आप करें मतदान ‚करने के लिए दूसरों से कहे‚ क्यों कि यह महापर्व 5 वर्षो के बाद आयेगा

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चंदौली। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहाँ की संघीय सरकार प्रत्येक पाँच वर्ष के अंतराल पर चुनाव के माध्यम से चुनी जाती है। देश के नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में सीधे तौर पर भाग लेते हैं।

अपने मनपसन्द ब्यक्ति को चुनने के लिए मतदान में जरूर ले भाग

भारतीय संविधान के अनुसार देश में नियमित, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का अधिकार निर्वाचन आयोग को प्राप्त है। चुनाव आयोजित करने एवं चुनाव के बाद के विवादों से संबंधित सभी विषयों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है।

लोकतंत्र का महापर्व आगामी 01 जून को है। इसी दिन हमारे जिले चंदौली में मतदान होना है। पांच साल में एक बार होने वाले इस चुनाव से ही देश की प्रगति का रास्ता खुलता है। इस लिए सभी लोग इस दिन सब काम छोड़कर पहले मतदान करें। यह अपील जनपद के स्वीप आईकॉन डॉ परशुराम सिंह ने जनपद के समस्त मतदाताओं से की है।

चकिया विधानसभा में मतदान का समय प्रातः 7 बजे से सायं 6 बजे तक होने से बढेगा मतदान प्रतिशत

डॉ परशुराम सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा नक्सल क्षेत्र व अति पिछडा क्षेत्र होने के नाते चकिया विधानसभा में मतदान का समय सायं 6 बजे तक बढा दिया गया है। जिसका लाभ मतदाताओं को भी मिलेगा। जिससे मतदान का प्रतिशत बढेगा इसमें कोई दो राय नही है। आप सभी से अपील है कि आप बिना किसी दबाव के अपने मताधिकार का प्रयोग करने अपने पास के अपने बूथ पर जरूर जाय।

2024 में पहली बार पात्र मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की सुविधा

उन्होने कहा कि आम चुनाव 2024 में पहली बार पात्र मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की सुविधा को देश भर में बढ़ाया गया भारत निर्वाचन आयोग  के प्रयास बुजुर्ग, दिव्यांग, थर्ड-जेंडर और पीवीटीजी मतदाताओं के अनुकूल हैं ईसीआई के  सक्षम ऐप ने दिव्यांग मतदाताओं को उनके मताधिकार के इस्तेमाल को आसान बनाया । कमज़ोर समुदायों ने मतदान प्रक्रिया में सुगमता और समावेशिता उपायों के साथ आत्मविश्वास से मतदान किया। अब तक, चुनाव के छह चरणों के पूर्ण होने के बाद, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों, विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (पीवीटीजी) जैसे विभिन्न वर्गों के मतदाताओं के बीच अपार उत्साह देखा गया।

ईसीआई चुनावों को वास्तव में बहुलता लाने के लिए कृत संकल्पित

आम चुनाव 2024 में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत की मानक दिव्यांगता वाले लोगों के लिए घर से मतदान करने की सुविधा प्रदान की गई थी।ईसीआई चुनावों को वास्तव में बहुलता और विविधता की भावना को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने के लिए दृढ़ संकल्प है, जो हमारे देश का गौरव है। ईसीआई पूरी चुनाव प्रक्रिया में समावेशिता व पहुंच के सिद्धांतों और प्रथाओं को शामिल करने और गहराई से एकीकृत करने के लिए समर्पित है, ताकि समाज के सामने हर जगह अनुकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित किया जा सके।”

घर से मतदान करने की वैकल्पिक सुविधा: भारत के आम चुनावों में पहली बार, इसे बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली

घर से मतदान करने की वैकल्पिक सुविधा चुनावी प्रक्रिया में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है और इसे भारत के आम चुनावों के इतिहास में पहली बार उपलब्ध कराया गया है। 85 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी पात्र नागरिक या 40 प्रतिशत तक दिव्यांगता वाला व्यक्ति इन चुनावों में डाक मतपत्र के माध्यम से घर से मतदान सुविधा का लाभ उठा सकता है। इस सुविधा को मतदाताओं से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। मुस्कुराते हुए मतदाताओं और उनके घर से आराम से मतदान करने के उनके प्रशंसापत्रों के सुखद दृश्य देश के सभी हिस्सों से सोशल मीडिया पर छा गए हैं। घर से मतदान, मतदान कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की पूरी टीम की भागीदारी के साथ होता है और मतदान की गोपनीयता को पूरी तरह बनाए रखा जाता है। उम्मीदवारों के एजेंटों को भी मतदान प्रक्रिया देखने के लिए पोलिंग टीम के साथ जाने की अनुमति है।

आप खुद बूथ पर जाये और दूसरों को भी करें प्रोत्साहित जाने के लिए क्यों कि आप का एक – एक वोट महत्वपूर्ण है


डॉ परशुराम ने समाज के प्रबुद्ध वर्गों से अनुरोध किया है कि यदि आपके आसपास या घर परिवार में कोई दिव्यांग, बुजुर्ग, थर्ड जेंडर, या महिला मतदान करने में अरुचि दिखाए तो उसे मतदान का महत्व समझाते हुए बूथ तक मतदान के लिए जरूर भेजें। लोगों के मन में यह धारणा बनी रहती है कि हमारे एक वोट देने से क्या हो जायेगा। किंतु यह धारणा गलत है। एक वोट से ही कोई जीत जाता है और एक वोट से ही किसी की हार हो जाती है। इतना ही नहीं एक वोट से ही सरकार बन जाती है और एक वोट से ही सरकार गिर भी जाती है। भारतीय संविधान ने भारत के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मतदान का समान अधिकार दिया है। हमारे भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि यहां छोटे-बड़े, अमीर गरीब, राजा रंक आदि सभी के मत का महत्व एक समान है।

अतः जनपद के सभी मतदाता 01 जून को जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद से ऊपर उठकर बिना किसी के प्रलोभन में पड़े एक अच्छे व्यक्ति के पक्ष में मतदान जरूर करें।