- प्रदेश बदल दिया और छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लूट को दिया अंजाम
- लूट के मंगलमय अभियान के लिए चुन रहे मंगलवार का ही दिन
- मिर्जापुर में मंगलवार 12 तो रायगढ़ में 19 सितंबर को दिखाया कारनामा
सलिल पांडेय
मिर्जापुर। चुनावी- सुगबुगाहट के साथ बैंकों में ताबड़तोड़ लूट और डकैती का क्या रिश्ता हो सकता है, यह तो बदमाशों की गिरफ्तारी तथा के कबूलनामे से ही स्पष्ट होगा लेकिन आज पूर्वाह्न ऐसी आशंका व्यक्त की गई थी कि फिर कोई बैंक लूटा जा सकता है, वह चरितार्थ भी हो गई। इस संबन्ध में एक पोस्ट 19/9 को पूर्वाह्न जारी किया गया था अनुमानों और अनुभवों के आधार पर।
आज 19/9 को फिर लूटा गया एक्सिस बैंक से 5 करोड़ 62 लाख पर जिला था रायगढ़ (छत्तीसगढ़) का
मंगलवार, 19/9 को बैंक खुलते 7 की संख्या में बदमाश बैंक में घुसे और गार्ड को बंधक बनाकर कमरे में बंद किया तथा चाकू मारकर कैशियर से चाभी ले ली और 4 करोड़ 20 लाख नकद तथा 1करोड़ 62 लाख की ज्वेलरी जो ग्राहकों के लॉकर में रखे गए थे, उसे लूट लिया। छतीसगढ़ के सँवादसूत्रों के अनुसार इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है।
मंगलवार का मुहूर्त निकलवाए लगते हैं बदमाश
लूट में अमंगल न हो, ऐसी स्थिति में बदमाश पूरी तरह ज्योतिषीय सिद्धान्तों के अनुसार घटना को अंजाम दे रहे हैं। मिर्जापुर में भी लूट को अंजाम दिया तो वह दिन मंगलवार, 12/9 ही था और ठीक एक सप्ताह बाद छत्तीसगढ़ में कांड किया तो मंगलवार का दिन चयनित किया।
अंतरप्रांतीय गिरोह और स्थानीय गिरोह का गठबंधन है
राजनीतिक दलों के गठबंधन की तरह बदमाशों का भी गठबंधन दिख रहा है। अंतरप्रांतीय के साथ स्थानीय बदमाश भी शामिल लगते हैं क्योंकि मिर्जापुर की तरह छत्तीसगढ़ में भी लूट के बाद भागने में सफल रहे। तमाम कैमरे, पुलिस ड्यूटी सब खेत में पक्षियों को डराने के लिए बने धोख (लकड़ी और घड़े का आदमी) साबित हो गए।
एक्सिस बैंक ही क्यों?
लूट की स्कीम ताबड़तोड़ एक्सिस बैंक में ही क्यों लागू हो रही है, इसको लेकर दिमाग का चकरघिन्नी करना स्वाभाविक है। हर जगह लोकल गार्ड मारे या घायल हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में इस पर जरूर गौर करने की जरूरत है। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिस कम्पनी को गार्डों की नियुक्ति की जिमेदारी दी गई है, उसके जिम्में कौन कौन से प्रदेश और उनकी शाखाएं शामिल हैं?