चंदौली जिले में तैनात नयी मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह एक ऐसी प्रशासनिक अधिकारी हैं, डॉक्टर से आईएएस अधिकारी बनीं हैं। अपराजिता सिंह ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान फ्रैक्चर हो गया था, इसके बावजूद उनको ऑल इंडिया में 82वीं रैंक मिलीं।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली। आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार एक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े परिवार से हैं। उनके दोनों छोटे भाई उत्कर्ष और आयुष के साथ ही उनकी माँ डॉ. नीता और पिता डॉ. अमर सिंह भी चिकित्सक हैं। सभी राजस्थान के भरतपुर जिले में चिकित्सा सेवा करते हैं।
डा अपराजिता का मेडिकल डाक्टर से IAS अधिकारी बनने तक का सफर
चंदौली जिले में तैनात नयी मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह एक ऐसी प्रशासनिक अधिकारी हैं, डॉक्टर से आईएएस अधिकारी बनीं हैं। अपराजिता सिंह ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान फ्रैक्चर हो गया था, इसके बावजूद उनको ऑल इंडिया में 82वीं रैंक मिलीं।
यह आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार की सफलता की कहानी है, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षाओं में 82वीं रैंक प्राप्त करके सफलता हासिल करने के लिए कई बाधाओं को पार किया।व्यवसाय, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और अन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों के अभ्यर्थी यूपीएससी उत्तीर्ण करने के लक्ष्य के साथ आते हैं। हर साल, लाखों उत्सुक आवेदक परीक्षा के लिए अपनी तैयारी करते हैं, लेकिन केवल कुछ चुनिंदा लोग ही आईएएस, आईपीएस आदि बनने के अपने सपने को पूरा करने में सफल होते हैं। यह कारनामा अपराजिता सिंह ने भी कर दिखाया था।
तैयारी के दौरान फ्रैक्चर हो गया था लेकिन उन्होंने तैयारी में नहीं लिया कोई ब्रेक
अपराजिता सिंह सिनसिनवार ने डॉक्टर बनने के बाद यूपीएससी परीक्षा का पहला अटेंप्ट साल 2017 में दिया था. इसमें वह असफल हो गई थीं लेकिन फिर उन्होंने दोगुनी मेहनत से तैयारी शुरू कर दी थी. साल 2018 में वह 82वीं रैंक के साथ सफल हो गई थीं. सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) की तैयारी के दौरान उन्हें चिकनगुनिया हो गया था. उसके ठीक होते ही उनके फ्रैक्चर हो गया था लेकिन उन्होंने तैयारी में कोई ब्रेक नहीं लिया।
ननिहाल में रहकर की पढाई पूरी ‚पूरा परिवार मेडिकल में
अपराजिता सिंह सिनसिनवार ने रोहतक में अपने नाना-नानी के घर में रहकर ही पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने साल 2017 में Post-Graduate Institute of Medical Sciences (PGIMS) से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है. उन्होंने अपनी स्कूल लाइफ से जुड़ा एक मजेदार किस्सा शेयर किया था. दरअसल, स्कूल के दिनों में उनकी हैंडराइटिंग बहुत खराब थी. एक बार तो इसी वजह से उनकी टीचर ने उन्हें एग्जाम में मार्क्स तक देने से मना कर दिया था.राजिता सिंह सिनसिनवार एक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े परिवार से हैं। उनके दोनों छोटे भाई उत्कर्ष और आयुष के साथ ही उनकी माँ डॉ. नीता और पिता डॉ. अमर सिंह भी चिकित्सक हैं। सभी राजस्थान के भरतपुर जिले में चिकित्सा सेवा करते हैं।
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव‚इंस्टाग्राम पर 47 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स
आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार फिलहाल आंध्र प्रदेश में कार्यरत हैं. वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 47 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. सोशल मीडिया पर वह अक्सर अपनी फोटोज़ शेयर करती रहती हैं. अपराजिता सिंह सिनसिनवार यूपीएससी उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि अगर इंसान खुद से कोई कमिटमेंट कर ले तो कोई भी मुश्किल उसका रास्ता नहीं बदल सकती है.।