मतदान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोगों के लिए अपनी सरकार में अपनी बात कहने और अपने हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों को चुनने का एक तरीका है। यह लोगों के लिए अपनी सरकार को जवाबदेह ठहराने का एक तरीका भी है। मतदान लोगों को उन निर्णयों में अपनी बात रखने का अधिकार देता है जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं।

मतदान मौलिक अधिकार होने के साथ-साथ हमारे लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब लोग वोट नहीं देते हैं, तो वे प्रभावी रूप से खुद को चुप करा रहे होते हैं और वोट देने वालों को सत्ता सौंप रहे होते हैं। इससे गलत निर्णय लिए जा सकते हैं जिसका असर हर किसी पर पड़ेगा, यहां तक ​​कि उन लोगों पर भी जिन्होंने वोट देने की जहमत नहीं उठाई।

अब से कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले हैं. भारत के आम चुनाव में करोड़ों मतदाता अपना वोट डालते हैं. चुनावी प्रक्रिया में लाखों की संख्या में कर्मचारी और अधिकारी शामिल होते हैं आज हमारे खबरी की स्टुडियों में चंदौली जिले के स्वीप आईकान डॉ परशुराम सिंह जी मौजूद रहे जिनसे खबरी न्यूज के इडिटर इन चीफ के.सी. श्रीवास्तव एड० से खुलकर खास बातचीत हुई आइएं देखते है चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह ने क्या कहा–

खबरी इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०– आप इसके पहले भी कई बार से स्वीप आईकान हाेते रहे है आप की अगुवाई में जनपद में मतदान का प्रतिशत भी लगातार बढा है आप बताए कि भारत में मतदान करने का अधिकार किसे प्राप्त है ?

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी – हज़ारों की संख्या में उम्मीदवार इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमाते हैं । आम चुनाव में भारतीय संविधान के अनुसार वही लोग वोट कर सकते हैं जिनका नाम मतदान सूची में होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो न तो वोट दे सकते हैं न ही चुनाव में खड़े हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कि भारत में होने वाले चुनावों में कौन मतदान कर सकता है, कौन चुनाव लड़ सकता है और कौन नहीं?

वोट देने का अधिकार किसे है?

भारत का संविधान सभी वयस्क, यानी 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को वोट डालने का अधिकार देता है. ऐसे व्यक्ति को मतदान करने के लिए अपना पंजीकरण करवाना होता है।

  • मत देने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है. यानी जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है वो मतदान नहीं कर सकता है।
  • साथ ही जिस किसी भी भारतीय नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं है, वो भी मतदान नहीं कर सकते हैं।
  • इनके अलावा चुनाव संबंधी अपराध या ग़लत आचरण की वजह से अयोग्य घोषित किया गया व्यक्ति न तो मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकता है और न ही मतदान कर सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति भी मतदान नहीं कर सकते जिनका नाम एक से अधिक मतदाता सूची में होता है।
  • अगर कोई व्यक्ति एनआरआई है और उसने दूसरे देश की नागरिकता नहीं ली है, उसे वोट देने का अधिकार है. हालांकि किसी अन्य देश की नागरिकता ले लेने पर उसके भारतीय चुनाव में वोट देने का अधिकार समाप्त हो जाता है।
  • जो लोग मानसिक रूप से विकलांग हैं और जिन्हें न्यायालय से मानसिक रूप से विकलांग घोषित कर दिया गया है, वो मतदाता सूची में अपना नामांकन नहीं करवा सकते और उन्हें मतदाता पहचान पत्र जारी नहीं किया जाता है।
  • साथ ही जिन लोगों को वोट देने का अधिकार है, वो अपना वोट चुनाव आयोग से निर्धारित मतदान केंद्र में ही डाल सकते हैं अन्य केंद्रों पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

खबरी इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०– आप आज हमारे आडियंस को यह बताए कि भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत चुनाव कौन लड़ सकता है ?

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी – बात आप ने पते की पूछ ली आज मै आप को बताता हूू कि कौन – कौन चुनाव लड सकता है और कौन चुनाव नही लड़ सकता।

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कौन लड़ सकता है चुनाव और कौन नही लड़ सकता है चुनाव ?

