सलिल पांडेय
★सरकारी काम में व्यवधान तथा धमकी की तहरीर कटरा थाने तक जा चुकी है।
★रिटायर्डकर्मी के ख़िलाफ़ जिला प्रशासन से लेकर थाने तक तहरीर
★एक संविदाकर्मी को निकालने का जारी हुआ आदेश
मिर्जापुर। जिला प्रशासन के 5 महीने की कड़ी निगरानी के बाद तथा नए अध्यक्ष के शपथ ग्रहण के सिर्फ 12 दिन के बाद ही नगरपालिका में आखिरकार एक अधिकारी को बेइज्जत किए जाने की खबर आ ही गई। दो दिनों 10 तथा 11 जून को माह के द्वितीय शनिवार एवं रविवार की बंदी के बाद सोमवार, 12 जून को दफ्तर खुलने पर थाने से लेकर कचहरी तक लेफ्ट-राइट की चहलकदमी होती दिखाई पड़ी।
G-20 के वाराणसी कार्यक्रम की ड्यूटी को लेकर हुआ संग्राम
वाराणसी में हो रही उक्त बैठक में शासन के आदेश पर सफाई कर्मियों तथा सफाई उपकरणों को यहां से भेजने की व्यवस्था की गई थी। इसी बीच 9 जून शुक्रवार को एक रिटायर्ड सफाईकर्मी तथा एक संविदाकर्मी तथा चार-पांच सहयोगियों पर लालडिग्गी स्थित पालिका कार्यालय में पहुँच कर लालपीला होने का आरोप लगाया गया है। बात बिगड़ गयी तो मामला DM से लेकर थाने तक पहुंच गया। दरोगा जी को भी लालडिग्गी आना पड़ा लेकिन मामला गर्म तो है लेकिन अभी किसी ठोस कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है। फिलहाल एक संविदाकर्मी को बाहर का रास्ता दिखाने का आदेश दिया गया है।
प्रभुत्व जमाने की आग तथा आग को शोला बनने के लिए हवा देते लोग
दर-असल 5 माह के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की सख्ती से अवैध कमाई की अर्थी पालिका में सज ही गई थी और कुछ दिन और प्रशासन के हाथ पालिका होती तो यह अर्थी श्मशानघाट पहुंच जाती। लेकिन चुनाव के बाद बोर्ड गठित हो गया है। अवैध को वैध बनाने की सीढ़ी लिए घूम रहे लोगों के दिमाग की भी यह घटना बताई जा रही है।
बोर्ड को अर्दब में लेने की शतरंजी चाल
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र मामले में प्रशासन की सख्ती से कतिपय रिटायर्डकर्मी बड़े शोकाकुल थे। दिमाग काम नहीं कर रहा था। जनता की ओर से लगातार मांग की जा रही थी कि गलत कामों में लगे इन रिटायर्डकर्मियों के चंगुल से पालिका को मोक्ष दिलाया जाए। इस मांग से आहत कतिपय रिटायर्डकर्मियों ने 9 जून को अनुशासन का खून सरेशाम कर ही दिया । यह काम नए बोर्ड को यह सन्देश देने के लिए किया हुआ माना जा रहा है ताकि सरल और सौम्य स्वभाव के अध्यक्ष तथा 26 नए पहली बार चयनित सभासदों पर हनक कायम हो कि पालिका के असली पालनकर्ता कौन-कौन लोग हैं?