अमरेन्दर सिंह की रिर्पोट

सत्तर स्थानों पर बनेंगे आरओबी अथवा आरयूबी


पीडीडीयू नगर। सोननगर अंडाल रेल खंड में वर्तमान में कुल 70 समपार फाटक हैं। इन्हें आरओबी या आरयूबी से समाप्त किया जाएगा। इस खंड में गया के पास फल्गु नदी और बराकर के पास बराकर नदी को पार करने वाले दो महत्वपूर्ण पुल हैं। इसके अलावा 56 प्रमुख पुल और पांच सुरंगें हैं। इनकी लंबाई लगभग 2.64 किमी है। इस खंड में रेलवे भूमि सहित लगभग 97 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है

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पीडीडीयू नगर रेलवे‚चंदौली। पंजाब के लुधियाना से बंगाल के दानकुनी तक बनाए जा रहे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत सोन नगर से अंडाल तक 375 किमी लंबे रेल रूट के लिए बजट में नौ सौ करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 13,605.98 करोड़ रुपए की लागत से इस रेल रूट की मंजूरी बीते अगस्त माह में मिली थी। इस नए रूट के चालू होने से वर्तमान ट्रैक से मालगाड़ियों का बोझ पूरी तरह हट जाएगा। नई लाइन पर मालगाड़ियों का परिचालन होने से वर्तमान ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।

याेजना के तहत ईस्टर्न डीएफसीसी के तहत अलग रेलवे ट्रैक बिछाई जा रही

मालगाड़ियों के तेज परिचालन के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर योजना तैयार की गई है। इसके तहत पंजाब के लुधियाना से बंगाल के दानकुनी तक ईस्टर्न डीएफसीसी के तहत अलग रेलवे ट्रैक बिछाई जा रही है। वर्तमान में पं. दीनदयाल उपाध्याय मंडल में पीडीडीयू नगर से बिहार में सोननगर (चिरइलापौथु) तक लाइन चालू कर दी गई है।

पीडीडीयू नगर से लुधियाना तक डीएफसीसी लाइन चालू

दूसरी तरफ पीडीडीयू नगर से लुधियाना तक डीएफसीसी लाइन चालू हो चुकी है। इस पर मालगाड़ियां दौड़ रही है। 16 अगस्त वर्ष 2023 को केंद्रीय मंत्री मंडल की बैठक में लगभग 32,500 करोड़ रुपये की कुल 2339 किलोमीटर की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इसमें सोननगर अंडाल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना शामिल थी।

बजट में नौ सौ करोड़ रुपये जारी

अब बजट में इसके लिए नौ सौ करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। सोननगर-अंडाल खंड लगभग 375 किलोमीटर लंबा है। यह बिहार में सोन नगर स्टेशन से शुरू होकर झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल राज्य के अंडाल स्टेशन पर समाप्त होता है। इस परियोजना में न्यू काष्ठा, न्यू कोडरमा, न्यू गोमो, न्यू प्रधानखुंटा, न्यू मुगमा और न्यू अंडाल में कुल छह जंक्शन स्टेशन बनाए जाएंगे। यहां यह लाइन भारतीय रेलवे के पारंपरिक ट्रैक से जुड़ता है। वहीं न्यू रफीगंज, न्यू पहाड़पुर, न्यू हीरोडीह और न्यू केशवारी में चार क्रॉसिंग स्टेशन और न्यू कालीपहाड़ी स्टेशन पर एक केबिन है। यह ट्रैक बिहार के औरंगाबाद और गया जिले (133 किलोमीटर), झारखंड के कोडरमा, हज़ारीबाग, गिरिडीह और धनबाद जिले (202 किलोमीटर) और पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले (20 किलोमीटर) से होकर गुजरेगा। इसके चालू होने से खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई तेज गति से हो सकेगी। वहीं वर्तमान ट्रैक पर मालगाड़ियों का बोझ हटने से इस पर अधिक संख्या में ट्रेनें चल सकेगी। इससे यात्रियों को आसानी होगी।

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