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डीडीयू नगर से अमरेन्द्र सिंह की रिर्पोट

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

डी डी यू नगर‚चंदौली। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन, पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर मण्डल के तत्वाधान में मंगलवार को विशाल प्रदर्शन किया गया। जिसमें यूनियन के महामंत्री कॉम एस एन पी श्रीवास्तव ने कहा कि रेलकर्मियों की मण्डल में भारी कमी होते हुए संरक्षित , सुरक्षित तथा समय पालन के साथ रेल परिचालन एवं मण्डल की आमदनी में अच्छी वृद्धि के बावजूद कर्मचारियों को बात बात में आरोप पत्र जारी करना व दण्डित करना आज आम बात हो गयी है। इसे युनियन कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।

रेलकर्मी काम के बोझ तले दबे होने से हो रहे मानसिक तथा शारिरिक प्रताड़ना के शिकार

हमारे रेलकर्मी आज काम के बोझ तले दबे होने से मानसिक तथा शारिरिक प्रताड़ना का शिकार हो रहें हैं। कर्मचारियों की एक बड़ी संख्या ह्रदयघात, डाइबिटीज, बीपी, फैटी लिवर, किडनी फेलयूर से बीमार हो रहे हैं। कई कर्मचारी लम्बी बीमारी के कारण बिना वेतन पर हैं। लेकिन प्रशासन को इन बातों पर कोई ध्यान नहीं है।

रेल के साथ साथ प्रोडक्शन यूनिट का भविष्य खतरे में

आज नए लड़को को पेंशन से वंचित किया गया है, महिलाओं की चाइल्ड केयर लिव में कटौती कर ली गई है, वहीं जो काम हमारे रेलकर्मी कर रहे हैं, उस काम को भी आउटसोर्स किया जा रहा है। आज रेल के साथ साथ प्रोडक्शन यूनिट का भविष्य खतरे में है। मशीनें, कल – पुर्जे व श्रम शक्ति हमारी परन्तु काम कराएंगे निजी कम्पनियाँ। कर्मचारियों में बहुत बड़ा आक्रोश है। कर्मचारी किसी कीमत पर ये बर्दाश्त नही करेगा और आल इंडिया रेल्वेमेन्स फेडरेशन तथा ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन 1924 से इनके साथ खड़ा रहा है बलिदानें दी और आज भी खड़ा रहेगा।

रिक्तियों के बावजूद कुछ रेलकर्मियों को रेल के बदले निजी कार्यो में लगाया

वहीं यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष कॉम एस एस डी मिश्रा ने प्रदर्शन को धार देते हुए कहा कि मण्डल में रेल कॉलोनियों की हालत बहुत ही खराब हो गयी है। आवास मरम्मत , आवास भत्ता, ओवर टाइम एवं यात्रा भत्ता के लिए मण्डल में पर्याप्त कोष उपलब्ध नहीं है जबकि रेलकर्मियों के जेब से आवास किराया की अग्रिम कटौती की जाती है, आयकर के रूप में लगभग दो महीने का वेतन काट ली जाती है। रिक्तियों के बावजूद कुछ रेलकर्मियों को रेल के बदले निजी कार्यो में लगाये जा रहे हैं। इसके लिए दोषियों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

90% आवासों का कोडल लाइव समाप्त हो चुकी

आज पूरे जोन में एकमात्र मान्यता प्राप्त यूनियन ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के लाल झंडे के नीचे रेलकर्मी एकजुट हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है इन्हें उचित न्याय दिलाना।केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कॉम मिथलेश कुमार ने अपने सम्बोधन में रेल प्रशासन पर हमला करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों से रेलवे आवासीय परिसर का बेहतर तथा संपूर्ण रखरखाव पर्याप्त कोष की उपलब्धता की कमी के नाम पर नहीं की जा रही है मात्र जोनल टेंडर द्वारा कराई जा रही है जिसमें अधिकतर संवेदक कार्य पूरा नहीं कर पाते अथवा टेंडर टर्मिनेट किया जा रहा है जबकि 90% आवासों का कोडल लाइव समाप्त हो चुकी है छत चुने का मामला हो फर्स टूटने, दीवाल फटने, प्लास्टर गिरने ,पाथवे नहीं होने, सेप्टिक टैंक टूटा खराब होने, नाली टूट /समाप्त होने ,बड़े नाले का क्षतिग्रस्त होने, बड़े नाले के क्षतिग्रस्त होना तथा लकड़ी /लोहे का खिड़कियां तथा दरवाजे का टूटा होना तथा शुद्ध पीने के पानी का मामला हो सभी प्रकार के समस्याओं से कर्मचारियों तथा उनके आश्रित परेशान है ।

