खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

लखनऊ।  परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने प्रदेश के सभी गांवों तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें संचालित करने के लिए अधिसूचित और गैर अधिसूचित मार्गों के प्रस्ताव 25 अक्तूबर तक मांगे हैं।

नये रूटों को चिन्हित करने में लग गये सात दशक

दयाशंकर सिंह ने बताया कि मार्गों को अधिसूचित करने संबंधी अधिसूचनाएं 1950 के दशक में जारी हुई थी। उसके बाद बड़ी संख्या में नए मंडल, नए जिले और नए विकास खंड का गठन हुआ है। लेकिन अधिसूचित मार्ग नहीं बने। उन्होंने बताया कि सात दशक बाद अब नए रूटों को चिह्नित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में परिवहन निगम की ओर से गैर अधिसूचित मार्गों सहित 17729 किलोमीटर लंबे अधिसूचित रूटों पर बस सेवाएं दी जा रही हैं। जो कि प्रदेश के कुल मार्गों का 6.78 प्रतिशत मात्र है। उन्होंने कहा कि 460 अधिसूचित मार्गों और गैर अधिसूचित मार्गों का प्रस्ताव मिलने के बाद चिह्नित मार्गों पर निगम की बस सेवा संचालित की जाएगी।

यूपी रोडवेज ने रूट का ले-आउट प्लान किया तैयार

जल्द ही जिले के सभी गांवों को रोडवेज की बस सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए यूपी रोडवेज ने रूट चार्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। रोडवेज ग्रामीण क्षेत्र को कस्बा और जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए इस बार मिनी बसों को रूट पर उतारेगा। रोडवेज के आरएम पीके बोस के अनुसार यूपी सरकार ने जिले के सभी गांवों को रोडवेज बस के जरिए कस्बे और जिला मुख्यालय से जोड़ने का निर्देश दिया है। इसी के चलते यूपी रोडवेज जिले के सभी गांवों को रोडवेज की बस से जोड़ने के लिए रूट का ले-आउट प्लान तैयार किया है।

चंदौली जनपद वालों की भी जगी आस

वही बता दे कि चंदौली जनपद का एक मात्र स्वयं का रोडवेज स्टेशन चकिया में जहाँ से पूर्व में प्रयागराज से लेकर लखनऊ ‚मिर्जापुर‚सोनभद्र तक की बसे जाया करती थी वहा आज का नजारा है कि रोडवेड पर गाय का बसेरा हो गया है और वहाँ पर प्राइवेट टैम्पू स्टैंड अस्थाई तौर पर बना सा प्रतीत होने लगा है। वही बता दे कि पिछले 9 सितम्बर को सपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक मनोज सिंह ने इसकी बधिया उखेडते हुए इसकी काफी आलोचना की थी।

यात्रियों की कमी वाले रूट पर भी होम वर्क पूरा

उन्होंने बताया कि यात्रियों की कमी वाले रूट पर भी होम वर्क पूरा कर लिया गया है। इस बार इन रूटों पर रोडवेज बड़ी बसों को नहीं चलाएगी। इसके लिए रोडवेज ने एक ट्रायल शुरू भी कर दिया है। ट्रायल के लिए रोडवेज ने गाजियाबाद डिपो की दो मिनी बसों को गाजियाबाद से डाबर गांव के रूट पर चलाया है। ट्रायल एक महीने तक चलेगा। इसके सफल रहने के बाद रोडवेज बाकी रूटों पर भी इसी तरह का ट्रायल शुरू करेगा।

कर्नाटक के मुकाबले 20 प्रतिशत यात्री
परिवहन मंत्री ने बताया कि विभागीय सर्वे में सामने आया है कि यूपी में कर्नाटक की तुलना में प्रतिदिन प्रति बस यात्रियों की संख्या मात्र 20 प्रतिशत है। लिहाजा छोटे रूटों पर यात्रियों को रोडवेज बस सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि लखनऊ-इटौजा-सिधौली-कमलापुर-सीतापुर रूट की अधिसूचना 12 फरवरी, 1951 के अधीन है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में अब भी पर्याप्त बस सेवा उपलब्ध कराने की मांग लगातार हो रही है।

अवैध बसों पर लगाएं अंकुश
परिवहन मंत्री ने कहा कि डिपो के बस बेड़े की 50 प्रतिशत बसें डिपो मुख्यालय के 50 किलोमीटर की परिधि में संचालित की जाएं। उन्होंने कहा कि स्थानीय मार्गों पर बसों का संचालन बढ़ने से अवैध रूप से संचालित वाहनों पर भी अंकुश लगेगा।