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84-ए में यह बताया गया है कि कौन संसद का सदस्य बनने के योग्य है. इसके अनुसार जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है, उसे चुनाव लड़ने का कोई अधिकार नहीं है।
  • लोकसभा, विधानसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतरने के लिए न्यूनतम उम्र 25 वर्ष निर्धारित की गई है, इससे कम उम्र का शख़्स चुनाव नहीं लड़ सकता है।
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 4(डी) के अनुसार, जिस व्यक्ति का नाम संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में नहीं है, वह चुनाव नहीं लड़ सकता है।
  • साथ ही वह व्यक्ति जिसे किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सज़ा हुई है, वह चुनाव नहीं लड़ सकता है।

खबरी न्यूज इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०– आप यह बताये कि किस प्रकार से मतदाता सूची में नाम दर्ज किया जा सकता है।

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी –आप के आज के सारे सवाल आगामी लोकसभा के चुनाव के दृष्टिकोण से काफी सराहनीय है मै आप को बतलाता हूॅ कि किस प्रकार से नाम मतदाता सूची में दर्ज कराये जा सकते है–

मतदाता सूची में अपना नाम कैसे दर्ज करवाएं?

  • एक भारतीय नागरिक जो मतदाता सूची में संशोधन वर्ष की एक जनवरी को 18 साल की आयु पूरा कर रहा है, वो अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकता है।
  • इसके लिए ज़रूरी है कि वह व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र का निवासी हो, जहाँ वह अपना नाम दर्ज कराना चाहता है।
  • इसके लिए उन्हें फार्म-6 भरना होगा. इस फार्म को बूथ लेवल ऑफिसर या बीएलओ से हासिल किया जा सकता है।
  • इसे https://voters.eci.gov.in/login पर जाकर ऑनलाइन भी भरा जा सकता है. अप्रवासी भारतीयों को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए फार्म-6A भरना होता है।

फार्म में आपको अन्य जानकारियों के साथ-साथ आधार नंबर भी देना होता है. हालांकि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, वो भी फार्म भर सकते हैं

खबरी न्यूज इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०–आवेदक को अपने आयु को प्रमाणित करने के लिए कौन से दस्तावेज की आवश्यकता पडती है?

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी – आवेदक को अपनी आयु को प्रमाणित करने के लिए सक्षम अधिकारी की ओर से जारी जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी कक्षा-10 और 12 का प्रमाण पत्र या पासपोर्ट में से किसी एक की प्रति लगानी होती है।

मतदाता सूची में संशोधन के लिए मतदान केंद्रों पर समय-समय पर कैंप लगाए जाते हैं, वहां जाकर भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। अगर आपको इस सिलसिले में किसी तरह की मदद चाहिए हो तो उसके लिए 1950 पर फ़ोन कर सकते हैं।

खबरी न्यूज इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०– एक जानकारी और शेष रह गई वह यह कि अगर मतदाता सूची में जो जानकारियां दर्ज है वे अगर गलत है तो कैसे ठीक कराई जा सकती है?

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी –आइए हम आप के इस सवाल का भी सटीक जबाव देते है और बतलाते है कि –

मतदाता सूची में अगर आपकी जानकारी ग़लत दर्ज है तो उसे कैसे सुधारें?

  • मतदाता सूची में नाम दर्ज हो जाने के बाद अगर उसमें कोई ग़लती रह जाती है, तो मतदाता फ़ॉर्म-8 भरकर उसमें सुधार करवा सकता है।
  • फ़ॉर्म-8 भर कर कोई मतदाता अपने बदले हुए पते की जानकारी भी दे सकता है।
  • इसके अलावा इस फ़ॉर्म-8 के जरिए ही मतदाता पहचान पत्र को भी बदलवाया जा सकता है. अपनी विकलांगता की जानकारी देने के लिए भी मतदाता को फ़ॉर्म-8 ही भरना होगा।

खबरी न्यूज इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०– एक बहुत ही गूढ प्रश्न वह यह कि कोई अगर दृष्टिवाधित है तो वह किस प्रकार से मतदान कर सकता है?

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी – इसकी भी जानकारी मै बता देता हूॅ कि –

दृष्टिबाधित मतदाता कैसे करते हैं मतदान?

  • विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 11 में कहा गया है कि चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी मतदान केंद्रों पर विकलांग व्यक्तियों के लिए सुविधाएं हों।
  • साथ ही चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सभी सामग्री तक उनकी आसान पहुंच हो और वह उनके समझने लायक हों।
  • विकलांग व्यक्तियों के अधिकार क़ानून के तहत 21 विकलांगताओं में दृष्टिबाधिता भी शामिल है।
  • मतदान केंद्र पर दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल लिपि में डमी बैलेट शीट दी जाती है।
  • डमी बैलेट शीट का अध्ययन करने के बाद दृष्टिबाधित को वोट डालने के लिए वोटिंग डिब्बे में जाने की इजाजत दी जाती है।
  • ऐसे मतदाता डमी बैलेट शीट को पढ़ने के बाद ईवीएम पर ब्रेल लिपी में दर्ज विवरण और अपनी पसंद के उम्मीदवार का क्रमांक पढ़कर वोट डाल सकते हैं।
  • मतदान केंद्र पर, दृष्टिबाधित व्यक्तियों को चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49 (एन) के मुताबिक़ एक साथी की सुविधा भी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा दृष्टिबाधित मतदाता अगर चाहता है तो बूथ स्वयंसेवक या पीठासीन अधिकारी की मदद भी ले सकता है।
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खबरी न्यूज इडिटर के.सी. श्रीवास्तव एड०–एक बात बताएं कि आम जन को मतदान के लिए कैसे प्रेरित करें कि वे मतदान करने जाय?

चंदौली के स्वीप आइकान डॉ परशुराम सिंह जी -देश के बारे में लिए गए निर्णयों में अपनी राय रखने के लिए लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है और मतदान ऐसा करने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। हालाँकि, लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना कठिन हो सकता है। यहां लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करने के बारे में हमारे कुछ सुझाव दिए गए हैं–

लोगों को वोट देने के लिए कैसे प्रेरित करें

देश के बारे में लिए गए निर्णयों में अपनी राय रखने के लिए लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है और मतदान ऐसा करने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। हालाँकि, लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करना कठिन हो सकता है। यहां लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित करने के बारे में कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • सुनिश्चित करें कि आप स्वयं मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं और प्रत्येक चुनाव में मतदान करना प्राथमिकता बनाएं।
  • अपने दोस्तों और परिवार के साथ मतदान के महत्व के बारे में बात करें और उन्हें भी पंजीकरण करने और मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • मतदाता पंजीकरण अभियान में शामिल हों या राजनीतिक अभियान के लिए स्वयंसेवक बनें।
  • जो लोग पंजीकृत नहीं हैं, या जो हाल ही में आए हैं, उनसे पंजीकरण कराने का आग्रह करें ताकि वे आगामी चुनाव में भाग ले सकें।
  • सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि आपका मतदान स्थल कहां है और पहले से योजना बनाएं ताकि आप चुनाव के दिन वहां पहुंच सकें। 6. सबसे महत्वपूर्ण बात, सभी को याद दिलाना कि उनका वोट मायने रखता है और हर चुनाव महत्वपूर्ण है!

वोटिंग का असर – के0सी0श्रीवास्तव एड0

किसी भी चुनाव में नतीजा कुछ वोटों से ही तय हो जाता है. इसीलिए आपका वोट इतना महत्वपूर्ण है! जब आप वोट नहीं देते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से अपने समुदाय, राज्य और देश को कैसे चलाया जाता है, इस पर अपनी राय देना छोड़ रहे हैं। इसके अलावा, वोट न देकर आप अपने जीवन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर आवाज उठाने का अवसर भी खो रहे हैं।

केवल व्यक्तिगत जाति या मतपत्र पहल से परे भी मतदान का एक बड़ा प्रभाव होता है। मतदान अपने नागरिक कर्तव्य का पालन करने और समाज का सक्रिय सदस्य बनने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। जब मतदान कम होता है, तो यह संदेश जा सकता है कि लोग विमुख हो गए हैं और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी रुचि नहीं है। इससे भविष्य के चुनावों में मतदान का प्रतिशत और भी कम हो सकता है और साथ ही नागरिकों में सरकार के प्रति असंतोष की सामान्य भावना पैदा हो सकती है।

इसलिए अगली बार जब कोई चुनाव हो, तो सुनिश्चित करें कि आप बाहर निकलें और मतदान करें! यह सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो आप अपने समुदाय, राज्य और देश की दिशा में अपनी बात कहने के लिए कर सकते हैं। हमारी खबरी की टीम
भी पूरी तरह से मतदान जागरूकता में सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर चलने से कोई गुरेज नही करेगी।