खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। अचानक से कई स्मार्टफोन में इमरजेंसी अलर्ट के फ्लैश के साथ तेज बीप सुनाई दी। यह करीब 30सेकंड तक डिस्प्ले में हुई। जैसे ही यह स्क्रीन पर आई तब फोन वाइब्रेट होने लगा और रिंगटोन बजने लगा। ऐसा तब तक हुआ, जब तक मैसेज पढ़ को पढ़ नहीं लिया गया। यूजर्स हैरान रह गए और सोचने पर मजबूर हो गए कि आखिर ये इमरजेंसी अलर्ट किस चीज का है।घबराहट व ऊहापोहा की स्थिति शुक्रवार दोपहर हजारों लोगों को उस वक्त हुई, जब एक साथ उनके मोबाइलों पर तेज बीप के साथ एलर्ट मैसेज पहुंचे। लोगों की घबराहट तब और बढ़ गई, जब दस मिनट के अंदर दोबारा यह इमरजेंसी एलर्ट मैसेज आया। दरअसल, इन इमरजेंसी एलर्ट मैसेजों को सरकार द्वारा भेजा गया था। सरकार एक एर्लट सिस्टम को टेस्ट कर रही है, जिसके तहत शुक्रवार दोपहर इस मैसेज को लोगों के मोबाइल पर भेजा गया।
आपातकालीन चेतावनी प्रणाली का किया गया परीक्षण
दरअसल, भारत सरकार ने कई स्मार्टफोन पर टेस्ट फ्लैश भेजकर अपनी आपातकालीन चेतावनी प्रणालीका परीक्षण किया। इसके साथ ही मेसेज भेजा गया कि यह भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम के माध्यम से भेजा गया एक सैंपल टेस्ट मैसेज है। कृपया इस संदेश को अनदेखा कर दें क्योंकि आपकी ओर से किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समय समय पर किए जाएंगे परीक्षण
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा यह संदेश टेस्ट पैन-इंडिया इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम ने भेजा। जिसका उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाना और आपात स्थिति के दौरान समय पर अलर्ट करना है।’इनसे घबराने की बात नहीं है। यह लोगों को जागरूक करने के लिए हैं। दूरसंचार विभाग के सेल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम ने कहा कि मोबाइल ऑपरेटरों और सेल प्रसारण प्रणालियों की इमरजेंसी अलर्ट प्रसारण क्षमताओं की दक्षता और प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर ऐसे परीक्षण किए जाएंगे। सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ काम कर रही है ताकि भूकंप, सुनामी और बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर ढंग से तैयारी हो सके।
मैसेज को नेशनल डिजेस्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने किया तैयार
मैसेज टेलीकॉम डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए थे तथा इन्हें नेशनल डिजेस्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने तैयार किया है। इस सिस्टम के विकसित हो जाने पर आपादा के वक्त लोगों को बचाने में खासी राहत होगी। इतना ही नहीं विशेषज्ञ बताते हैं कि प्राकृतिक आपदा के वक्त लोगों की सलामती का पता लगाने व उनके लिए राहत कार्य में भी मदद मिल सकेगी।