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स्पेशल रिर्पोट रार्बट्सगंज संसदीय
यह प्रदेश का अकेला जिला है, जो चार राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड की सीमा से सटा हुआ है। इसके बाद भी विकास की रोशनी यहां पर ज्यादा नहीं दिखाई देती है। आदिवासी बाहूल जिले के लोगों को अन्य जिलों और राज्यों में मजदूरी के लिए बाध्य होना पड़ता है। विंध्य और कैमूर पहाड़ियों में बसा यह जिला खनिज संपदाओं से संपन्न है। सोनभद्र का जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज है, और रॉबर्ट्सगंज की यह लोकसभा की सीट सुरक्षित सीट है। यहां पर देश में बह रही लहर के साथ ही राजनीतिक पार्टियों को यहां पर जीत मिलती रही है।
राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर 1952 में पहली बार कांग्रेस के राम स्वरूप सांसद चुने गए थे। राम स्वरुप ने 1967 और 1971 के आम चुनावों में भी कांग्रेस के ही टिकट पर जीत हासिल की थी। हालांकि 1977 में राबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट से जनता दल पार्टी के उम्मीदवार शिव संपत राम ने लोकसभा चुनाव जीत हासिल की थे। वहीं 1980 और 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस के राम प्यारे पानिका को जीत मिली थी।
भाजपा के टिकट पर तीन बार जीते राम शकल
1989 के लोकसभा चुनाव में यह सीट पहली बार भाजपा के पास आई। भाजपा के टिकट पर सूबेदार प्रसाद ने जीत दर्ज की थी, लेकिन भाजपा के पास यह सीट ज्यादा समय तक नहीं रह सकी। 1991 के लोकसभा चुनाव में यह सीट एक बार फिर जनता दल पार्टी के खाते में चली गई। वर्ष 1991 में जनता दल पार्टी के प्रत्याशी राम निहोर राय को चुनाव में सफलता मिली थी। वर्ष 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के पास थी। भाजपा के टिकट पर प्रत्याशी राम शकल तीन बार रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से सांसद रहे।
मोदी लहर में बदला समीकरण
इस सीट पर वर्ष 2004 में बसपा को कामयाबी मिली बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लाल चंद्र कोल को जीत मिली थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट का इतिहास एक फिर बदला और पहली बार समाजवादी पार्टी के अपना परचम लहराया। समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर पकौड़ी लाल ने पहली बार चुनाव जीता, लेकिन 2014 में मोदी लहर के दौरान इस सीट का समीकरण बदला और भाजपा के प्रत्याशी छोटेलाल को जीत मिली।
कांग्रेस रही तीसरे नंबर पर
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और अपना दल (एस) ने गठबंधन किया। अपना दल (एस)-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी पकौड़ी लाल कोल ने राबर्ट्सगंज के 18वें सांसद के रूप में जीत हासिल की। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी भाईलाल कोल को 54,336 मतों से हराकर जीत दर्ज किया। इस दौरान पकौड़ी लाल कोल को 4,47,914 मत, भाईलाल कोल को 3,93,578 और तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी भगवती प्रसाद चौधरी को कुल 35,269 मत मिला। इसके पूर्व इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा।
अभी भी नही घोषित हुआ रार्बट्सगंज संसदीय का प्रत्याशी‚क्या है पेंच
रार्बट्सगंज संसदीय का फँसा पेंच‚ बसपा छोड किसी पार्टी ने नही उतारे अपने कंडिडेट‚लगता है सभी को एक दूसरे का इंतजार
चंदौली।यूपी में बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी, कांग्रेस, और समाजवादी पार्टी (एसपी) जैसे प्रमुख दलों के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकदल (रालोद), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (सोनेलाल), अपना दल (कमेरावादी), निषाद पार्टी जैसी पार्टियां भी मैदान में हैं। इन दलों के मैदान में होने के बावजूद प्रथम चरण का मतदान भी सम्पन्न हो गया ।
