- अब तक 100 से अधिक लोगो को कर चुके हैं गंभीर रूप से जख्मी
- बंदरों के आतंक से ग्रामीणों में डर का माहौल
- वन विभाग बना मूकदर्शक‚ नही ले रहा कोई एक्शन
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
शिकारगंज ‚चंदौली। बंदरों के आतंक में क्षेत्रीय ग्रामीण दहशत के माहौल में जी रहे हैं । आखिर वन विभाग इन बन्दरों से कब आम लोगो को दिलाएगा निजाद। बन्दर इतने आक्रामक हो गये है कि वे लगातार लोगो पर हमला कर रहे है। यही नही वे भी समूह में कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार की अलसुबह लगभग 7 बजे ही नेवाजगंज में देखने को मिला जब खबरी न्यूज के पत्रकार अम्बुज मोदनवाल उम्र 27 वर्ष पुत्र दिनेश मोदनवाल को उसके अपने ही मकान के छत पर ब्रश करते समय आये आधा दर्जन बन्दरों के समूह अचानक हमलवार हो गए और खबरी के पत्रकार को अम्बुज मोदनवाल को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। जिसका उपचार चकिया स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में कराया गया।
पहले भी नेवाजगंज के सौ से अधिक लोगों को कर चुके है जख्मी
वही बता दे कि इसके पूर्व में नेवाजगंज ग्राम सभा में अब तक 100 लोगों से ऊपर को जख्मी कर चुके हैं । जिसका प्रार्थना पत्र भी वन विभाग को दिया गया लेकिन उनके कान के ऊपर कोई जू तक नही रेंगा। वही आम लोगो का कहना है कि सिर्फ नेवाजगंज ग्राम में एक हजार से लेकर डेड हजार तक बन्दरों की संख्या मौजूद है।
शिकायत करने के बाद भी वन विभाग बना रहता है मूकदर्शक‚लगता है किसी बडी अनहोनी की दरकार
यही नही जंगल विभाग में कई बार शिकायत करने के बाद भी उदासीनता बनी हुई हैं।
विगत 6 महीने पहले प्रवीण सिंह के द्वारा सीएम पोर्टल पर शिकायत करने के बाद भी जंगल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ग्राम सभा नेवाजगंज से संपूर्ण रुप से बंदर हटा दिए जाने का आख्या लगाकर अपने कार्य की इतिश्री कर लिये थे।
बाबा जागेश्वरनाथ के दर्शनार्थियों के ऊपर भी बन्दर कर चुके है अटैक
जमीनी हकीकत यह है कि स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर बाबा जागेश्वर नाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं पर भी आत्मघाती बंदरों द्वारा हमला हो चुका है। जिसकी शिकायत भी वन विभाग को हो चुकी है। लेकिन इन शिकायतों को वन विभाग के अधिकारी रद्दी के कागज के अलावा और कुछ नही समझते। इस बार पत्रकार के ऊपर बन्दरों का सामूहिक रूप से अटैक हुआ है तो हो सकता है अगली बार और किसी अधिकारी कर्मचारी या फिर आम नागरिक या बच्चों के ऊपर हो। ऐसे में वन विभाग को चेतना होगा कि वे रिहायशी जगहों से बन्दरों को हटवाने का पूरी तरह से बन्दोवस्त करे। नही तो स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ भी भारी घटना घट सकती है।जिसका पूरी तरह से जिम्मेदार वन विभाग ही होगा।