- आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की हो रही स्क्रीनिंग
- चिन्हित किये जा रहें कुपोषित व अति कुपोषित बच्चें
- एक जून से प्रारम्भ अभियान चलेगा सितम्बर तक
- अभियान का थीम ‘पोषण के 500 दिन’
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली। गर्भवती व बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए जिले में संभव अभियान चलाया जा रहा है| बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में बीते एक जून से शुरू हुआ यह अभियान सितम्बर माह तक चलेगा|अभियान का थीम ‘पोषण के 500 दिन’ है|इसके तहत गर्भवती और छह माह से कम आयु के बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए इस थीम पर आधारित गतिविधियों का आयोजन समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जा रहा है|साथ ही पांच वर्ष तक के बच्चों में भी कुपोषण की पहचान कर उन्हें पोषितकरने पर भी ध्यान दिया जा रहा है|यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) जया त्रिपाठी ने दी|
विशेष आयोजन जिले के 1873 आंगनबाड़ी केंद्रों पर
डीपीओ ने बताया कि अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पाँच वर्ष तक के बच्चों का वजन, लंबाई, ऊंचाई का नाप लेते हुए उनमें गंभीर कुपोषित (सैम) और गंभीर अल्पवजन के बच्चों को चिन्हित कर रही हैं| इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य प्रबंधन की भी निगरानी की जा रही है| संभव’ पोषण संवर्धन की ओर एक कदम अभियान का विशेष आयोजन जिले के 1873 आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जा रहा है|
जनपद में कुल 1,73204 बच्चों का वजन और लंबाई की माप अब तक की गयी है|जिसमें 385 बच्चे सैम ( अति गंभीर कुपोषण ) श्रेणी के तथा 2050 मैम ( मध्यम गंभीर कुपोषण )श्रेणी के कुपोषित पाये गये है| वजन एवं आयु के आधार पर गंभीर अल्पवजन के कुल 3348 बच्चे चिन्हित हुए है|इसके अलावा 15842 बच्चे मध्यम अल्पवजन के चिन्हांकित हुए है|जिनकी निगरानी 1873 आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये की जा रही है
(सीडीपीओ) राम प्रकाश मौर्या ने बताया कि कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए पहले से ही लगातार प्रयास किये जा रहे हैं |
संभव अभियान में बच्चों का वजन, लंबाई की माप, ली जा रही है,पोषण स्तर पर चिह्नित सभी श्रेणी के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता दिवस वीएचएसएनडी टीकाकरण सत्रों पर और एएनएम के माध्यम से स्वास्थ्य जांच कराया जा रहा है|
गंभीर जटिल चिकित्सकीय लक्षण वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में किया जा रहा भर्ती
गंभीर जटिल चिकित्सकीय लक्षण वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जा रहा है|उन्होंने बताया कि जुलाई माह-में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये अपने-अपने ग्राम पंचायतों में पोषण पंचायतॅ का आयोजन किया जायेगा| इस पोषण पंचायत में सभी ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य शिक्षा पंचायत आजीविका मिशन तथा आंगनबाड़ी विभाग के सभी कर्मचारी सम्मिलित होकर ग्राम पंचायत के लाभार्थियों के परिवारों को पोषण के बारे जागरूक करेंगे|
अगस्त माह में पोषण चौपाल का आयोजन
अगस्त माह में पोषण चौपाल का आयोजन संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में किया जायेगा|जिसमें पात्र एवं जरूरतमंद कुपोषित बच्चों को सभी विभागों के योजनाओं से लाभान्वित कराया जायेगा|सितंबर माह में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण उत्सव का आयोजन किया जाना है|जिसमें कुपोषित श्रेणी में सुधार किये गये बच्चों एवं उनके माता पिता के साथ पोषण उत्सव मनाया जायेगा| साथ ही लाभार्थियों के मां और उनके परिजनों को पौष्टिक सुलभ भोजन को पकाने खाने तथा अन्य आवश्यक पोषण तत्वो की उचित मात्रा में लेने की आवश्यकता को भी बताया जायेगा|जिससे छोटे बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य तथा पोषण की मात्रा में वृद्धि हो सके|
कुपोषित बच्चों के परिवारों को अन्य विभागीय योजनाओं के बारे में किया जायेगा लाभान्वित
इसके साथ ही मातृ पोषण एवं स्तनपान प्रोत्साहन के लिए भी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं|जिसके तहत जिले की कुल गर्भवती 16653 एवं 13537 धात्री माताओं को गर्भावस्था के आखिरी त्रैमास में स्तनपान प्रोत्साहन, द्वितीय सप्ताह में जन्म के समय कम वजन के बच्चे की देखभाल,तृतीय सप्ताह में कंगारु मदर केयर तथा चतुर्थ सप्ताह में स्तनपान तकनीकी जुड़ाव तथा स्थिति के बारे में जागरूक किया जा रहा है|पोषण पाठशाला तथा पोषण उत्सव का भी आयोजन किया जायेगा।अगस्त माहमें ऊपरी आहार को बढ़ावा तथा सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाते हुये दस्त से बचाव, एनीमिया प्रबंधन व जीवन के प्रथम 1000 दिन अभियान चलाया जाएगा|जिसमें चिह्नित कुपोषित बच्चों के परिवारों को अन्य विभागीय योजनाओं के बारे में वंचित परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा|