- एक्सिस बैंक से दिनदाहड़े लूटे गए 22 लाख रूपए : एक मरा, चार घायल
- सन् 1985 में जीआईसी के बड़े बाबू की हत्या के साथ हुई थी लूट की घटना
सलिल पांडेय की रिर्पोट
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
मिर्जापुर। लंबे अंतराल के बाद जिले के मुख्यालय पर हथियारबंद बदमाशों ने एक बैंक गार्ड की दिनदहाड़े हत्या कर कैश वैन लूट लिया। घटना की खबर आग की लपटों की तरह जिले में फैलते ही डीआईजी, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए लेकिन इसके पहले बड़ी शान से दो मोटर साइकिल पर सवार चारों बदमाश रुपयों से भरा लोहे का कैश बॉक्स लेकर रफूचक्कर हो गए। घटना स्थल पर तमाशबीनों की बढ़ती तादाद देखकर पुलिस ने भीड़ नियंत्रित करने के लिए आसपास प्रतिबन्ध लगा दिया।
गार्ड लहू-लुहान होकर गिरा‚मौक़े-बारदात पर ही हुई मौत
नगर के हृदय स्थल बेलतर (डंकीनगंज) स्थित एक्सेस बैंक के भीड़भाड़ वाले इलाके में सामान्य दिनों की तरह मंगलवार, 12/9 को रुपए लाए गए। ये रुपए एलआईसी के कटरा बाजीराव स्थित शाखा से स्पेशल कलेक्शन वाहन पर रख के लाए गए थे। रुपए के बॉक्स उतारने के पहले असलहाधारी गार्ड और गाड़ी पर बैठा कैशियर नीचे उतरा। इसी बीच घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग कर दी, जिससे जय सिंह नामक गार्ड लहू-लुहान होकर गिर पड़ा और उसकी मौक़े-बारदात मृत्यु हो गई। फायरिंग से उक्त लोगों के अलावा दो सामान्य नागरिक को भी गोली लगी है। सभी को आनन-फानन मेडिकल कालेज ले जाया गया। जहाँ तीनों का उपचार चल रहा है।
घटना से थर्राया जिला‚पुलिस चौकी से मात्र 100 मीटर की दुरी पर घटी घटना
घटना से नगर और जिला थर्रा उठा। जिला मुख्यालय पर पुलिस चौकी से 100 मीटर की दूरी पर दिनदहाड़े इस तरह किसी हत्या को अंजाम देकर रुपए लूटनेकी घटना लगभग 40 साल बाद यहां घटित हुई है। इस घटना के पूर्व सन् 1985 के आसपास राजकीय इंटर कालेज के प्रधान लिपिक की बैंक से कॉलेज के 95 हज़ार रुपए लेकर आते समय हत्या कर लूट की घटना हुई थी। फिलहाल ताजा घटना में 22 लाख रुपए लूटे जाने की खबर है जबकि 35 हजार जो बैग में थे, वह बच गए हैं।
हालांकि बैंक से रुपयों की छिनैती की घटना कभी-कभी होती रहती है लेकिन बड़े महानगरों की तरह इस तरह की घटना नई पीढ़ी को पहली बार देखने और सुनने को मिल रही है। उल्लेखनीय है कि लगभग 50 लाख रुपयों की एक लूट की घटना इसी बैंक में कुछ वर्ष पूर्व भी हुई थी। उसमें चूंकि हत्या नहीं हुई थी, सिर्फ असलहों से फायरिंग हुई थी, लिहाजा इस तरह की सनसनी जिले में नहीं फैली थी। उस वक्त की घटना में पुलिस ने मध्य प्रदेश के जंगलों से कुछ रुपए तो बरामद कर लिए थे लेकिन मुलजिम नहीं पकड़े जा सके थे। बहरहाल ताजा घटना के बाद कैश-वाहन के ड्राइवर के लापता होने की बातें सुनाई पड़ी। चूंकि इस तरह की घटना के बाद थाने की हवा खराब हो जाती है और किसी तरह की जानकारी से पुलिस पल्ला झाड़ती है लिहाजा बहुत कुछ बातें सन्देह के सागर में डूबती-उतराती रहती है।