सीतापुर हत्याकांड का मास्टर माइंड अनुराग का बड़ा भाई अजीत निकला
सीतापुर हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पल्हापुर गांव में मां, पत्नी और अपने तीन बच्चों की हत्या अनुराग सिंह ने नहीं, बल्कि उसके बड़े भाई अजीत सिंह ने की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनुराग के सिर में दो गोलियां लगने की बात सामने आने के बाद पुलिस ने अजीत से कड़ाई से पूछताछ की।
अजीत ने छः लोगो के हत्या करने की बात कुबूला
अजित ने परिवार के सभी छह लोगों की हत्या की बात कबूल कर ली। तफ्तीश में तथ्य उजागर हुए हैं कि संपत्ति विवाद में अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व तीन मासूमों के साथ मां सावित्री की भी हत्या कर दी। पहले पुलिस ने अजीत और अन्य परिजनों के हवाले से बताया था कि शनिवार तड़के परिवार के पांच लोगों की हत्या कर अनुराग ने खुदकुशी कर ली।
पुलिस के मुताबिक, अजीत ने माना है कि उसने पहले अनुराग को मारा, उसके बाद मां और फिर अनुराग की पत्नी प्रियंका को गोली मारी। इस बीच बड़ी बेटी के जगने पर उसे भी गोली मार दी।
घटना के बाद से ही था पुलिस को शक
पाल्हापुर हत्याकांड में अनुराग के भाई अजीत से क्राइम ब्रांच व पुलिस की टीम ने कई बार अलग-अलग पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो अजीत ने पुलिस को गोलमोल जवाब दिए। आखिर में वह टूट गया। दरअसल, जब से घटना हुई है तब से अजीत सवालों के घेरे में है। उसका कमरे में बंद होना, फिर घर में मौजूद छह लोगों की मौत के बाद बाहर आ जाना किसी फिल्म की पटकथा जैसा लगता है।
क्राइम ब्रांच की टीम ने बजाया अजीत का बैंड
क्राइम ब्रांच ने अजीत से पूछा कि घटना के समय तुम जाग रहे थे या फिर सो रहे थे। अजीत ने बताया कि वह सो रहा था। इसके बाद टीम ने पूछा कि क्या तुमने गोली चलने की आवाज सुनी तो उसने कहा कि मां ने गोली चलने की आवाज सुनी तो उससे कहा कि अनुराग सबको मार रहा है, यह बताकर बाहर से कुंडी बंद कर दी। इसके बाद अजीत ने भी अंदर से कुंडी बंद कर दी। घटना के बाद गांव वाले जब मौके पर पहुंचे तो अजीत घर के बाहर खड़ा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने सवाल किया कि जब कुंडी बाहर से बंद थी तो तुम बाहर कैसे आए। इस पर वह बंगले झांकने लगा।
हत्या को सुसाइड मान बैठी थी पुलिस
सीतापुर में सुसाइड नहीं, बल्कि छह लोगों की हत्या हुई थी। पुलिस परिजनों के दावों से गुमराह होकर गलत दिशा में जांच करने लगी थी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने आईजी रेंज लखनऊ तरुण गाबा को मौके पर भेजा। सीतापुर पुलिस शनिवार को हुई घटना की वजह का पता लगाने में बार-बार नाकाम होती रही। करीब दो घंटे बाद असलहा बरामद होने के बाद भी वारदात की कड़ियों को आपस में नहीं जोड़ सकी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद डीजीपी मुख्यालय हरकत में आया।
पड़ोसी ने कहा-चाभी मांगी तो नहीं दी
पड़ोसी ने बताया कि जब वह पहुंचा तो बच्चे जमीन पर पड़े थे। उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए गाड़ी की चाभी मांगी तो चाभी नहीं दी। पुलिस ने इस बिंदु पर भी पूछताछ की। इस पर वह चुप रहा। जब पुलिस टीम ने उससे प्रापर्टी संबंधी सवाल किए तो वह पुलिस को घुमाता रहा।