1976 में औद्योगिक शहर नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था और अब 47 वर्षों के बाद एक नए शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। नोएडा के गठन के 47 वर्ष बाद प्रदेश को एक और नए औद्योगिक शहर की सौगात प्रदेश सरकार ने दी है। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के नाम से नया औद्योगिक शहर झांसी-ग्वालियर मार्ग बसाया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। खास बात ये है कि बीडा का आकार नोएडा से भी बड़ा होगा। नोएडा का गठन 13 हजार हेक्टेयर जमीन से किया गया था। बीडा का गठन करीब 14 हजार हेक्टेयर जमीन से किया जा रहा है। बीडा के लिए सरकार पहले चरण में 5000 करोड़ रुपये की राशि देगी।
बुंदेलखंड में नया औद्योगिक शहर बसाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी
लोकभवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में नया औद्योगिक शहर बसाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। इस फैसले से बुंदेलखंड के जिलों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा और बुनियादी विकास के साथ ही रोजगार सृजन होगा। उत्तर प्रदेश में इससे पहले वर्ष 1976 में नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था और अब 47 वर्षों के बाद एक नया औद्योगिक शहर बसाया जा रहा है। इस संबंध में वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि बुंदेलखंड के विकास को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 11 फीसदी प्रस्ताव केवल इसी क्षेत्र के लिए पास किए गए हैं।
35 हजार एकड़ जमीन पर बनेगा इंडस्ट्रियल टाउनशिप
पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा. 1976 में नोएडा के गठन के 47 वर्षों बाद एक नए औद्योगिक शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है. इसके जरिए झांसी और इसके आसपास के जिलों का कायाकल्प होगा. विकास के साथ ही रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा
47 साल बाद होगी किसी नए शहर की स्थापना
बुंदेलखंड के सतत विकास के साथ-साथ वन ट्रिलियन इकॉनमी की अर्थव्यवस्था बनने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है. लोकभवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में नया औद्योगिक शहर बसाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. इस निर्णय से बुंदेलखंड के जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही यहां रोजगार की असीमित सुविधाओं का सृजन संभव हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में इससे पूर्व 1976 में औद्योगिक शहर नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था और अब 47 वर्षों के बाद एक नए शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है.
पहले चरण में 35 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पारित हुए प्रस्तावों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण और नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा नोएडा की तर्ज पर एक नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप को विकसित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. परियोजना के पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत कर औद्योगिक शहर की स्थापना की जाएगी। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपए है.
अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रुपए का किया गया प्राविधान
सुरेश खन्ना ने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी और इस वर्ष (2023-24)में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है. जो जमीन अधिग्रहित की जाएगी, इसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है.
प्रमुख शहरों से होगी बेहतरीन कनेक्टिविटी
वित्त मंत्री ने बताया कि यह योगी सरकार का बहुत बड़ा कदम है. इस ऐतिहासिक निर्णय से बुंदेलखंड के बहुआयामी विकास को तेज गति मिलेगी. झांसी के आसपास का एरिया बड़े पैमाने पर विकसित हो जाएगा. इसके माध्यम से कुल 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक शहर विकसित करने की योजना है. यह औद्योगिक शहर झांसी-ग्वालियर मार्ग पर प्रस्तावित है जो राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से देश के प्रमुख शहरों से भी जुड़ा होगी. यही नहीं, यह राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से जालौन जनपद से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जुड़कर प्रदेश के अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ेगा,
बढ़ेंगे राजगार के अवसर
उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत टाउनशिप समेत औद्योगिक स्थापना के लिए आवश्यक सभी आवश्यक सुविधाओं का यहां समावेश होगा. इसके गठन से क्षेत्र का सर्वागीण विकास होगा तथा बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा. जन सामान्य को क्षेत्रीय विकास के साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, जिसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा.यह कदम प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देगा। सरकार ने जो वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने का संकल्प लिया है, वो इसके माध्यम से पूरा हो सकेगा.
पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपये है। बीडा के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जो जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, उसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है।
पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपये है। बीडा के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जो जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, उसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है।
35 हजार एकड़ जमीन पर बनेगा इंडस्ट्रियल टाउनशिप
पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा. 1976 में नोएडा के गठन के 47 वर्षों बाद एक नए औद्योगिक शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है. इसके जरिए झांसी और इसके आसपास के जिलों का कायाकल्प होगा. विकास के साथ ही रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा
47 साल बाद होगी किसी नए शहर की स्थापना
बुंदेलखंड के सतत विकास के साथ-साथ वन ट्रिलियन इकॉनमी की अर्थव्यवस्था बनने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है. लोकभवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में नया औद्योगिक शहर बसाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. इस निर्णय से बुंदेलखंड के जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही यहां रोजगार की असीमित सुविधाओं का सृजन संभव हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में इससे पूर्व 1976 में औद्योगिक शहर नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था और अब 47 वर्षों के बाद एक नए शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है.
पहले चरण में 35 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण
कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पारित हुए प्रस्तावों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण और नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा नोएडा की तर्ज पर एक नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप को विकसित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. परियोजना के पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत कर औद्योगिक शहर की स्थापना की जाएगी। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपए है.
अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रुपए का किया गया प्राविधान
सुरेश खन्ना ने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी और इस वर्ष (2023-24)में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है. जो जमीन अधिग्रहित की जाएगी, इसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है.
प्रमुख शहरों से होगी बेहतरीन कनेक्टिविटी
वित्त मंत्री ने बताया कि यह योगी सरकार का बहुत बड़ा कदम है. इस ऐतिहासिक निर्णय से बुंदेलखंड के बहुआयामी विकास को तेज गति मिलेगी. झांसी के आसपास का एरिया बड़े पैमाने पर विकसित हो जाएगा. इसके माध्यम से कुल 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक शहर विकसित करने की योजना है. यह औद्योगिक शहर झांसी-ग्वालियर मार्ग पर प्रस्तावित है जो राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से देश के प्रमुख शहरों से भी जुड़ा होगी. यही नहीं, यह राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से जालौन जनपद से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जुड़कर प्रदेश के अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ेगा,
बढ़ेंगे राजगार के अवसर
उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत टाउनशिप समेत औद्योगिक स्थापना के लिए आवश्यक सभी आवश्यक सुविधाओं का यहां समावेश होगा. इसके गठन से क्षेत्र का सर्वागीण विकास होगा तथा बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा. जन सामान्य को क्षेत्रीय विकास के साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, जिसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा.यह कदम प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देगा। सरकार ने जो वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने का संकल्प लिया है, वो इसके माध्यम से पूरा हो सकेगा।