उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (एलएडीसीएस) एक योजना बनाई ताकि जिन लोगों को कानूनी सहायता की आवश्यकता है वे इसे मुफ्त में प्राप्त कर सकें। यह योजना दो साल तक चलेगी। इससे लोगों को बिना कोर्ट जाए छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा से गरीबो को मिलेगी संजीवनी
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। आज जहा हर आम आदमी कानूनी पचडे से परेशान व फटेहाल होता जा रहा है। ऐसे में योगी सरकार की जनता के लिए इस प्रकार की घोषणा का होना उसके लिए संजीवनी का कार्य करेगा। फिर चाहे वह भले ही दो वर्षो के लिए ही क्यों न हो। सरकार ने प्रदेश की जनता को फ्री कानूनी सहायता देने और छोटे-छोटे विवादों को समझौते के आधार पर निपटाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत दो वर्ष के लिए कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली (एलएडीसीएस) को लागू किया है। योगी सरकार ने प्रदेश की जनता को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है ताकि आपराधिक मामलों में सार्वजनिक रक्षक प्रणाली की तर्ज पर आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जा सके। एलएडीसीएस प्रणाली में चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट काउंसिल की सेवाओं के माध्यम से आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।
आखिर क्या है एलएडीसीएस प्रणाली ?
एलएडीसीएस प्रणाली में चीफ, डिप्टी और असिस्टेंट काउंसिल की सेवाओं के माध्यम से आम जन को कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।प्रदेश की योगी सरकार का एलएडीसीएस का लागू करने का उद्देश्य समाज के कमजोर और निर्बल वर्गों को प्रभावी और कुशल कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए न्यायालय आधारित कानूनी सेवाओं को मजबूत करना है।
अनुसूचित जाति व जन जाति के सदस्य भी उठा सकते है लाभ
योगी सरकार का एलएडीसीएस का लागू करने का उद्देश्य समाज के कमजोर और निर्बल वर्गों को प्रभावी और कुशल कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए न्यायालय आधारित कानूनी सेवाओं को मजबूत करना है। साथ ही पात्र व्यक्तियों को आपराधिक मामलों में गुणात्मक और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करेगा। इसका लाभ अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्य उठा सकते हैं। किसी व्यक्ति द्वारा किए जा रहे अवैध व्यापार से पीड़ित इसका सीधा लाभ ले सकेगा।
यह उठा सकेंगे एलएडीसीएस का लाभ
- – प्रदेश की पीड़ित की महिलाओं, बेटियां और बच्चे।
- – दृष्टिहीनता, कुष्ठ रोग, बहरेपन, दिमागी कमजोरी आदि निर्योग्यता से ग्रस्त व्यक्ति एवं खानाबादोश व्यक्ति ।
- – सामूहिक आपदा, जातीय हिंसा, वर्गीय अत्याचार, बाढ़, अकाल, भूकम्प अथवा औद्योगिक आपदा से पीड़ित व्यक्ति।
- – औद्योगिक कामगार।
- – किशोर अपचारी अर्थात 18 वर्ष तक की आयु के बालक।
- – अभिरक्षा में निरुद्ध व्यक्ति।
- – सुरक्षा गृह, मानसिक अस्पताल अथवा नर्सिंग होम में भर्ती मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति।
- – ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3,00,000/- से कम हो।
यहा भी ले सकेंगे लाभ
- – एलएडीसीएस मुख्यतः जिले अथवा मुख्यालय में आपराधिक मामलों में विशेष रूप से कानूनी सहायता प्रदान करने का कार्य करता है। सभी सत्र न्यायालयों, विशेष न्यायालयों, मजिस्ट्रेट न्यायालयों तथा कार्यकारी न्यायालयों में सभी विविध कार्यों सहित प्रतिनिधित्व, परीक्षण और अपील कर सकेंगे।
- – जिला न्यायालय/कार्यालय में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों को उनकी प्रतिरक्षा के लिए कानूनी सलाह और सहायता प्रदान करना।
- – नालसा स्कीम के तहत गिरफ्तारी से पूर्व अवस्था में कानूनी सहायता प्रदान करना।
- – फौजदारी मामलों में गिरफ्तारी पश्चात् रिमांड स्तर पर, जमानत, विचारण तथा अपील दाखिल करने के लिए।