अभी भी नही घोषित हुआ रार्बट्सगंज संसदीय का प्रत्याशी‚क्या है पेंच‚बसपा ने खोले पत्ते
आज तक किसी पार्टी ने रार्बट्सगंज संसदीय से अपना प्रत्याशी घोषित नही किया है। आखिर ऐसा कौन सा पेच है जिससे इस संसदीय के प्रत्याशी के नाम की घोषणा नही हो सकी है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट को अपना दल को दे रखा है वहाँ पर अभी किसी की सेटिंग गेटिंग बैठ नही पाई है। जैसे ही बैठ जायेगी उसकी घोषणा कर दी जायेगी। बावजूद इसके वर्ष 2024 की लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा ने रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी ने धनेश्वर गौतम एड को प्रत्याशी घोषित किया है। पेशे से अधिवक्ता धनेश्वर गौतम एड मिर्जापुर के लालगंज क्षेत्र के निवासी हैं। वर्ष 2017 और 2022 में वह बसपा के टिकट पर मिर्जापुर के छानबे विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब वह रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर ताल ठोकेंगे।
रार्बट्सगंज के वर्तमान सांसद का चेहरा किसी मतदाता को याद नही
वही बता दे कि चंदौली जिले में दो संसदीय क्षेत्र है एक चंदौली और दूसरा सोनभद्र, पहले चंदौली जिले में एक ही सांसद हुआ करता था लेकिन जब से सोनभद्र को चंदौली के चकिया और नौगढ़ तहसील में मिला दिया गया है।यूं कहें कि जब से चकिया, नौगढ़ तहसील क्षेत्र सोनभद्र संसदीय क्षेत्र से जुड़ा है तब से आज तक चकिया, और नौगढ़ तहसील क्षेत्र विकास के लिए दया का मोहताज हो गया है। क्योंकि नौगढ़ और चकिया को अभी तक विकास का रास्ता दिखाने वाले सांसद दिखे ही नहीं। वर्तमान सांसद पकौड़ी लाल कोल का चेहरा किसी को याद नही है। जबकि नया चुनाव होने जा रहा है। अभी तक किसी पार्टी ने अपने सोनभद्र संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी की घोषणा नहीं किया है और ये भी तय है कि इस बार इस संसदीय क्षेत्र से मोदी लहर के चमक का असर भी फीका पड़ सकता है।
UP का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र: इस सीट पर एक छोर से दूसरे छोर की दूरी 250 KM, पहुंचने में लगते हैं सात घंटे पॉच राज्यों तक फैली सीमा
सूबे के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र से पांच राज्यों की सीमा जुड़ती हैं। 17.5 लाख मतदाता अपना नया सांसद चुनेंगे। रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर एक छोर से दूसरे छोर की दूरी 250 किमी है, पहुंचने में ही सात घंटे लगते हैं।
रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना आसान नहीं है। पांच राज्यों तक फैली इसकी सीमाएं नापने में प्रत्याशियों को पसीने छूट जाते हैं। यह यूपी का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र भी है। एक छोर से दूसरे छोर की दूरी करीब ढाई सौ किमी है। भौगोलिक रूप से जटिल संरचनाओं के चलते कई गांवों तक प्रत्याशी पहुंच ही नहीं पाते।
मतदाता को बिना चेहरा देखे ही देता होता है मत
इन गांवों में मतदाताओं को अपने प्रत्याशी का चेहरा देखे बिना ही वोट देना पड़ता है। रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पहले मिर्जापुर का हिस्सा था। वर्ष 1962 में परिसीमन के बाद इसका उदय हुआ तो इसमें मिर्जापुर जिले की चुनार, मझवां, राजगढ़ और दुद्धी, रॉबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र शामिल थे।
2009 में परिसीमन से चकिया विधानसभा भी शामिल हो गया रार्बट्सगंज में
वर्ष 2009 में नए परिसीमन ने इस सीट का परिदृश्य बदल दिया। इस परिसीमन में ओबरा और घोरावल दो नए विधानसभा क्षेत्र बने। साथ ही पड़ोसी चंदौली जिले की चकिया विधानसभा सीट को भी इसमें शामिल करते हुए राॅबर्ट्सगंज लोकसभा सीट का पुर्नगठन किया गया।
