वाराणसी में नोटों में हेराफेरी के मामले में इंस्पेक्टर और दरोगा समेत 7 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। जांच में इन लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। फजीहत के बाद पुलिस अधिकारी मामले को लूट की बरामदगी बताने में जुटे हैं।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र में लावारिस कार में नोटों से भरा बोरा मिलने की जांच में सात पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली। तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर समेत तीन दरोगा और तीन सिपाहियों पर निलंबित कर दिया गया।
कुछ अफसरो की भूमिका शक के दायरे में
मामले में पुलिस अधिकारी लूट की बरामदगी बताने में जुटे हैं। हालांकि बड़े पैमाने पर हवाला के पैसे का लेनदेन सामने आने के बाद सभी ने चुप्पी साध रखी है। वहीं, इस मामले में कुछ अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।
DCP काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलाशा
शंकुलधारा पोखरे के पास 30 जून को एक कार की डिगी में बोरे को खोलने पर उसमें रुपए बरामद हुए थे। थाने लाकर कैश की गिनती में 92 लाख 94 हजार 600 रुपए मिले। नोटों की बरामदगी की बात चहुंओर फैल गई, कमिश्नरेट के अफसरों ने जांच की, तो कहानी कुछ और ही सामने आई। DCP काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में ही स्पष्ट हुआ कि पूरे प्रकरण में लाइन हाजिर किए गए इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे के अलावा तीन दरोगा और तीन सिपाही शामिल हैं।
अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने किया निलम्बित
अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने रिपोर्ट के आधार पर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, SI सुशील कुमार, SI महेश कुमार, SI उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इंस्पेक्टर और सिपाहियों में खिंचा पाला
ऐसा माना जा रहा है कि रुपयों की बरामदगी में सबकी हिस्सेदारी तय नहीं होने से दो पाले खिंच गए। इसमें इंस्पेक्टर एक ओर हैं और उनके साथ पैसे के हेरफेर में शामिल अन्य पुलिसकर्मी दूसरे पाले में हैं। जांच के बयान में पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं थी। उनके थाना प्रभारी उन्हें निर्देशित किया तो वह उनके निर्देश के क्रम में अपनी ड्यूटी समझ कर उनके साथ गए थे।
लूट की घटना से हो सकता है ताल्लुक
पुलिस अधिकारी खोजवा स्थित शंकुलधारा पोखरे के समीप कार की डिग्गी में मिले 92.94 लाख रुपये के मामले को लूट की बरामदगी बताने की कहानी सुना रही है।
ACP ने बताया कि 29 मई को बैजनत्था के व्यापारी से एक करोड़ 40 लाख लूट का केस दर्ज है। बरामद नगदी उसी से संबंधित है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गुरुजी की ही सूचना पर हवाला की बड़ी रकम का खोजवा क्षेत्र से हेराफेरी हुई।
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