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सलिल पांडेय

  • जेसीबी चालक की नादानी से नाली की पटरियां टूटी।
  • फैल रहा दुर्गंध : लोग मुक़ाबके के लिए अगरबती/धूपबत्तीजला रहे ।
  • चुनाव के मौसम सरकार की छवि हो रही धूमिल ।

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर। यूपी से मध्य प्रदेश जाने वाले मार्ग पर स्थित है बथुआ मुहल्ले का शीतला मन्दिर का चौराहा। इस चौराहे से पश्चिम की ओर मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत विन्ध्य कॉरिडोर की भव्यता अद्वितीय हो गई है। इधर से ही प्रयागराज तथा जौनपुर जाने का मार्ग है जबकि पूर्व साइड में महज दो सौ मीटर की दूरी पर मण्डल का सबसे बड़ा शासकीय कार्यालय विंन्ध्याचल मण्डल भी है। इसके बावजूद इस चौराहे की जो स्थिति है वह किसी घनघोर जंगली गांव से भी बदतर हो गई है। इतने महत्वपूर्ण चौराहे पर नगरपालिका के जेसीबी चालक की रात के अंधेरे में की गई नादानी से जबरदस्त जाम तो लग ही रहा है, साथ में टूटी पटरियों की वजह से दुर्गंध का झोंका विविध जिलों तक पहुंच रहा है।

धूपबत्ती और अगरबत्ती जला रहे हैं लोग

हुआ यह कि 16/17 मई की रात यहां जेसीबी पहुंची। जब लोग सो गए तब नाली की सफाई के लिए बने चेम्बर की जगह लंबी दूरी तक पटरी तोड़ दी गई। इससे दुर्गंध फैलने लगा। प्रातः से ही लोग नगरपालिका से सम्पर्क तथा सोशल मीडिया में अपनी व्यथा प्रसारित करने लगे लेकिन दूसरों का कष्ट तब तक अपना कष्ट नहीं लगता जब तक खुद उसी तरह की पीड़ा झेलने की नौबत न आ जाए।

पहली बार ऐसा नहीं हुआ है

इलाके के लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार ही नहीं हुआ है। कुछ दिनों पहले इसी तरह जेसीबी ने नाली की पटरियां जब तोड़ दी थी और क्षेत्र के लोगों की व्यथा से कोई द्रवित नहीं हुआ तब कुछ लोगों ने निजी खर्चे से सीमेंट, गिट्टी और रॉड से ढलाई करा ली थी। सावधानी से केवल चेम्बर से सफाई की गई होती तो इस तरह समस्या न आती।

चुनावी मौसम में ये हालत

लोकसभा चुनाव पीक पर आ गया है। यहां 1 जून ’24 को चुनाव होना है। ऐसी स्थिति में जब इस तरह की ढिलाई हो रही है तब तो आशंका यही की जा रही है कि सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। चौराहे से बड़े-बड़े वाहन गुजरते हैं। वैसे ही जाम लग जाता है। दूसरी ओर टूटी पटरियों के मलबे को सड़क के मध्य लगे डिवाइडर की ओर रखा गया है। इसे ही कहते हैं कि ‘एक तो तीतलौकी दूसरे नीम चढ़ी’ वाली स्थिति पर नागरिकों की पीड़ा समझने की संवेदना का शहद होता तो नागरिकों का तीतापन झटपट दूर हो गया होता।

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