया।
जहां पर दवा उपचार के बाद रूपयों की हुयी मांग का अदायगी नहीं होने पर अस्पताल संचालक ने मरीज को घर जाने पर रोक लगा दिया।
अस्पताल संचालक डा.सुजीत कुमार यादव मरीज के परिजनों की बातों पर भडके और कर डाली 14000 रूपयाें की मांग
सुनीता देवी के पति नन्दकिशोर ने थाने पर तहरील देकर के आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब होने पर आशिर्वाद हास्पिटल मे भर्ती कराया गया था।जहां पर दवा उपचार मे 02 बोतल पानी चढाकर 01 इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उसकी तबीयत मे सुधार आ गया।
जिसका शुल्क 900 रूपया की अदायगी करके मरीज को घर ले जाए जाने की बात पर अस्पताल संचालक डा.सुजीत कुमार यादव काफी भड़क कर और 14000 रूपया की मांग करने लगा।
गरीबी मे दिए जाने की असमर्थता ब्यक्त किए जाने पर मरीज को बना लिया बंधक
जिसे गरीबी मे दिए जाने की असमर्थता ब्यक्त किए जाने पर मरीज को बंधक बना लिया गया है।
थानाध्यक्ष अतुल प्रजापति ने इस बारे में जानकारी होने से इंकार किया है।
ग्राम प्रधान का दावा ‚जिला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम को रिवाल्वर दिखाकर भयभीत करके मौके से खदेड़ा था इसी मनबढ डाक्टर ने
ग्राम प्रधान यशवंत सिंह यादव ने बताया कि अस्पताल संचालक ने अभी कुछ माह पूर्व अस्पताल की जांच करने के लिए आयी जिला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम को रिवाल्वर दिखाकर भयभीत करके मौके पर से खदेड़ दिया था।
मंगलवार को इलाज कराने के लिए आयी हुयी गरीब दलित महिला के ईलाज का भारी भरकम धनराशि की मांग करके अदायगी नहीं होने पर उसे बंधक बना दिया गया है।
जिसकी जानकारी उपजिलाधिकारी व उच्चाधिकारियों को किए जाने के बाद भी महिला को देर रात नहीं छोड़ा गया है।