डूबते पाकिस्तान को गधों का सहारा:चीन से अरबों रुपये की डील, पड़ोसी मुल्क में इकोनॉमी दुरुस्त करने की ये कैसी तैयारी मुफलिसी में तिनके का सहारा ढूंढ रहा पाकिस्तान अब गधों की बिक्री से फॉरेन रिजर्व हासिल करेगा। पाकिस्तान की कैबिनेट ने गधों की खाल समेत मवेशियों और डेयरी उत्पादों के चीन निर्यात को मंजूरी दी है।

डूबते पाकिस्तान को मिला चीन का बड़ा सहारा, दोनों देशों के बीच हुई ये खास डील

चीन ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पंजाब सूबे में 4.8 अरब डॉलर की लागत से 1200 मेगावाट क्षमता का एक परमाणु संयंत्र लगाने के लिए मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. चीन ने यह करार दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के संकेत के तौर पर किया है।

शरीफ ने कहा कि मुश्किल आर्थिक हालात के बीच पाकिस्तान को चीन से इस परियोजना के लिए 4.8 अरब डॉलर का निवेश मिल रहा है जो संदेश देगा कि ‘‘पाकिस्तान वह स्थान है जहां पर चीनी कंपनियां और निवेशक निवेश कर रहे हैं जो उनके विश्वास और भरोसे को इंगित करता है.’’

समझौते पर हस्ताक्षर करने के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे . समझौते के तहत चीन पंजाब के मियांवाली जिले के चश्मा में 1200 मेगावाट क्षमता के एक चश्मा-V परमाणु संयंत्र की स्थापना करेगा.

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अब गधा अर्थव्यवस्था के सहारे आगे बढ़ेगा पाक‍िस्तान, जानें क्या है पूरा प्लान ?

चीन से निवेश बढ़ाने के लिए पाकिस्तान ने अपने यहां गधों की संख्या में इजाफा किया है। जानना जरूरी है कि चीन के लिए गधे आखिर इतने जरूरी क्यों हैं? क्या गधे सुधारेंगे पाकिस्तान के हालात?

पाकिस्तान में गधों की जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक यहां 58 लाख से भी ज्यादा गधे मौजूद हैं. महज एक साल में ही इनकी संख्या में एक लाख की बढ़ोतरी हो गई है… ऐसे में सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान इतने सारे गधों का करता क्या है.

गधों को बेचकर पैसे कमाता है पाकिस्तान

आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अपने देश का खर्च चलाने के लिए जो करे वो कम है. वैसे तो चीन गधों की संख्या में दुनिया में पहले नंबर पर है, लेकिन वहां गधों की डिमांड के चलते पाकिस्तान अपने गधे चीन को बेचता है. वहीं ताजा आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान पशुधन क्षेत्र खेती मूल्य का लगभग 62.68 प्रतिशत है, जो देश की जीडीपी में 14.36 फीसदी का योगदान करता है. यह पिछले साल 2.25 प्रतिशत के मुक़ाबले 3.78 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

चीन में सबसे ज्यादा गधों की आबादी 

खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान केवल चीन को गधों का निर्यात करके विदेशी मुद्रा में सालाना लाखों डॉलर कमाने पर विचार कर रहा है. वहीं स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया है कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी गधों की आबादी पाकिस्तान में है, जिसमें पांच मिलियन से अधिक जानवर हैं. हालांकि, चीन पहले नंबर पर है. वहीं कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन से भारी मांग के कारण पाकिस्तान में गधों की आबादी में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

चीन क्यों करता है गधों का आयात? 

चीन में गधों की भारी मांग है, क्योंकि जिलेटिन आधारित पारंपरिक चीनी दवा इजियाओ की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उसे गधों की जरूरत है. उसी के लिए लाखों गधों मार दिया जाता है. वहीं इस दवा का इस्तेमाल रक्त को पोषण देने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने और उम्र बढ़ने की रफ्तार को धीमा करने के लिए किया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मांस, खाल और दूध सहित गधे के शरीर के लगभग हर हिस्से की बाजार में मांग है और इसका कीमत भी अच्छा है. आमतौर पर चीनी स्ट्रीट फूड में भी इसके मांस का इस्तेमाल किया जाता है. कभी-कभी मांस का उपयोग ग्राहकों की जानकारी के बिना भी किया जाता हैै।

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