रॉबर्ट्सगंज उन सीटों में शामिल है, जिनका क्षेत्रफल सबसे ज्यादा
नए परिसीमन के बाद रॉबर्ट्सगंज उन सीटों में शामिल है, जिनका क्षेत्रफल सबसे ज्यादा है। इसका छोर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से लगता है तो दूसरा छोर चंदौली जिले के मुख्यालय के पास तक है। इनके बीच की दूरी करीब ढाई सौ किमी है। झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा से भी दूसरे क्षेत्र की दूरी करीब इतनी ही है।
नामांकन के बाद मतदाताओं तक प्रत्यशियों का पहुचना नामुमकिन
ऐसे में प्रत्याशियों को पूरा चुनावी क्षेत्र घूमने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जिनके नाम पहले से तय हैं, वह तो फिर भी किसी तरह एक-एक गांव में पहुंच जाते हैं, लेकिन नामांकन के बाद उम्मीदवारों को मतदाताओं तक पहुंचना ही संभव नहीं हो पाता।
मतदाताओं तक पहुॅचना प्रत्याशियों के लिए बनी टेड़ी खीर
लिहाजा मतदाता भी कइयों से अनभिज्ञ रहते हैं। इसमें भी चोपन, म्योरपुर, कोन और नगवां ब्लॉक के कई गांवों की बसावट इतनी दुरुह है कि वहां चाहकर भी प्रत्याशी पहुंच नहीं पाते। बड़े राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ताओं व बूथ समितियों के जरिए फिर भी मतदाताओं तक पहुंच जाते हैं, लेकिन अन्य छोटे दलों के पास बूथ स्तरीय संगठन के अभाव में प्रत्याशियों के सामने चुनौती बनी रहती है।
सिर्फ लोकसभा क्षेत्र घूमने में पहुंच जाएंगे वाराणसी से लखनऊ
मप्र की सीमा पर स्थिति शक्तिनगर और बीजपुर की चकिया विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर कांटा विशुनपुरा से आगे तक की दूरी करीब 250 किमी है।
वर्तमान सांसद मतदाताओं के विश्वास पर नही उतरे खड़े
इसी तरह छत्तीसगढ़ सीमा पर सागोबांध, झारखंड सीमा पर छतरपुर, धोरपा की घोरावल विस क्षेत्र के अंतिम छोर मूर्तिया, से भी दूरी करीब 250 किमी है। बता दें वाराणसी से गोरखपुर की दूरी करीब सवा दो सौ किमी है, जबकि लखनऊ तीन सौ किमी है।
क्योंकि वर्तमान सांसद महोदय जनता के विस्वास पर खरे नहीं उतर सके है। यही वजह है कि अभी तक किसी पार्टी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर रहा हैं । एक बात तय है कि सोनभद्र संसदीय सीट पर भाजपा सरकार का विकास का असर बे असर है। अब यहा पार्टी की नहीं प्रत्याशी के कार्य कुशलता के आधार पर चुनाव होने की संभावना है।
यूपी में किस पार्टी ने किसे दिया टिकट, यहां देखें उम्मीदवारों की लिस्ट
सीट | BJP | INDIA | BSP |
सहारनपुर | राघव लखनपाल | इमरान मसूद-कांग्रेस | माजिद अली |
कैराना | प्रदीप कुमार चौधरी | इकरा हसन-सपा | श्रीपाल |
मुजफ्फरनगर | संजीव बालियान | हरेंद्र सिंह मलिका-सपा | दारा सिंह प्रजापति |
बिजनौर | चंदन चौहान-RLD | दीपक सैनी-सपा | चौधरी विजेंद्र सिंह |
नगीना | ओम कुमार | मनोज कुमार-सपा | सुरेंद्र पाल सिंह |
मुरादाबाद | कुंअर सर्वेश कुमार | रुचि वीरा-सपा | इरफान सैफी |
रामपुर | घनश्याम सिंह लोधी | मोहिबुल्लाह नदवी-सपा | जीशान खान |
संभल | परमेश्वर लाल सैनी | जिया उर रहमान वर्क-सपा | |
अमरोहा | कुंअर सिंह तंवर | दानिश अली-कांग्रेस | मुजाहिद हुसैन |
मेरठ | अरुण गोविल | सुनीता वर्मा प्रधान-सपा | देवव्रत त्यागी |
बागपत | राजकुमार सांगवान-RLD | अमरपाल शर्मा-सपा | प्रवीण बंसल |
गाजियाबाद | अतुल गर्ग | डॉली शर्मा-कांग्रेस | |
गौतमबुद्ध नगर | महेश शर्मा | महेंद्र नागर-सपा | राजेंद्र सिंह सोलंकी |
बुलंदशहर | भोला सिंह | शिवराम वाल्मीकि-कांग्रेस | |
अलीगढ़ | सतीश कुमार गौतम | बिजेंद्र सिंह-सपा | |
हाथरस | अनूप प्रधान | जसवीर वाल्मीकि | |
मथुरा | हेमा मालिनी | मुकेश डांगर-कांग्रेस | |
आगरा | एसपी सिंह बघेल | सुरेश चंद कदम | पूजा अमरोही |
फतेहपुर सिकरी | राजकुमार चाहर | रामनाथ सिकरवार-कांग्रेस | |
