खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली।रातभर चला आतिशबाजी का दौर। उल्लास व उमंग संग दीप जलाए गए। पूरा शहर दूधिया रोशनी से नहा उठा। लोगों ने अपने घरों में जहां रंगोली बनाई वही दुकानों व प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगे झालरों की मदद से दुल्हन की तरफ सजाया गया।
देर रात तक नगर, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में हुई आतिशबाजी
चौदह वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम, लक्ष्मण, सीता के अयोध्या वापसी की खुशी में लोगों ने हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया और रोशनी से जिले का कोना-कोना चमक उठा। दीपावली पर दीये और विद्युत झालरोंं से घर और गलियों को पूरी तरह सजाया गया। शुभ मुहूर्त में लोगों ने वैभव और धन-ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश की पूजा अर्चना की और मिष्ठान का भोग लगाया। देर रात तक नगर, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में आतिशबाजी हुई।
दीपावली पर्व पर भगवान गणेश व महालक्ष्मी की पूजा के लिए फूलों की दुकानों पर रही भीड़
दीपोत्सव पर शाम होते ही बोलने लगा। घरों से लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान रंग-बिरंगे झालर व मिट्टी के दीए जगमगा उठे। इस दौरान उजियारा फैलते ही चारों ओर अंधियारा मिट गया। फूल व मिठाई की दुकानों पर भीड़ देखी गई।
पूरा इलाका रोशनी से नहा उठा
पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस को ही हो गई थी। दीपावली की सुबह से ही शाम के पूजन अर्चन की तैयारी शुरू हो गई। घरों की साफ सफाई के बाद फूल-माला और रंगोली से घरों को सजाया। शाम वक्त शुभ मुहुर्त में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की और पूरोहितों को बुलाकर विधि विधान से पूजन अर्चन किया। देव विग्रहों को लावा, लाई, चुरा, खील-बतासे और मिठाइयों का भोग लगाया। फूल-माला, धूप-दीप से शृंगार किया और इसके बाद भव्य आरती उतारी। घरों में घरौंदा बनाकर कुल्हिया, चुकिया, ग्वालिन, खिलौनों को लाई, खील बतासों से भरा और पूरे घर को दीप से जलाया। पूजन अर्चन के बाद घर की छतों, दरवाजों पर दीप मालाएं सजाई। दीप मालिका के साथ घरों की छतों पर लगाए गए विद्युत झालरों को शाम को जलाया गया। इससे पूरा इलाका रोशनी से नहा उठा। दीपक की लौ और विद्युत झालरों की लड़ियों की टिमटिमाती रोशनी से आसमान के तारे भी शरमाते नजर आए। पूजन अर्चन के बाद प्रसाद के रूप में मिठाइयों का स्वाद चखा।यही नहीं एक दूसरे के घरों में भी प्रसाद और मिठाइयों बांटी गई और एक दूसरे को दीपावली कीशुभकमानाएं दी। इसके बाद घर के युवा, बुजुर्ग, महिलाएं सभी घर की छतों और दरवाजों पर एकत्र हो गए और आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ।
आतिशबाजी का दौर चला देर रात्रि तक
शाम छह बजे से शुरू हुआ आतिशबाजी का दौर रात दो बजे तक चलता रहा। आसमान रंग बिरंगी फूलझड़ियों से रोशन रहा, वहीं लोगों ने राकेट, अनार, चरखी, बिजली बम, आलू बम सहित अन्य पटाखों को छूडाकर आनंद उठाया। दुकानों में भी दिन भर दुकानदारी के बाद देर शाम पुरोहितों को बुलाकर पूजन अर्चन कराया गया। नया बही खाता की शुरूआत कराई और तुला पूजन, कुबेर पूजन के बाद शुभ के प्रतीक स्वास्तिक का निशान दरवाजे पर लगाया। इसकी पूजा अर्चना की और दूसरे को मिठाई खिलाकर दीपावली की शुभकामना दी।
गेंदे की माला की खूब रही विक्री
बढ़ते प्रदूषण और सजावट के सामान की कीमतों में बेताहासा वृद्धि को देखते हुए घरों, प्रतिष्ठानों की सजावट के लिए लोग फिर से प्रकृति की शरण में पहुंच गए हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों से आर्टिफिशियल माला के साथ रंग बिरंगे फूलों की माला से घरों और प्रतिष्ठानों की सजावट की जा रही है। यही कारण है कि सुबह से ही बाजार में फूलों की दुकान सजी रही। विशेष कर गेंदे की माला की खूब डिमांड रही।
प्राकृतिक श्रृंगारों को भी लोगो ने अपनाया
लोगों ने माला खरीद कर घर के दरवाजे को सजाया वहीं अशोक, आम के पत्तों की लड़ियां सजाई।यही नहीं दरवाजे पर शुभ प्रतीक केले के पेड़ भी लगाए। नगर में जीटी रोड पर मां काली मंदिर के समीप फूल मंडी के अलावा धर्मशाला रोड, परमार कटरा, गल्ला मंडी, रस्तोगी गली, नई सट्टी में फूलों की अस्थाई दुकाने सजाई गई। वहीं ठेला भी गली मुहल्लों में गेंदा की माला की खू बिक्री हुई। दुकानों और ठेलों पर फूलों की माला खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ रही।