रामयश चौबे की रिर्पोट
- गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा शाहगंज
- दबंगों ने पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की गोली मारकर की हत्या
- भू-माफियाओं के खिलाफ लगातार कर रहे थे काम
- पुलिस मौके पर पहुंच मामले की जांच में जुटी
- शाहगंज कोतवाली क्षेत्र का मामला
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
परिवार ने पहले ही खतरा जताया था
जौनपुर। पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बता दे कि शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सबरहद के रहने वाले आशुतोष सोमवार की सुबह घर से निकले। कुछ ही दूरी पर बाइक सवार बदमाशों ने उन पर ताबडतोड फायरिंग कर दी। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
पत्रकार को आनन फानन में हास्पीटल लेकर भागे लोग जहाँ पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वही परिवार के लोगो का आरोप है कि उन्होने पहले ही सूचना दे रखी थी उन्हे जान माल का खतरा है। अगर पुलिस समय पर सज्ञान लेती तो आशुतोष की जान बच सकती थी। पुलिस को शव को कब्जे में लेकर पी एम के लिए भेज दिया।
आशुतोष ने पहले ही पुलिस को लेटर लिखकर जताया था जान माल का खतरा
परिजनों का कहना है कि आशुतोष ने एक माह पहले ही क्षेत्राधिकारी शाहगंज और प्रभारी निरीक्षक शाहगंज को प्रार्थना पत्र देकर अपनी जान को खतरा बताया था। साथ ही सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी। पुलिस ने कोई घ्यान नही दिया और न ही प्रार्थना पत्र पर कोई विचार ही किया। आज घटना के बाद पूरे क्षेत्र में जाम है प्रदर्शन हो रहे है।
पुलिस ने कहा था कि शूटर आप को मारना चाहते है फिर भी नही मिली सुरक्षा
आशुतोष के छोटे भाई की पत्नी डाली श्रीवास्तव ने बताया कि आज सुबह 9 जे आशुतोष घर से निकले थे और कहे कि थोडी देर में आकर खाना खाता हूॅ। लेकिन कुछ ही देर बाद गोली से मारे जाने की सूचना मिली। बता दे कि 10 दिन पहले भी उन्हे कोतवाली में बुलाया गया था। पुलिस ने कहा भी था कि आप घर में रहिए दो शूटर आप को मारना चाहते है जिस पर आशुतोष ने कहा था कि मै दूकानदार आदमी हूॅ कब तक अपने घर में रहूँगा। आप मुझे सेक्योरिटी दीजिए। लेकिन पुलिस ने सुरक्षा नही दी।
श्रीवास्तव भाजपा के कार्यकर्ता प्रचार के लिए निकले थे घर से
वही बता दे कि आशुतोष श्रीवास्तव भाजपा के कार्यकर्ता भी है। वह आज सोमवार को सुबह प्रचार प्रसार के लिए बाइक से निकले थे। इस दौरान अपाची सवार बदमाशो ने घर से मात्र 500 मीटर की दूरी पर रोक कर गोलियों से भून दिया। पहले उन्होने सीने व पेट में गोली मारी। गोली लगते ही आशुतोष गिर गये और बाइक सवार रफुचक्कर हो लिए।
पुलिस का कहना है कि परिजनों ने जानकारी दी है कि वे भू माफियाओं के खिलाफ लिखते रहे सम्भावना जताई जा रही है कि इसी रंजिश को लेकर पत्रकार को गोलियों से भूना गया है।