फिरोजाबाद | ठाकुर विश्वदीप सिंह | अक्षय यादव-सपा | |
मैनपुरी | ठाकुर जयवीर सिंह | डिंपल यादव-सपा | |
एटा | राजवीर सिंह | देवेश शाक्य-सपा | मोहम्मद इरफान |
बदायूं | दुर्विजय सिंह शाक्य | शिवपाल सिंह यादव-सपा | |
आंवला | धर्मेंद्र कश्यप | नीरज मौर्या-सपा | |
बरेली | छत्रपाल सिंह गंगवार | प्रवीण सिंह ऐरन-सपा | छोटेलाल गंगवार |
पीलीभीत | जितिन प्रसाद | भगवत शरण गंगवार | अनीश अहमद खान |
शाहजहांपुर | अरुण कुमार सागर | राजेश कश्यप-सपा | |
खीरी | अजय मिश्रा टेनी | उत्कर्ष वर्मा-सपा | |
धौरहरा | रेखा वर्मा | आनंद भदौरिया-सपा | श्याम किशोर अवस्थी |
सीतापुर | राजेश वर्मा | राकेश राठौर-कांग्रेस | |
हरदोई | जयप्रकाश रावत | उषा वर्मा-सपा | |
मिसरिख | अशोक कुमार रावत | मनोज कुमार राजवंशी-सपा | |
उन्नाव | साक्षी महाराज | अनु टंडन-सपा | अशोक पांडेय |
महाराजगंज | कौशल किशोर | आरके चौधरी-सपा | |
लखनऊ | राजनाथ सिंह | रविदास महरोत्रा-सपा | |
रायबरेली | |||
अमेठी | स्मृति ईरानी | ||
सुल्तानपुर | मेनका गांधी | भीम निषाद | |
प्रतापगढ़ | संगम लाल गुप्ता | एसपी सिंह पटेल-सपा | |
फर्रुखाबाद | मुकेश राजपूत | नवल किशोर शाक्य-सपा | |
इटावा | रामशंकर कठेरिया | जितेंद्र दोहरे-सपा | |
कन्नौज | सुब्रत पाठक | अकील अहमद पट्टा | |
कानपुर | रमेश अवस्थी | आलोक मिश्रा-कांग्रेस | कुलदीप भदौरिया |
अकबरपुर | देवेंद्र सिंह | राजाराम पाल-सपा | राजेश द्विवेद्वी |
जालौन | भानु प्रताप सिंह वर्मा | नारायण दास अहिरवार-सपा | |
झांसी | अनुराग शर्मा | प्रदीप जैन आदित्य | |
हमीरपुर | पुष्पेंद्र सिंह चंदेल | अजेंद्र सिंह राजपूत-सपा | |
बांदा | आरके सिंह पटेल | शिवशंकर सिंह पटेल-सपा | |
फतेहपुर | साध्वी निरंजन ज्योति | ||
कौशांबी | विनोद सोनकर | ||
फूलपुर | प्रवीण पटेल | ||
इलाहाबाद | नीरज पटेल | ||
बाराबंकी | तनुजा पुनिया-कांग्रेस | ||
फैजाबाद | लल्लू सिंह | अवधेश प्रसाद-सपा | सच्चिदानंद पांडेय |
अंबेडकरनगर | रितेश पांडेय | लालजी वर्मा | |
बहराइच | अरविंद गौड़ | रमेश गौतम-सपा | |
कैसरगंज | |||
श्रावस्ती | साकेत मिश्रा | ||
गोंडा | कीर्ति वर्धन सिंह | श्रेया वर्मा-सपा | |
डुमरियागंज | जगदंबिका पाल | ||
बस्ती | हरीश द्विवेद्वी | राम प्रसाद चौधरी | दयाशंकर मिश्रा |
संत कबीर नगर | प्रवीण कुमार निषाद | ||
महाराजगंज | पंकज चौधरी | विरेंद्र चौधरी-कांग्रेस | |
गोरखपुर | रवि किशन | काजल निषाद | जावेद सिमनानी |
कुशीनगर | विजय कुमार दुबे | ||
देवरिया | शशांक मणि त्रिपाठी | अखिलेश प्रताप सिंह-कांग्रेस | |
बांसगांव | कमलेश पासवान | सदल प्रसाद-कांग्रेस | |
लालगंज | नीलम सोनकर | दरोगा सरोज-एसपी | |
आजमगढ़ | दिनेश लाल यादव | धर्मेंद्र यादव | भीम राजभर |
घोसी | अरविंद राजभर-SBSP | राजीव राय-सपा | बाल कृष्ण चौहान |
सलेमपुर | रविंद्र कुशवाहा | ||
बलिया | नीरज शेखर | ||
जौनपुर | कृपा शंकर सिंह | ||
मछलीशहर | बीपी सरोज | ||
गाजीपुर | पारसनाथ राय | अफजाल अंसारी-सपा | |
चंदौली | महेंद्र नाथ पांडेय | विरेंद्र सिंह-सपा | सत्येन्द्र कुमार मौर्य |
वाराणसी | नरेंद्र मोदी | अजय राय-कांग्रेस | |
भदोही | विनोद बिंद | ललितेश पति त्रिपाठी-AITC | |
मिर्जापुर | राजेंद्र बिंद | ||
रॉबर्ट्सगंज | धनेश्वर गौतम एड |
चौथे चरण में शाहजहांपुर (एससी), लखीमपुर खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच में वोटिंग होगी. पांचवें चरण में यूपी में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीट पर मतदान होगा. छठे चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीट पर मतदान होगा. यूपी में सातवें और आखिरी चरण में महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (एससी), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (एससी) वोटिंग होगी।