भारत बना विश्व का पहला देश जिसने चाँद के साउथ पोल पर की लैंडिंग ‚PM बोले- अब चंदा मामा दूर के नहीं टूर के
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-3 ने इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की है. ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया है. इस सफलता पर पूरे देश में जश्न का माहौल है.
6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम
चंद्रयान-3 ने मंगलवार शाम 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडिंग प्रोसेस शुरू की। इसके बाद अगले 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा।
14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण – डायरेक्टर ISRO
ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा- अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का समय भी लग सकता है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। जल्दी सूर्य पर आदित्य एल1 भेजा जाएगा। गगनयान पर भी काम जारी है।
चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया
चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। वहीं साउथ अफ्रीका से प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को बधाई देकर कहा- अब चंदामामा दूर के नहीं।
भारत के चंद्रयान-3 ने इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की है. ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन गया है. इस सफलता पर पूरे देश में जश्न का माहौल है.
चांद पर कामयाब लैंडिग करने वाला भारत चौथा देश
इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में मिशन लैंड कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।
कामयाब लैंडिंग के बाद रोवर के बाहर निकलने का इंतजार
अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे।
चंद्रयान मिशन को ऑपरेट कर रहे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO ने चंद्रयान को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया था। 41वें दिन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की प्लानिंग की गई।
PM मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, टूर के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है। अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।
तब रूस के नाम हो जाता यह रिकॉर्ड
भारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान उतारने वाला था। 21 अगस्त को यह लैंडिंग होनी थी, लेकिन आखिरी ऑर्बिट बदलते समय रास्ते से भटक गया और चांद की सतह पर क्रैश हो गया।
ब्रिटेन से अमेरिका तक शुभकामनाओं की गूंज
मिशन चंद्रयान 3 की चर्चा सिर्फ देश ही नहीं विदेश में हो रही है. ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक में चंद्रयान के लिए शुभकामनाओं की गूंज तेज हो रही है. लंदन में भारतीय छात्रों ने उद्य शक्ति माता मंदिर में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए पूजा की. वहीं अमेरिका के वर्जीनिया में चंद्रयान 3 के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने हवन कराया.
UK भारतीय उच्चायुक्त ने भी इस मौके को ऐतिहासिक बताया
यूनाइटेड किंगडम में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने भी इस मौके को ऐतिहासिक बताया है. वहीं पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के भारत में मौजूद उच्चायुक्त ने भी चंद्रयान मिशन को गौरव का क्षण बताया है.
साल 2019 में आखिरी 15 मिनट में ही भारत के चंद्रयान मिशन को झटका लगा था ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि चंद्रयान 3 इस बार 15 मिनट्स ऑफ टेरर को पार कर नया इतिहास लिख देगा.
चांद पर लैंडिंग में 41 दिन लगे
चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।
लैंडिंग के बाद अब क्या होगा?
- डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा।
- फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा।
- पहिए चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप छोड़ेंगे।
- विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की। ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे। 50 साइंटिस्ट की रात आंखों में कटी, कमांड सेंटर में रहा उत्साह-बेचैनी का माहौल
- ISRO के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (मॉक्स) में 50 से ज्यादा वैज्ञानिक कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 से मिल रहे आंकड़ों की मंगलवार रातभर पड़ताल में जुटे रहे। वे लैंडर को इनपुट भेजते रहे, ताकि लैंडिंग के समय गलत फैसला लेने की हर गुंजाइश खत्म हो जाए।
- चांद पर लैंडिंग के वक्त इसरो सेंटर में उत्साह और बेचैनी का माहौल रहा।