आखिरकार बिजली विभाग की मंशा क्या है ?जब ट्रांसफार्मर 250 KB का लगाया जाना प्रस्तावित है तो फिर बावजूद इसके ट्रांसफार्मर क्यों 100 KB का लगाया जा रहा है जब कि विधायक कैलाश आचार्य ने भी कहा था लगाने के लिए सबको पता है कि गर्मी इतनी भयंकर है । फिर क्याें विधायक के निर्देश की अवहेलना की जा रही है।आखिर विजली विभाग गाँव के लोगो को गर्मी से मार डालना चाहता है क्या ?
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
बीस हजार की आवादी पर ट्रांसफार्मर सिर्फ दो वह भी 100 KB का
चकिया, चंदौली। मंगलवार को चकिया विकासखंड के भीषमपुर गाँव में लगातार 24 घंटे में दो बार ट्रांसफार्मर जलने से जनता सड़क पर आ गई है। बताया जा रहा है कि जैसे ही धरने प्रदर्शन के बाद ट्रांसफार्मर सोमवार की रात में लगा तो मंगलवार की प्रातः ही उसमें से सारा का सारा तेल निकल गया। ट्रांसफार्मर जल गया। वही बता दे कि भीषमपुर बीस हजार की बड़ी आबादी की ग्राम पंचायत है जहां पर मात्र सौ सौ के. वी. का दो ट्रांसफार्मर है। जब कि 250 KB का ट्रांसफार्मर लगाया जाना प्रस्तावित है।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विधायक से की शिकायत
जबकि दो महीना पहले शिक्षक संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर व लो वोल्टेज की समस्या को विधायक चकिया कैलाश आचार्य को बतायी। विधायक चकिया ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल 250 के.वी.का एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने का निर्देश दिया। विधायक के निर्देश के बावजूद भी विद्युत विभाग के अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। लगता है विधायक जी का रूतबा नही काम कर पा रहा है। या फिर बिजली विभाग उनकी अनदेखी कर रहा है।
टेम्परेचर 47 पार बिजली नदारत‚आखिर गाँव के लोगों को क्या मार डालना चाहती है विजली विभाग
फिर से 100 के बी ए का ट्रांसफार्मर लगाया गया आज मंगलवार को फिर से जल गया। आखिर जब लोड ज्यादा है तो फिर 100 केबी के ट्रांसफार्मर लगाये जाने का क्या मतल है। बार-बार ट्रांसफार्मर जलने से इस तपन और उमस भरी गर्मी में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, लोग सड़क पर, पेड़ों के नीचे पशुओं की तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पूरा गाँव अंधरे में बिना बिजली के जीने को मजबूर है। प्रदर्शन करने वालों में अजय गुप्ता, प्रमोद,घिसियावन‚करीम‚नगीना‚ मदीना, छोटेलाल जायसवाल, दिनेश गुप्ता, भरोश गुप्ता, राजू दुबे, भन्टू मौर्य, उदय गुप्ता, संदीप खरवार, जगदीश विश्वकर्मा समेत सैकड़ो ग्रामीण रहे। इस सम्बंध में जब विजली विभाग के एक्सीयन से वार्ता करनी चाही तो उनसे सम्पर्क नही हो पाया।