खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सचिन और सीमा जैसी एक और कहानी घटते-घटते रह गई। बांग्लादेश की दिलरुबा अपने प्रेम के लिए भारत आई लेकिन उसे प्रेमी नहीं एक पति और पति मिला। मामला थाने पहुंचा। साथ में पूरा गांव भी। देखते ही देखते सबकुछ बदल गया।
दिलरुबा और यूपी के श्रावस्ती में रहने वाले करीम की दोस्ती टिकटॉक पर हुई थी। जल्द ही यह मोहब्बत में बदल गई। इस दोस्ती के कुछ दिनों के बाद ही दिलरुबा के पति की कोराना से मौत हो गई थी। मौत के बाद यह रिश्ता और गहरा हो गया। अब्दुल करीम ने खुद को सिंगल बताकर प्यार भरी बातें करना जारी रखा। यह प्यार तब एक झटके में टूट गया जब दिलरुबा अपने बच्चों के साथ वाया कोलकाता, लखनऊ से होते हुए करीम के घर पहुंच गई।
बांग्लादेश के जिला व थाना राउजन चटगांव निवासी दिलरुबा शर्मी के पति शैफुद्दीन की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। उस समय यूपी के श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के भरथा रोशनगढ़ निवासी अब्दुल करीम पुत्र मोहम्मद करीम बुहरान देश में एक बेकरी में काम करता था। टिकटाक के जरिए दिलरुबा शर्मी से संपर्क हुआ। इस दौरान अब्दुल करीम खुद को अविवाहित बताते हुए दिलरुबा से दोस्ती बढ़ाया। धीरे धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों साथ रहने का वादा भी करने लगे।
कहानी फोन पर चैटिंग के साथ रही चलती‚ फिर आया एक नया मोड़
यह कहानी फोन पर चैटिंग पर चलती रही। इस कहानी में मोड़ 30 सितंबर को तब आया। जब दिलरुबा अपने बच्चों के साथ पूछते-पूछते करीम के घर पहुंच गई। हुआ यूं कि दिलरुबा शर्मी टूरिस्ट वीजा पर अपनी पुत्री संजीदा (15), पुत्र मोहम्मद साकिब (12) व मोहम्मद रकीब (7) के साथ 26 सितंबर को कलकत्ता पहुंच गई। जहां से बाद में वह लखनऊ आई। लखनऊ से बहराइच आकर दो दिन वह किसी होटल में रुकने के बाद शुक्रवार को भरथा रोशनगढ़ पहुंच गई।
दिलरुबा ने सुनाई अपनी कहानी
यहां पहुंचने के बाद दिलरुबा को पता चला कि करीम पहले से शादीशुदा है। वह आठ साल के बच्चे का बाप भी है। दिलरुबा शर्मी की कहानी सुन अब्दुल करीम की पत्नी शकीला बानो व आठ वर्षीय पुत्र मोहम्मद शादाब ने इसका विरोध किया। घर में हंगामे की नौबत आ गई। शकीला बानो ने इसकी सूचना जोखवा बाजार अपने मायके वालों को भी दे दिया। वह लोग भी जमा हो गए। इसके बाद पूरा मामला एसएसबी व मल्हीपुर पुलिस तक पहुंचा। जहां पुलिस ने दिलरुबा व उसके बच्चों का वीजा जांचा तो वह वैध निकला।
दिलरूबा ने बताया कि उसका आशिक शादीशुदा व झूठा
पुलिस की पूछताछ में दिलरुबा ने बताया कि उसे नहीं पता था कि अब्दुल करीम शादीशुदा व झूठा है। वह प्यार तलाशने के लिए यहां आई थी। पर अब वह ऐसे इंसान के साथ वह अपने बच्चों संग रह कर जीवन बर्बाद नहीं करेगी। पुलिस से हुई बातचीत और परिवार के विरोध के बाद वह बच्चों संग वापस लखनऊ चली गई। इस बारे में थानाध्यक्ष मल्हीपुर धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि महिला बच्चो को लेकर ट्रेवल एजेंट के साथ लखनऊ गई है। जहां से टिकट कंफर्म होते ही वह वापस बांग्लादेश चली जाएगी।