कूड़ेदार चैनलों की बहार!
सलिल पांडेय
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
‘स्वतन्त्रता का फ़कीर’ और ‘अधनङ्गे फ़कीर’ की उपाधि से युक्त बापू की जयंती पर कूड़ा-मुक्त भारत बनाने के लिए जो महाअभियान देखा जा रहा उसे ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ क्रांति के पैटर्न पर ‘कूड़ा भारत छोड़ो’ क्रान्ति का नाम तो दिया जा सकता है। यह क्रांति इतनी लोकप्रिय क्रांति साबित हो रही है कि आपस में इंसानों को कूड़ा समझ कर नाक पर रूई ठूस लेने के दौर में ‘कूड़ा-प्रेम’ की बहार आ गई है।
‘कूड़ा’ फ़िल्म बनाने की मन में है चाहत
इधर सेकेंड अमिताभ बच्चन बनने की चाहत में पसीना बहा-बहाकर जिम को दरिया बना देने वाले शाहरुख खान की फ़िल्म ‘जवान’ की कमाई गदराई जवानी जैसी देखकर इन पंक्तियों के लेखक का मन भी जवान हो गया है। फ़िल्म में सेकेंड हैंड का प्रचलन कोई आज से तो है नहीं? कोई किसी के साथ सेकेंड हैंड रिश्ता बनाकर ऊंचा नाम और ऊंचा ओहदा हासिल कर सकता है तो लेखक की यह ख्वाहिश तो स्वाभाविक है कि बाक्स-ऑफिस में धूम-1, धूम-2 को पछाड़ कर ‘जवान’ ने कमाई की जिस तरह असली जवानी दिखा दी है तो ‘कूड़ा फ़िल्म’ बनाकर ‘मचलती जवानी’, ‘जवानी दीवानी’ ‘खिलती जवानी’ ‘जलती जीवनी’, ‘सिसकती जवानी’ टाइप ‘कूड़े की ज़वानी और जुबानी’ नामक फ़िल्म बनाई जाए तो वह भी पॉपुलर हो जाएगी। इसके लिए सेंसर बोर्ड से वयस्कों के लिए ‘A’, नाबालिगों के लिए ‘U’ सर्टिफिकेट के साथ पोलिटिकल लोगों के लिए ‘P’ सर्टिफिकेट’ की मांग की जाए। ‘P’ को टैक्स-फ्री की मांग हो । इसमें पॉलिटिकल लोगों को टोल-टैक्स स्टाईल में मोबाईल से सीधे टैक्स कट की तरह निर्माता के बैंक-खाते में आ जाए। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के दौर में ‘वन फ़िल्म वन नियम’ के लागू होने में तो कोई ना-नुकुर नहीं करेगा।
कूड़ा फ़िल्म की पटकथा
इस फ़िल्म की पटकथा यह है कि लंबे समय से इंतजार कर रहे महानुभाव को प्राइवेट सेकेटरी जब बताता है कि सर, फ़कीर का जनम-दिन आ गया है तो हुजूर पहले तो गुर्राए। उनकी नींद में खलल जो पड़ गई थी। मनमाफ़िक रुतबा मिला है सुकून से सोने के लिए कि चौकीदारों की तरह जागने के लिए?सेकेटरी ने जब उवाच किया कि ढेरों यू-ट्यूबर कूड़े की साइट पर पहुंच कर आर्टिफिशियल गहनों की तरह फेंके गए कूड़ों का वीडियो बना रहे हैं। आसपास के लोगों की बाइट लेने के लिए चक्कर लगाएं, इससे पहले जनाबे-आली आप पहुंच जाएंगे तो गरमागरम चाय के साथ पॉकिट-गरमागरम फार्मूला लागू हो जाएगा और ‘कूडावीरों’ में नाम अंकित हो जाएगा। हेलीकॉप्टर वाला न सही गली-गली घूमने वाला टिकट तो पक्का हो ही जाएगा। इस प्लानिंग से हुजूर मुस्कराए। फटाफट बिना दातून-मंजन की सफ़ाई किए ‘सफाई अभियान’ निकल पड़े और ‘कूड़ा-क्रांति जिंदाबाद’, जिंदाबाद-जिंदाबाद’ के साथ इनोवा गाड़ी में जा बैठे । काफिला निकल तो पड़ा लेकिन जिस साइट पर पहुंचे चार-छः प्लास्टिक बोतलों को देखकर, वह साईट किसी विरोधी गुट द्वारा सजाया गया था। कूड़ा-प्रेम में मारपीट की नौबत आ गई।
कूड़ा क्रांति के चलते बने ढेरों कूड़ा-चैनल
कूड़ा क्रांति के दौर में मिलती TRP के चलते ‘कूड़ा-तक’, ‘कूड़ा-24’, ‘कूड़ा-इंडिया’, ‘रिपीट ‘पब्लिक कूड़ा’ ‘केबीपी’ (कूड़ा-भारत- परेशान) ‘सुदर्शनीय-कूड़ा’ आदि चैनलों पर हाथ में बेमन से झाड़ू लिए हुजूर सड़क फिल्मी नायिकाओं की गाल की तरह चमकाने में दिखाई पड़ने लग गए। उनके साथ भारी अमला-झमला था । लगा कि देश कूड़ा-मुक्त हो ही जाएगा।
गीत गाते मच्छर
हुजूर के कूड़ा-मुक्ति आंदोलन के बाद मच्छरों को कहीं रैपसांग करते तो कहीं डिस्को डांस तो कहीं फ़ास्ट डांस करते पाया गया। इस नाचीज़ ने जब मच्छरों से पूछा कि अकूत जीएसटी कलेक्शन की तरह अकूत कूड़ा कलेक्शन हो गया तो तुम सब कहाँ से आ गए? तो ठठाकर हंसते मच्छरों ने कहा-‘हुजूर के दिमागी कूड़े की हम औलाद हैं, जब तक चलेगा अभियान तब तक हम आबाद हैं।’ बहरहाल ‘कूड़ा-क्रांति जिंदाबाद के साथ अब ज़्यादा कूड़ा की चर्चा हुई और कोरोना वायरसों को पता चला तो फिर धमक जाएंगे लिहाजा खामोशी बेहतर है।
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