शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई हुई।गुजरात की फर्म के कार्यालय में 29 मई की रात दो वाहन से आए असलहाधारियों ने डाला था डाका। 1.40 करोड़ रुपये लूटे गए थे, लेकिन भेलूपुर थाने की पुलिस ने मामले को दबाए रखा। दो दिन बाद 92.94 लाख रुपये की बरामदगी दिखाकर पीठ थपथपाने का प्रयास किया।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। स्थानीय गुजरात की एक फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये की डकैती मामले में दोष उजागर होने के बाद शनिवार को एक इंस्पेक्टर सहित सात पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त होने वाले पुलिस कर्मियों में तत्कालीन भेलूपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार और उत्कर्ष चतुर्वेदी और सिपाही महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र शामिल हैं। इस कार्रवाई से कमिश्नरेट के पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।
1.40 करोड़ रुपये लुटे गये जिसकी सूचना भेलूपुर थाने की पुलिस को थी, बावजूद इसके प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई
बैजनत्था क्षेत्र की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की फर्म के कार्यालय में 29 मई की रात डाका डाला गया और 1.40 करोड़ रुपये लूट लिए गए। इसकी सूचना भेलूपुर थाने की पुलिस को थी, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। बाद में लावारिस कार की डिकी से 92.94 लाख रुपये से ज्यादा की बरामदगी दिखाकर पीठ थपथपाने की कोशिश हुई।
पहले निलम्बन की कार्यवाही फिर कर दी गई सेवा समाप्त ‚ शेष पर विवेचना जारी
मामला जैसे ही आला अधिकारियों के पास पहुंचा, पता चल गया कि सब कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से हुआ है। इसका संज्ञान लेकर भेलूपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र को निलंबित कर दिया गया। जांच आगे बढ़ी और मामले में संलिप्तता उजागर होने के बाद सबको पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस संबंध में पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने बताया कि प्रकरण में सात पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। दर्ज मुकदमे की विवेचना जारी है।
29 मई को डकैती, पुलिस ने 31 मई को दिखाई कम बरामदगी
गुजरात के पाटन जिले के चानरुमा थाने के मकवाना निवासी विक्रम सिंह की तहरीर के आधार पर बीते 4 जून को भेलूपुर थाने में सारनाथ क्षेत्र के तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा और 12 अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ डकैती सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। विक्रम के अनुसार, वह कृषि संबंधी व्यवसाय करने वाली फर्म के कर्मचारी हैं। वह अपनी फर्म के पैसे के कलेक्शन के लिए वाराणसी आए थे। 29 मई की रात वह आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित अपनी फर्म के कार्यालय में मौजूद थे।
1.40 करोड़ रुपये की जगह दिखाई गई थी 92 लाख 94 हजार 600 रुपये की बरामदगी
इसी दौरान दो वाहनों से 12 अज्ञात असलहाधारियों के साथ अजीत मिश्रा उनके कार्यालय आया। अजीत और उसके साथियों ने उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए 1.40 करोड़ रुपये लूट लिए। इस घटना से इतना डर गए कि पुलिस के पास जाकर शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। पुलिस ने 31 मई को खोजवां क्षेत्र के शंकुलधारा पोखरे के पास खड़ी नारंगी रंग की एक लावारिस कार से 92 लाख 94 हजार 600 रुपये की बरामदगी दिखाई। यह मामला एक जून को अखबारों में प्रमुखता से छापा गया। इसके बाद हिम्मत जुटा कर भेलूपुर थाने गए और तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराए। अब पुलिस छानबीन कर रही है।
पुलिस आयुक्त ने डीसीपी काशी जोन को सौंपी थी जांच
लावारिस कार की डिकी से रुपये की बरामदगी के मामले में गोलमाल की जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने एक जून को ही डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम को जांच सौंपी थी। साथ ही तत्कालीन थाना प्रभारी भेलूपुर रमाकांत दुबे का लाइन हाजिर कर दिया था। डीसीपी काशी जोन की रिपोर्ट के आधार पर अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह ने पांच जून को थाना प्रभारी रहे रमाकांत दुबे सहित सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। इसके बाद सातों पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है।