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अकेले कानपुर में पैन के 150 से ज्यादा मामलें

डाटा विश्लेषण के जरिये दो पैन से किए जा रहे फर्जीवाड़ा के मामले पकड़े गए हैं। कुछ मामलों की स्क्रूटनी की गई, तो गड़बड़ियों के बारे में पता चला

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

उप्र एवं उत्तराखंड के ऐसे एक हजार लोग जांच के दायरे में

लखनऊ। कालाधन और आयकर चोरी के लोग नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। तरीके निकालने वालों ने तू डाल – डाल तो मै पात –पात का तरीका अपना रखा था। लेकिन अब आयकर विभाग ने दो पैन के जरिये किया जाने वाले फर्जीवाड़ा को पकड़ा है। एक ही फर्म में दो-दो पैन कार्ड का प्रयोग किया जा रहा है। कानपुर रीजन पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड के ऐसे एक हजार लोग जांच के दायरे में आ गए हैं। इन्हें कर चोरी का नोटिस भेजा गया है। कर जमा करने के साथ ही एक पैन सरेंडर करने के लिए कहा गया है। अकेले कानपुर शहर में इस तरह के 150 से ज्यादा मामले पकड़ में आए हैं।

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पैन कार्ड को लेकर आयकर विभाग की तेज नजर से बच पाना हुआ मुश्किल

आयकर विभाग काले धन पर लगाम लगाने के लिए लोगों के हर प्रकार के निवेश के साथ ही खर्च पर नजर रख रहा है। बैंकों में होने वाले लेनदेन से लेकर महंगी गाड़ी, बच्चों की फीस, विदेश यात्रा समेत 26 प्रकार के खर्च पर निगाह है। सूत्रों ने बताया कि विभाग ने डाटा विश्लेषण के जरिये दो पैन से किए जा रहे फर्जीवाड़ा के मामले पकड़े गए हैं। कुछ मामलों की स्क्रूटनी की गई, तो गड़बड़ियों के बारे में पता चला। इसके बाद जानकारी जुटाई गई। इसमें दो पैन का इस्तेमाल किए जाने के बड़े स्तर पर मामलों का खुलासा होता चला गया। सूत्रों ने बताया कि पैन आधारित डाटा पर जोर दिया जा रहा है। इसमें संबंधित की आय, निवेश और खर्च का पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा है।

आइए देखते है किस प्रकार से किया जा रहा है पैन को लेकर फर्जीवाड़ा

शहर के एक व्यापारी ने साझेदारी में फर्म बनाई। एक पार्टनर का देहांत हो गया। फर्म से न तो उनका नाम हटाया गया और न ही उनके पैन को विभाग में सरेंडर किया और न ही बैंक में अपडेट कराया। फर्म के दूसरे पार्टनर कारोबार करते रहे। विभाग ने जांच की तो दो पैन के जरिए लेनदेन होता मिला। बाद में आयकर कम जमा होने पर लाखों के आयकर का नोटिस भेज दिया। विभाग ने एक पैन सरेंडर करने को कहा है। साथ ही कर जमा करने के निर्देश दिए।

पैन के इसी प्रकार के और भी है मामले

शहर की एक ट्रेडिंग फर्म का संचालन करने वाले व्यापारी के रिटर्नों की स्क्रूटनी में पता चला कि उनके पास दो पैन थे। एक पैन का इस्तेमाल वह अपने कारोबार में दिखाते थे और दूसरे का इस्तेमाल वो बैंकिंग के लेनदेन करते थे। उनकी फर्म के खर्च, कारोबार और उनकी आय में काफी अंतर मिला था। जब डाटा फिल्ट्रेशन किया गया तो विभाग को कर चोरी की जानकारी मिली। इसके बाद विभाग ने लाखों की आयकर डिमांड का नोटिस भेज दिया।

आयकर की धारा 272 बी के तहत 10 हजार का जुर्माना

दो पैन का इस्तेमाल करना गलत है। आयकर की धारा 272 बी के तहत दो पैन का इस्तेमाल मिलने पर 10 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है। इसके अलावा एक पैन ही संचालित किया जाना होता है। दूसरा पैन सरेंडर करना होता है। वहीं, जो लोग दो पैन का प्रयोग कर रहे हैं, वो लेनदेन वाले वाले पैन को बैंक खाते में अपडेट कराएं और आयकर विभाग की ई-मेल आईडी पर दूसरा पैन सरेंडर कर दें। ई-मेल करने के कुछ समय बाद दूसरा पैन सरेंडर हो जाएगा। कार्यालय जाने की भी जरूरत नहीं है।

किस प्रकार बन जाता है दूसरा पैन

नियमानुसार एक व्यक्ति का केवल एक ही पैन बनता है, लेकिन तमाम मामलों में देखा गया है कि कभी किसी का पैन कार्ड खो गया है तो उसे वही पैन कार्ड लेने के लिए करेक्शन और पैन कार्ड का विकल्प चुनना चाहिए। लेकिन लोग नए पैन कार्ड के लिए आवेदन कर देते हैं। यदि किसी का पूर्व में डाटा समान होता है तो वो सिस्टम से ही बता दिया जाता है और वो आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। लेकिन कर चोरी करने वाले नाम के डिजिट में छेड़छाड़ करके दूसरा पैन बनवा लेते हैं। इस तरह के मामले भी विभाग ने पकड़े हैं। इसमें आयकर रिटर्न में दूसरा नंबर था जबकि बैंक लेनदेन में दूसरा पैन दिखाया जा रहा था।

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