WhatsApp Image 2023-08-12 at 12.29.27 PM
Iqra model school
WhatsApp-Image-2024-01-25-at-14.35.12-1
WhatsApp-Image-2024-02-25-at-08.22.10
WhatsApp-Image-2024-03-15-at-19.40.39
WhatsApp-Image-2024-03-15-at-19.40.40
jpeg-optimizer_WhatsApp-Image-2024-04-07-at-13.55.52-1
srvs_11zon
Screenshot_7_11zon
WhatsApp Image 2024-06-29 at 12.
IMG-20231229-WA0088
previous arrow
next arrow

सलिल पांडेय

कहीं शेयर बाज़ार में लाखों करोड़ के वारा-न्यारा के लिए तो नहीं जारी हुआ है एक्ज़िट पोल

सन्त कबीर भी कलमगीर थे और बाज़ार से थे निष्प्रभावी : ‘कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर।

ना काहू से दोस्ती नहीं किसी से बैर।।’

समय मांग रहा जवाब कि ‘ये जो तुम भीड़ में पहनकर भागे थे वह सलवार किसकी थी?’

महाभारत का अभिमन्यु तो 7वें फाटक पर छलछद्म का शिकार हुआ पर कलियुग में ‘का अभिमन्यु’ मतगणना के 8 वें चरण के पहले छलछद्म के लपेटे में दिख रहा है।

लोकसभा के धूमधड़ाका बाजारवादी एक्ज़िट पोल पर शेयर मार्केट का जबर्दस्त प्रभाव लोगों को महसूस हो रहा है। चूंकि राजनीति से लेकर हर रीति-नीति का निर्धारण बाजार करने लगा है लिहाजा बाज़ार के वेंटिलेटर से प्राणवायु लेने वाले भी बाज़ार को आबाद करने में लगेंगे ही। इसलिए बाज़ार द्वारा रचित-निर्मित एक्ज़िट पोल की दीवाली 4 जून की दोपहरिया तक खूब रहेगी।

लाभालाभ कैसे?

शेयर मार्केट में लाभ+अलाभ का अर्थशास्त्र यह है कि सोमवार 3 जून को जब शेयर मार्केट खुलेगा तब लगभग 25-30 नामी कारोबारियों की कम्पनियों के शेयर में भारी उछाल दिखाई पड़ेगी। वैसे भी आधुनिक राष्ट्रनिर्माताओं एवं परमात्माओं ने गोता लगा रहे शेयरों की खरीददारी करने की अपील जनसभाओं से की थी और एलान किया था कि 4 जून के बाद शेयर सोना देने वाली मुर्गी साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर एक्ज़िट पोल कम्पनियों के CEO बन गए हैं।

वर्ष 2004 एवं 2009 की हालत होगी तो खरीददारों को होगा घाटा न कि पूंजीपति मित्रों की सेहत पर पड़ेगा कोई असर

‘लालच बुरी बला है’ का परिदृश्य 4 जून के बाद दिखाई पड़ेगा । परिणाम एक्ज़िट पोल के अनुसार नहीं होगा तो देश भर के खरीददारों को मुंह लटकाना पड़ेगा। कमजोर हार्ट वालों पर अटैक भी पड़ेगा।

वर्ष 2014 एवं ’19 का माहौल नहीं

वर्ष ’14 के पहले नई दिल्ली में ‘न जाने किसकी सलवार पहनकर भागे बाबा एवं अचानक पैदा हुए एक्टिविस्टों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन के बीच ‘गुजरात मॉडल’ ने लहर पैदा की जबकि ’19 में पुलवामाकांड एवं कथित सर्जिकल अटैक से लहर पैदा हुई। इस बार अयोध्या मन्दिर से लहर की उम्मीद थी लेकिन मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम न्याय के देवता है। उन्हें अन्याय नहीं पसंद लिहाजा चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हेराफेरी, इलेक्टोरल बांड, महिला पहलवान कांड में सुप्रीम।कोर्ट के न्याय रथ से मामला पलट गया। खासकर इलेक्टोरल बांड इलेक्ट्रिक शॉट जैसा हो गया। कहना यह पड़ गया कि ‘बांड न लाते तो कालाधन का पता कैसे चलता?’ यह दलील वैसी ही हुई कोई अपराधी कहे कि ‘यदि मैं अपराध न करता तो पुलिस एक्टिव है या नहीं इसका पता कैसे चलता?’

लहर में बम्पर मेजॉरिटी मिलती है

वर्ष 1971 में बंगलादेश मैटर, ’77 में जनता पार्टी लहर, 1984 में इंदिरा गांधी हत्याकांड से सहानुभूति लहर के बाद ’14 एवं ’19 में लहर रही। बिना लहर के 272 का आंकड़ा पाने में कठिनाई होती है।

khabaripost.com
sagun lan
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
WhatsApp-Image-2024-06-22-at-14.49.57
previous arrow
next arrow