एच आर ए को लेकर इंजीनियरिंग विभाग में काफी हीला हवाली

यहां तक की डीडीयू छोड़कर बाकी सभी रेल कॉलोनी तथा सर्विस बिल्डिंग यार्ड केबिन की सफाई नहीं हो पा रही है। साथ ही 70% आवासों में बिजली की वायरिंग जर्जर हो चुका है परंतु इस पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है जब ऐसे आवासों को मुक्त करने के उपरांत निजी किराए के मकान में रहने वाले कर्मचारियों को एच आर ए का भुगतान में भी काफी शर्त लगा रखने से परेशानी बना हुआ है । यह एच आर ए को लेकर इंजीनियरिंग विभाग में काफी हीला हवाली है । तीन-तीन वर्षों से एच आर ए भुगतान की फाइल घूम रहा है ।

सीआईजी मीटिंग के साथ कंप्लायंस हुआ या नहीं इसकी जांच की जाए

जबकि इस संबंध में आठ दिसम्बर को मुख्यालय द्वारा एक पत्र भी मंडल को प्रेषित किया गया है , परंतु अनुपालन नहीं किया जा रहा है। पिछले 3 वर्षों का रेल आवास से संबंधित शिकायतों की सूची तदनुरूप वर्क आर्डर टेंडर का आदेश ,वर्कडन , कितनी कम राशि पर टेंडर फाइनल हुआ है,कितनी राशि रेल आवास पर खर्च हुआ, रखरखाव से संबंधित कॉलोनी केयर मीटिंग या सीआईजी मीटिंग कितनी हुई उसका कंप्लायंस हुआ या नहीं हुआ इसकी जांच की जाए । आवास का अनाधिकृत कब्जा खटाल की स्थिति का जायजा लिया जा सकता है तथा उसे पर क्या कार्रवाई हुई देखा जा सकता है।

आज सबसे अधिक पीड़ित है तो रनिंग कर्मचारी

केंद्रीय उपाध्यक्ष कॉम केदार प्रसाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज सबसे अधिक पीड़ित है तो रनिंग कर्मचारी उनकी हर गलती पर आरोप पत्र जारी किया जा रहा है हर आरोप पत्र के लिए दंड निश्चित रूप से जारी किया जाता है परंतु उनकी गलती के पीछे का वजह पर प्रशासन का जरा भी ध्यान नहीं है हर समय रनिंग कर्मचारियों द्वारा एक-एक नियम का पालन करने पर दबाव दिया जा रहा है ।

रेलवे बोर्ड द्वारा बार-बार जारी दिशा निर्देश के बावजूद नही हो रही कार्यवाही

लेकिन रेलवे बोर्ड द्वारा बार-बार जारी दिशा निर्देश के बावजूद उनकी विश्राम ड्यूटी आवर्स, रनिंग रूम में पर्याप्त सुविधाओं क्रू पॉइंट का ओवर शूटिंग ,लांग अवर्स की कटौती, पर्याप्त वाकी टॉकी उपलब्धता, बीच सेक्शन में रिलीफ होने पर मुख्यालय वापस जाने की व्यवस्था निर्धारित कार्यक्रम के बिना स्पेयर क्रू को सेक्शन में भेजना और आवश्यक रूप से क्रू की बर्बादी उनकी रिक्तियां आदि मुद्दों पर सक्षम अधिकारी से कई बार बात होने के बावजूद प्रशासन की ओर से समाधान के लिए ना कोई बातचीत और ना ही कोई पहल की जा रही है हालात और खराब होता जा रहा है जिसमें शीघ्र एक बैठक कर आवश्यक कार्रवाई किया जाए ।

2020 के बाद रनिंग स्टाफ का ओटी का भुगतान लंबित

इन्होंने कहा कि जनवरी 2017 से अप्रैल 2017 का यांत्रिक विभाग का ओटी 2020-2022 का पावर हाउस का टीए तथा 2020 के बाद रनिंग स्टाफ का ओटी का भुगतान लंबित है । साथ ही टीआरडी तथा सिग्नल विभाग से टीए बिल में मनमाने तरीके से कटौती कर भुगतान का सूचना मिल रहा है ।वहीं प्रत्येक एन एच के लिए अग्रिम अनुमोदन से हमारे कर्मचारी परेशान है। जबकि अन्य मंडलों में वार्षिक स्तर पर कर्मचारी संख्या का अनुमोदन लिया जा रहा है । रात्रि भत्ता के लिए दो कॉपी में कर्मचारियों से बिली पत्र मांगा जाना भी कर्मचारियों के परेशानी का कारण बना है । सभी बिलों के लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए उक्त सभी बिलों के नियमित रूप से भुगतान हेतु कार्मिक एवं लेखा विभाग के बीच संमजस्य बैठने हेतु एक संयुक्त सेल की आवश्यकता है ‌।

