- भविष्य निर्माण की उम्र बीतने के बाद सोच-विचार बदल पाना कठिन होता है
- डॉ भवदेव पांडेय की जयंती पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
मिर्जापुर। हिंदी गौरव से अलंकृत वरिष्ठ समालोचक डॉ भवदेव पांडेय के 101वें जन्मदिवस पर नई पीढ़ी में लेखन क्षमता की वृद्धि के लिए निबंध लेखन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें किशोर उम्र के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। निबंध लेखन का विषय ‘लक्ष्य के प्रति एकाग्रता’ निर्धारित किया था । इस कार्यक्रम में कुछ छोटी उम्र के बच्चों के आ जाने से उन्हें ‘मेरे माता- पिता’ विषय पर निबंध लिखने की छूट दी गई। निबंध लेखन को प्रतियोगिता का रूप न देकर लेखन के प्रति रुचि जागृत करने का निर्धारित किया गया था। इस स्थिति में दो दर्जन से अधिक छात्र-छत्राओं को समान भाव से अध्ययन के लिए पुस्तकें एवं लेखन के लिए पेन, पेंसिल दिए गए।
बच्चों को बताया गया कि वे भाषण नहीं चिंतन में लें रुचि
कार्यक्रम नगर के तिवराने टोला स्थित डॉ भवदेव पांडेय शोध संस्थान में उनके जन्मदिवस वैशाख पूर्णिमा की तिथि के अवसर पर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रति बच्चों में उत्साह देखते हुए यह निर्धारित किया गया कि आगे के कार्यक्रमों में चित्रकारी, कविता और दस्तकारी संबन्धित भी आयोजन किए जाएंगे ताकि नई पीढ़ी जिनका भविष्य निर्मित होना है, उनमें उत्साह जागृत हो सके, क्योंकि व्यक्तित्व निर्माण की उम्र बीत जाने के बाद किसी की रुचि, सोच और आचार-विचार को बदल पाना कठिन हो जाता है। बच्चों को बताया गया कि वे भाषण नहीं चिंतन में रुचि लें तथा नई तकनीकी दुनियां में तकनीक के उपभोक्ता नहीं सृजनकर्ता बनने का लक्ष्य निर्धारित जितनी कम अवस्था करेंगे, सफलता की संभावना उतनी अधिक होगी। कार्यक्रम में ऋषभ शर्मा, निधि गुप्ता, कु आरती, विष्णु कुमार आदि ने सक्रिय भागीदारी की।
कार्यक्रम का संचालन सलिल पांडेय ने किया।