सलिल पांडेय

[smartslider3 slider=”7″]

मौनी अमावस्या की तारीख आखिरी तारीख थी

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर। पूर्वांचल के सुविख्यात अधिवक्ता प्यारेलाल अग्रवाल मौनी अमावस्या के दिन चिरस्थाई रूप से मौन हो गए। ईश्वरीय अदालत में उनकी यह आखिरी तारीख थी।वाराणसी में इलाज के दौरान देवलोक के लिए उनका महाप्रस्थान हो गया । वे 89 वर्ष के थे। 10 फरवरी, शनिवार को प्रातः 8 बजे उनका अंतिम संस्कार चौबे घाट पर होगा। पार्थिव शरीर वाराणसी से पुरानी अंजही स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।

आशुतोष अग्रवाल को अपने क्षेत्र में लाकर बनाया अपना उत्तराधिकारी

स्व प्यारेलाल अग्रवाल का नाम न्यायिक सेवा के अलावा उद्योग जगत एवं सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में बड़े आदर के साथ लिया जाता रहा। मृदुभाषी होने की वजह से उनको लोग दिल से सम्मान करते थे।
विगत 60-62 वर्षों से वे फौजदारी के मुकदमों में बतौर अधिवक्ता कार्य करते रहे। गुणवत्तापूर्ण न्यायिक सेवा की वजह से न सिर्फ अधिवक्ताओं बल्कि न्यायिक अधिकारियों द्वारा उनका सम्मान किया जाता रहा, जिसके चलते वे विधिक नियमों के अध्ययन में विशेष रुचि लेते थे। न्याय जगत के जरिए आम आदमी की भलाई का जो उनके मन में भाव था, वह अंत तक बना ही नहीं रहा बल्कि अपने पुत्र आशुतोष अग्रवाल को भी उन्होंने इसी क्षेत्र में लाकर अपना उत्तराधिकारी बनाया। वरना उद्योग जगत में परिवार की शीर्षस्थ स्थिति के चलते यदि वे व्यवसायिक क्षेत्र में समय देते तो वहाँ भी सर्वोत्तम स्थिति में रहते।

लायन्स क्लब, रोटरी क्लब, जैसी, त्रिवेणी आदि संस्थाओं में बतौर पदाधिकारी स्व अग्रवाल ने तन-मन-धन से सेवा की। न्यायिक सेवा में उन्होंने ओलियर घाट में रहने वाले ‘सर जेपी’ के नाम से विख्यात अधिवक्ता स्व जयप्रकाश श्रीवास्तव के साथ वर्ष 1961 से वकालत कार्य शुरू किया। उनके निधन से मिर्जापुर, सोनभद्र सहित पूर्वांचल के जिलों में शोक व्याप्त हुआ है।

[smartslider3 slider=”4″]

, मिर्जापुर।