WhatsApp Image 2023-08-12 at 12.29.27 PM
Iqra model school
WhatsApp-Image-2024-01-25-at-14.35.12-1
jpeg-optimizer_WhatsApp-Image-2024-04-07-at-13.55.52-1
srvs_11zon
Screenshot_7_11zon
WhatsApp Image 2024-06-29 at 12.
IMG-20231229-WA0088
WhatsApp Image 2024-07-26 at 15.20.47 (1)
previous arrow
next arrow

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

लोकसभा चुनाव में ‘राम’ शब्द का प्रभाव

मिर्जापुर । यहां का संसदीय चुनाव ‘राम’ शब्द के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। यह ‘राम’ शब्द मर्यादापुरुषोत्तम ‘श्री राम’ से यथार्थतः मतलब नहीं रखने के बावजूद त्रिकोणीय चुनाव बना रहे प्रत्याशियों के नाम के प्रथम अक्षर से मेल खा रहा है।

  • इंडिया गठबंधन के सपा के रमेश बिंद का प्रथम अक्षर ‘र’, भाजपा गठबंधन के अपना दल की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल के ‘अ’ तथा बसपा के मनीष त्रिपाठी के ‘म’ को समन्वय करने पर ‘राम’ शब्द बनता है।
  • र+अ+म= राम– अब ‘राम’ शब्द में किस अक्षर का प्रभाव चुनाव में रहेगा यह तो समय परिभाषित करेगा लेकिन सपा के रमेश बिन्द के समर्थक दावा कर रहे है कि प्रभु श्रीराम का प्रथम अक्षर ‘र’ ऊर्जा का प्रतीक है। अतः ऊर्जा रमेश बिन्द को ही मिलेगी।
  • इस सम्बंध में कबीरदास के संबन्ध में एक किंवदंती का उल्लेख किया जा रहा है, वह यह है-‘र’ अक्षर की महिमा कबीर किसी काम से गए थे। बेटा कमाल घर पर था। एक व्यक्ति अपने बीमार बेटे को स्वस्थ करने जब कबीर के घर आया तो कबीर की अनुपस्थिति में कमाल ने कहा, ‘जाओ, तीन बार ‘राम, राम’ जपो। बेटा स्वस्थ हो जाएगा।’कबीर के लौटने पर कमाल ने सारी कहानी पिता को बताई। कबीर ने कहा, ‘बेटा कमाल, तुमने तो ‘राम’ शब्द की महिमा घटा दी ।
  • सिर्फ ‘राम’ के प्रथम अक्षर ‘र’ जपने से सारे रोग-शोक दूर हो जाते हैं तो तीन बार ‘राम’ जपने का औचित्य क्या?’इसके अलावा यह भी दलील है कि ‘र’ अक्षर की उत्पत्ति हिमालय पर हुई है। भैरवमंत्र यही सिद्ध हुआ है। इसलिए रमेश बिन्द हिमालय की शिखर पर चढ़ेंगे।
  • ‘अ’ का प्रभाव*–’अ’ अक्षर की महिमा बताने वाले अपना दल के लोग यह दावा करते हैं कि ‘राम’ में ‘अ’ अक्षर ‘श्री विद्या’ से अधिष्ठित है एवं इससे ही अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं। अतः सिद्धि अनुप्रिया को मिलेगी।
  • यह ‘राम’ के ‘र’ और ‘म’ को जोड़ता है। अतः अनुप्रिया के साथ लोग जुड़ेंगे।
  • ‘म’ अक्षर का प्रभाव*– इसी तरह बसपा के लोग अपने प्रत्याशी मनीष त्रिपाठी के लिए कहते हैं कि ‘म’ शांति का सूचक है। इस अक्षर की उत्पत्ति ‘मलयपीठ’ पर माता सती के रक्त गिरने से हुई है। यहीं बौद्धमंत्र सिद्ध हुए हैं।अतः ‘मां’ के रक्त की ऊर्जा मनीष को मिलेगी और भगवान बुद्ध का आशीष मनीष के खाते में जाएगा।
  • फिलहाल नाम के अक्षरों के प्रभाव का स्पष्ट चित्र 4 जून को ही दिखाई देगा।
khabaripost.com
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
1002375393
Screenshot_24
previous arrow
next arrow