आज रेल ट्रैक का अधिकांश कार्य मशीनों द्वारा

केंद्रीय सहायक महामंत्री कॉम बी बी पासवान जी ने प्लांट डिपो की समस्या पर जोर देते हुए कहा कि आज रेल ट्रैक का अधिकांश कार्य मशीनों द्वारा कराई जा रही है।परंतु पूरे मण्डल में ज़्यादातर मशीन साइडिंग में पर्याप्त सुविधाएं जैसे पाथवे, शौचालय, पेयजल तथा बिजली की समस्या बनी हुई है। इसपर मण्डल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।

मंडल में कुल 14000 कर्मचारी तथा आश्रित मिलाकर लगभग 45000 लोगों के निर्भरता एक मंडल रेल अस्पताल डीडीयू ,एक अनुमंडल अस्पताल गया तथा 6 हेल्थ यूनिट पर

आगे इन्होंने कहा कि मंडल में कुल 14000 कर्मचारी तथा आश्रित मिलाकर लगभग 45000 लोगों के निर्भरता एक मंडल रेल अस्पताल डीडीयू ,एक अनुमंडल अस्पताल गया तथा 6 हेल्थ यूनिट पर है । इन सभी अस्पतालों में चिकित्सकों , विशेषज्ञ चिकित्सकों ,पारा मेडिकल स्टाफ ,नर्सिंग, फार्मासिस्ट ,ड्रेसर एक्सरे टेक्निशियन, फिजियोथैरेपिस्ट, अटेंडेंट की भारी कमी है ‌ । मंडल रेल अस्पताल में पिछले दो माह से एक्सरे का काम बंद है । गया में डेंटल चेयर पर डेंटिस्ट की अवधि विस्तार नहीं होने से इलाज महीनों से बंद है ।

12000 लोगों के निर्भरता के बावजूद एक स्त्री विशेषज्ञ एक सर्जन तक नहीं

एचडीआरएच गया में कर्मचारियों तथा आश्रित मिलाकर लगभग 12000 लोगों के निर्भरता है । परंतु एक स्त्री विशेषज्ञ एक सर्जन तक नहीं है ‌। एक भी ड्रेसर की उपलब्धता नहीं है। डेहरी ऑन सोन ,ट्राॅफिक को छोड़कर किसी भी हेल्थ यूनिट में चिकित्सक की उपलब्धता नहीं है ।कहीं फार्मासिस्ट तो कहीं एच ए के सहारे कम चलाया जा रहा ‌। इससे स्पष्ट है कि कर्मचारियों तथा उनके आश्रितों का स्वास्थ्य को लेकर मंडल प्रशासन गंभीर नहीं है ।

2 सालों से रिक्तियों को भरने का काम नहीं

जेम से आउटसोर्सिंग करने के नाम पर लगभग 2 सालों से रिक्तियों को भरने का काम नहीं किया जा रहा है। पूर्व से दी गई सुविधाओं को भी कम किया जा रहा है। डिजिटल एक्सरे मशीन आकर रखा है । सामग्री भी चार-पांच लाख का पड़ा है ।परंतु रिक्तियों की वजह से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। उचित संसाधन उपलब्ध करने के बजाय कहा जाता है कि मरीजों की संख्या कहां है,अस्पताल में कोई काम ही नहीं है ।तत्काल डीआरएच डीडीयू में एक-एक सर्जन, ऑर्थो ,डेंटिस्ट तथा एचडीआरएच गया में एक-एक सर्जन, फिजिशियन ,ऑर्थो ,गायनो ,डेंटिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाए ।जिससे सैकड़ो रोगी आकस्मिक स्थिति में निजी खर्चे पर इलाज तथा जांच करने के मजबूर ना हो।

कर्मचारी हो रहे रन ओवर जिसके लिए मंडल रेल प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार

