पॉक्सो कानून में पहले मौत की सजा नहीं थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन कर मौत की सजा का भी प्रावधान कर दिया. इस कानून के तहत उम्रकैद की सजा मिली है तो दोषी को जीवन भर जेल में ही बिताने होंगे. इसका मतलब हुआ कि दोषी जेल से जिंदा बाहर नहीं आ सकता.

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अजमेर में  13 साल की नाबालिग से RAPE के आरोपी को मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई गई है. इतना ही नहीं आरोपी पर 58 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

पास्कों न्यायालय में पेश किये गये 19 गवाह और 50 दस्तावेज

अजमेर POCSO न्यायालय संख्या 1 ने 13 वर्षीय नाबालिक का अपहरण कर दुष्कर्म मामले में आरोपी को मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाह और 50 दस्तावेज पेश किए गए. जिसके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी को कठोर कारावास के साथ 58 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

अजमेर पहुंचे विशेष न्यायालय संख्या 1 के विशिष्ट लोक अभियोजक रुपिंदर पाल परिहार ने बताया कि 27 अप्रैल 2020 को केकड़ी थाने में 13 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आया था. पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी नाबालिग बेटी के साथ अज्ञात व्यक्ति ने दरिंदगी करते हुए दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है।

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मारपीट करने के बाद RAPE की वारदात को दिया गया था अंजाम

जिसे गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस मामले में पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की तो सामने आया कि केकड़ी का ही रहने वाला सांवरलाल माली उसे डेरे से उठाकर ले गया और उसके साथ मारपीट करते हुए रेप की वारदात को अंजाम दिया गया था।

नाबालिक के प्राइवेट पार्ट पर पाये गये थे चोट के निशान

साथ ही उसकी प्राइवेट पार्ट पर भी गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं . इस मामले में आरोपी को पुलिस ने 2 दिन बाद ही गिरफ्तार किया और उसे न्यायालय में पेश किया जहां लगातार सुनवाई के दौरान 19 गवाह और 50 दस्तावेज पेश किए गए.

जिसके आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई. विशिष्ट लोक अभियोजक रूपिंदर पाल सिंह ने बताया कि न्यायालय ने साक्ष्य और गवाहों के साथ ही डीएनए व अन्य रिपोर्ट के माध्यम से आरोपी को दोषी माना और उसे अलग-अलग धाराओं में मरते दम तक जेल में रहने की सजा का ऐलान किया गया है.

सजा के साथ 58 हजार रुपये का आर्थिक दंड

वहीं आरोपी के खिलाफ 58000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है. न्यायालय ने इस मामले में विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की दरिंदगी समाज के लिए घातक है. ऐसे में इस तरह के आरोपियों को नहीं बख्शा जा सकता।