विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम “Solutions to Plastic Pollution” है। यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित है
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चंदौली।विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधे लगाए गए। पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लिया गया। रैलियां निकालकर पर्यावरण की महत्ता बताई गई। पूरे जनपद ही नही बल्कि पूरे प्रदेश व देश में पर्यावरण दिवस पर गोष्ठियां व कार्यक्रम के साथ ही साथ पौधरोपड का कार्य भी किया गया। इसी क्रम में 2023 में केवल चंदौली जनपद में 62 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस विशेष दिन को लोग जनसहभागिता के रूप में मनाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। हालांकि आज के औद्योगीकरण के दौर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चिंता का विषय बन गया है। इसके चलते दुनियाभर के इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है।
पर्यावरण दिवस का इतिहास
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1972 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया, तब से हर वर्ष इस दिन को मनाया जाने लगा। संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला लिया था लेकिन पर्यावरण दिवस सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया। 1972 में स्टॉकहोम में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था।
चकिया के दिलकुशा में चकिया के नवागत चेयरमैन गौरव श्रीवास्त्व ने दिलाई पर्यावरण की शपथ
वन क्षेत्राधिकारी चकिया योगेश सिंह, नगर पंचायत चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव व परशुराम सिंह ने वन विश्राम गृह दिलकुशा, ब्लाक परिसर में रविंद्र प्रताप सिंह यादव व एडीओ पंचायत एनडी तिवारी, वन क्षेत्राधिकारी चंद्रप्रभा विनोद कुमार पांडेय के नेतृत्व में राजदरी जलप्रपात परिसर में पौधे लगाए। चकिया के वार्ड नंबर पांच व काली नगर के ठाकुर बाग परिसर में व नगर पंचायत, तहसील परिसर में पौधे लगाए गए। वही वन विश्राम गृह में चकिया के नव निर्वाचित चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी दिलवाया।
धरती को इंसान के रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति व पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी-डाँ परशुराम सिंह
इस दौरान वृक्ष वन्धु व सनातन धर्म संघ व राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व आदर्श जन चेतना समिति के संरक्षक डॉ परशुराम सिंह ने कहा कि दुनियाभर के तमाम देश पर्यावरण दिवस मना रहे हैं। मानव और प्रकृति का गहरा नाता है। जहां प्रकृति है, वहां जीवन है और जब इसी प्रकृति को क्षति पहुंचती है तो जीवन पर भी असर पड़ता है। प्रकृति मानव के स्वस्थ जीवन के लिए बहुत कुछ देती है। बदले में मानव पर्यावरण दूषित करता है और प्रकृति का दोहन करता है। जिससे समय के साथ पर्यावरण व प्रकृति नष्ट होती जा रही है। कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का कारण भी पर्यावरण बन सकता है। जीवनदायिनी धरती को रहने योग्य बनाने के लिए पेड़ पौधों के जीवन को बचाने और पर्यावरण प्रदूषण के कारकों को कम किया जा सकता है। इस कार्य के लिए दूसरों को भी प्रेरित करें।
ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके
उन्होने कहा कि धरती को इंसान के रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति व पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए। पर्यावरण और धरती जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है, जैसे सांस लेने के लिए हवा और पेट भरने के लिए भोजन पानी। हालांकि धरती को जीने के लिए एक अच्छे वातावरण की जरूरत होती है, जो प्रकृति देती है। प्रकृति और पर्यावरण ब्रह्मांड को सुचारू तौर पर चलाने का काम करता है। इंसान का कर्तव्य है कि ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। वही उन्होने सबसे निवेदन किया कि आज आवश्यकता है पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने की। केवल पेड लगाने से कुछ नही होगा। इसका संरक्षण भी जरूरी है। उन्होने पॉच संकल्प लेने की बात कही। उन्होने कहा कि
विश्व पर्यावरण दिवस पर लीजिए ये पांच संकल्प
पर्यावरण संरक्षण का पहला संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पहला संकल्प लीजिए कि कचरे को सही स्थान तक पहुंचाएंगे। हर दिन घर से बहुत सारा कचरा निकलता है। इसमें सूखा व गीला कचरा होता है, जिसे लोग इधर उधर फेंक देते हैं। यही कचरा सही जगह पर न फेंकने के कारण जानवरों के पेट में या नदियों को गंदा करने का काम करता है। जिससे प्रदूषण फैलता है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत घर से करें। घर से निकलने वाले कचरे को कूड़ेदान में डालें। इस दौरान सूखे व गीले कचरे को अलग अलग रखें ताकि उन्हे सही से व्यवस्थित किया जा सके।
दूसरा संकल्प
इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों, सभी के जीवन के लिए शुद्ध वायु आवश्यक है। इंसान को सांस लेने के लिए हवा चाहिए लेकिन अगर यह हवा दूषित हो तो जीना दूबर हो जाता है। श्वास संबंधी समस्याएं होने लगती है। वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारक हमारी गाड़ियों से निकलने वाला दूषित धुआं है। पेट्रोल डीजल के वाहन का धुआं नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में पेट्रोल डीजल के बजाए ई वाहन का उपयोग करें। साथ ही अधिक से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं।
तीसरा संकल्प
पेड़ पौधों पर प्रकृति की निर्भरता है। हालांकि अंधाधुंध पेड़ पौधों की कटाई के कारण ऑक्सीजन की कमी हो रही है। वहीं मौसम चक्र भी बिगड़ रहा है। इस कारण आए दिन प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। हालांकि प्रकृति को संरक्षित रखने, ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए पेड़ पौधों की कटाई बंद करें। अगर कहीं पेड़ पौधे काट जा रहे हैं तो आप अधिक से अधिक पौधारोपण अपने आसपास करें। इस पर्यावरण दिवस पर पेड़ों के कटने से प्रकृति को होने वाले नुकसान की भरपाई का संकल्प लें और घर में या आसपास के पार्क में पौधे लगाएं।
चौथा संकल्प
इस वर्ष पर्यावरण दिवस 2023 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान’ निकालना है। प्लास्टिक या पॉलीथिन का इस्तेमाल प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाता है। चूंकि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता, इस कारण यह नदियों, मृदा आदि में पहुंचकर प्रदूषित करता है। ऐसे में प्लास्टिक या पॉलीथिन के उपयोग को बंद करने का संकल्प लें। इसके बजाय पेपर बैग या कपड़े के बैग का उपयोग करें। इस पर्यावरण दिवस पर खुद पॉलीथिन के उपयोग से बचने और दूसरों को भी प्रोत्साहित करने का संकल्प लीजिए।
पांचवा संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पांचवा संकल्प उन सभी के लिए लें जो वातावरण को शुद्ध और सुरक्षित रखने में सहायक हैं। जैसे पेड़ पौधे, धरती, मृदा, जीव-जंतु और जल आदि का प्रकृति को सुरक्षित रखने अहम योगदान है। इस मौके पर इन सभी का आभार व्यक्त करें। साथ रही इन सभी का सही संतुलन बना रहे इसके लिए जो कुछ आप कर सकते हैं, वह करने का संकल्प लें।
ग्लोबल वार्मिंग से ‚खतरे हैं भरपूर‚पर्यावरण की रक्षा से कर सकते हैं इन्हें दूर।