केंद्रीय संगठन मंत्री श्री राम सिंह ने कहा कि आज गाड़ियों की संख्या अधिक बढ़ी है वही स्पेशल गाड़ियों का परिचालन भी नियमित तौर पर हो रहा है जिसमें रोलिंग स्टॉक ,ट्रैक एवं सिग्नल गियर्स का रखरखाव का कार्य भी ज्यादा बढ़ा है। इसके लिए आवश्यक सामग्री का अत्याधिक अभाव लगातार देखा जा रहा है। ठीक दूसरी ओर सैकड़ो आर्टिजन स्टाफ, ट्रैक मेन्टेनर्स एवं रनिंग स्टाफ को स्टेशनरी /कार्यालय अथवा विविध कार्यों में लगा रखा गया है । इससे मूल्य कार्यों में लगे कर्मचारियों पर दोनों तरफ से कार्य का दबाव है । कई कार्य स्थल पर सुपरवाइजर तथा रनिंग कर्मचारियों के मामले में एच ओ ई आर का पूर्णता उल्लंघन हो रहा है ‌।दबाव में मानव भूल अधिक हो रहा है । SPAD भी हो रहा है । कर्मचारी कई गंभीर रोगों से बीमार हो रहे हैं ।यहां तक की आए दिन कर्मचारी रन ओवर भी हो रहे हैं । जिसके लिए मंडल रेल प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है।

छोटे-छोटे स्टेशन पर रेस्ट रूम एवं गैंग हट का मुद्दा वर्षों से परंतु उपरोक्त बातों पर प्रशासन बिल्कुल उदासीन

आगे इन्होंने कहा कि कितने कार्य स्थल पर कर्मचारियों के लिए कॉमन रूम, वॉशरूम है । कितने पर महिलाओं के लिए अलग वॉशरूम और चेंजिंग रूम है। कई जगह ऐसा है जहां कर्मचारियों को भोजनावकाश के समय भोजन करने के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है । परिचालन सिग्नल तथा इंजीनियरिंग विभाग के लाइन कर्मचारियों के लिए छोटे-छोटे स्टेशन पर रेस्ट रूम एवं गैंग हट का मुद्दा वर्षों से उठाया जा रहा है। परंतु उपरोक्त बातों पर प्रशासन बिल्कुल उदासीन है । अत्यधिक गर्मी तथा आध्यात्मिक सर्दी से बचने के लिए सभी कार्य स्थल पर एसी एवं हीट ब्लोअर लगाए जाने की आवश्यकता है ‌ । रोड साइड स्टेशन के सभी स्टेशनों पर ऑल राइट सिंगल देने के लिए कार्यरत पोर्टर के लिए स्टेशन के दूसरी ओर शेड एवं बैठने की व्यवस्था तथा यांत्रिक विभाग के कर्मचारियों द्वारा गाड़ी प्रशिक्षण हेतु लगाए गए रोलिंग हट की संख्या में विस्तार तथा पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराया जाना चाहिए ‌। आज रात्रि समय में भी विद्युत एवं सिग्नल विफलता पर रोड साइड के स्टेशनों पर ट्रेन की सुविधा के बदले बिना किसी अधिकार पत्र के उन्हें मोटरसाइकिल से भेजा जा रहा है। जिससे हमेशा उनकी जान माल का खतरा बना है रहता है इस पर अभिलंब रोक लगाया जाए।

11 सूत्रीय मांग पत्र मंडल रेल प्रबन्धक के प्रतिनिधि वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी को सौपा

अंत में रेल कर्मचारियों के समस्याओं से सम्बन्धित 11 सूत्रीय मांग पत्र मंडल रेल प्रबन्धक के प्रतिनिधि वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत सिंह को सौपा गया | जिस पर वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी ने कर्मचारियों के समस्याओं को सम्बन्धित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर निराकरण कराने का आश्वासन दिया |

इस अवसर पर यू0सी0 मौर्य,भईया लाल, संजय कुमार शर्मा, सुल्तान अहमद, मुकेश कुमार सिंह एसपी सिंह सोमनाथ सिंह मनदीप कुमार ए एन एस यादव राम प्रवेश के अलावे यूनियन के सैकड़ो नेता , महिला टीम, युवा टीम तथा हजारों रेल कर्मचारी जोरदार नारे एवं ढोलबजे के साथ जुलश लेकर उपस्थित हुए। ये बताते चले कि वर्षों बाद डीडीयू मण्डल कार्यालय पर इस तरह का विशाल धरना प्रदर्शन का हुजूम देखने को मिला है।

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