यूपी की स्पेशल टॉस्क फोर्स STF की रिपोर्ट के बाद कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा कराने वाली कंपनी एजुटेस्ट को BLACK LIST में डाल दिया गया है। यह कंपनी गुजरात की बताई जा रही है। इस कार्रवाई के बाद अब यह कंपनी प्रदेश में आयोजित होने वाली किसी भी परीक्षा को नहीं करा पाएगी।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सिपाही भर्ती परीक्षा कराने वाली कंपनी एजूटेस्ट BLACK LISTED हो गई है। एसटीएफ को कंपनी की लापरवाही के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। निदेशक नहीं पेश हो रहा है। एसटीएफ चार नोटिस भेज चुकी है। बयान नहीं दर्ज कराने पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।
एजूटेस्ट को प्रदेश में किसी भी विभाग में भर्ती परीक्षा कराने का काम नहीं
सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा कराने वाली अहमदाबाद की कंपनी एजूटेस्ट को BLACK LISTED कर दिया है। बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। अब एजूटेस्ट को प्रदेश में किसी भी विभाग में भर्ती परीक्षा कराने का काम नहीं मिलेगा।
कम्पनी के खिलाफ कानूनी शिकंजा भी कसने की तैयारी
साथ ही उसके खिलाफ कानूनी शिकंजा भी कसने की तैयारी है। गौरतलब है कि एजूटेस्ट कंपनी के संचालक विनीत आर्या को एसटीएफ चार बार नोटिस देकर बयान दर्ज कराने तलब कर चुकी है। इसके बावजूद वह पेश नहीं हो रहा है।एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से वह अमेरिका चला गया था। इसके बाद से वह लौटा नहीं है। सूत्रों की मानें तो यदि संचालक ने लखनऊ स्थित एसटीएफ मुख्यालय आकर बयान दर्ज नहीं कराया, तो उस पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।
कम्पनी के लापरवाही के मिले पुख्ता प्रमाण
दरअसल, एसटीएफ को सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में कंपनी की लापरवाही के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। इसी आधार पर बीते चार माह से विनीत आर्या को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है
एसटीएफ ने मास्टरमाइंड सुभाष प्रकाश की तलाश की तेज
वहीं, पेपर लीक कराने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रयागराज निवासी राजीव नयन मिश्रा के बयान के आधार पर एसटीएफ ने मास्टरमाइंड सुभाष प्रकाश की तलाश भी तेज कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक सुभाष प्रकाश, राजीव नयन, रवि अत्री आदि का संगठित गिरोह है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराते हैं।
पेपर लीक में ट्रांसपोर्ट कंपनी को क्लिन चिट
अहमदाबाद में टीसीआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयरहाउस से सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से वेयरहाउस में सेंध लगाई गई थी।पेपर का बॉक्स खोलने के लिए बिहार से डॉ. शुभम मंडल को दो बार बुलाया गया था। हालांकि एसटीएफ को ट्रांसपोर्ट कंपनी की पेपर लीक में संलिप्तता के प्रमाण नहीं मिले हैं। जांच में सामने आया है कि पेपर की सुरक्षा का जिम्मा एजूटेस्ट कंपनी को ही संभालना था, जिसमें वह नाकाम रही।