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  • ‘D’ एलायंस और ‘चिमटा’ एलायंस मिलकर बनाएंगे ‘MDA’ (महा डेंगू एलायंस)
  • ‘MDA’ का फुल फार्म ‘महा डेंगू एलायंस’ है

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

सलिल पांडेय

मिर्जापुर।समय सबसे बड़ा प्रतापी महापुरुषों जैसा होता है। कोई प्रतापी जब अवतरित होता है तब गीता में कृष्ण द्वारा कहे गए ‘यह शरीर पुराना कपड़ा बदल कर नया कपड़ा पहनने की तरह शरीर भी नया बदलता है, इसलिए मेरे अर्जुन, तुम व्यर्थ में चिंता न करो’ सिद्धान्त के अनुसार सब नया कर देता है। अभी कुछ ही दिन तो पहले हाथों में पहनी जाने वाली कंगना की खनक से सुनाई ही पड़ा था कि ‘आजादी की नई तारीख और नया जमाना वर्ष 2014’ है। इस ‘मोहन जोदड़ो हड़प्पा की खुदाई की तर्ज पर जब लांच किया गया तब चैनल वालों ने भी गर्दभ आवाज़ में ढेंचू-ढेंचू करके इसे ही प्रमाणिक तथ्य तो मान ही लिया था।

हमारा नेता कैसा हो : जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो!

समय के अनुसार जब तथ्य बदलते हैं तब नारे भी बदलेंगे ही। अभी हाल में ही पट्टीदारी की दुश्मनी भुलाकर यारी निभाने लिए विवश ‘कमलधारी’ नेता की सभा में नारा भी पुराना वस्त्र बदलते दिखाई पड़ा। नेता कमल को उसी ‘पंजे’ से मसलते हुए और घर-बदल की राह खोजते दिखे। देर से ही सही लेकिन परिवार प्रेम जब उनके दिल में अवतरित हुआ तब दिल की बात जुबां पर आ ही गई कि ‘कमल’ को पैसे वालों ने कॉपीराइट करा रखा है। फ़िर तो नारा गूंजा कि ‘हमारा नेता कैसा हो, जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो’। जाहिर है कि उनका यह टांट ताज़ा जमाने के आदरणीय किसी ‘कारपोरेट साहब’ के लिए ही था।

महाजनो येन गत: स पंथा:

यह स्लोगन आदि महापुरुषों ने दी है। इसे नए जमाने में किस तरह बदला जाए, फ़िलहाल समझ में नहीं आ रहा है। बहुत किया जा सकता है तो ‘महाजनों’ की जगह ‘नेताजनों’ खींचतान करके किया जा सकता है। ये फार्मूला येन-केन-प्रकारेण चुनावी टिकट हासिल करने की कला में ऑलराउंडरों की तरह सफलता में छलांग मारे तो निम्नांकित फॉर्मूला भी हिट और फिट हो जाएगा। बस न्यूज़ वालों की कमजोर नस दबाने का तरीका खोज लिया जाए । फिर तो समर्थन में यह फार्मूला प्राइम टाइम का महामन्त्र हो जाएगा।

‘D’ एलायंस’ पार्टी बनाने की योजना सफलीभूत’

इन दिनों का सबसे पॉवरफूल नेता डेंगू मच्छर दिख रहा है। इसका इतना प्रताप है कि सारे ‘D’ इसके साथ गलबहियां करने लगे हैं। ‘D’ एलायंस पार्टी बनाने का निर्णय भी कर लिया है। इसे ‘D’ से डॉक्टर, दवावाले, डायग्नोस्टिक सेंटर वाले, दूधवाले और ढाब-कीबी बेचने वाली सब आंख मूंद कर सदस्य हो गए हैं। तय हुआ कि इस एलायंस का झंडा रक्त की तरह लाल-लाल होगा। इसका चुनाव चिह्न पार्टी सरगना ‘डेंगू मच्छर’ ही होगा। फिर तो सब मिलकर ट्रिपल ‘D’ ड्रिंक-डिनर-डांस का खूब आनन्द लेंगे। जो इसका विरोध करेगा उसे ऊपर का बिना टिकट यात्रा करा देंगे।

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छोटे-छोटे दलों के मुंह में पानी आ रहा

‘D’ एलायंस से समझौते के लिए ‘चिमटा’ ने कदम बढ़ाया

अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए ‘D’ एलायंस से मिलन के लिए ‘चिमटा’ भी सक्रिय हो गया है। ‘चि+म+टा’ में ‘चि’ से चिकनगुनिया, ‘म’ से मलेरिया और ‘टी’ से टायफाइड शामिल है। तीनों ने तय किया कि हम सब मिलकर रोटी सेंकने के लिए जैसे तवे पर चिमटा काम आता है, वैसे आदमी को तब तक सेंकते रहेंगे जब तक हम सब की रोटी पूरी तरह न सिक जाए। इस एलायंस का नाम ‘MDA’ होगा। यानी महा डेंगू एलायंस।