मिथिलेश द्विवेदी / भोलानाथ मिश्र
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
सोनभद्र। आजादी के अमृत काल में 18वीं लोकसभा के चुनाव में एन डी ए गठबंधन को 292 और बीजेपी को अकेले 240 सीट मिली है तो इंडिया गठबंधन को 234 और कांग्रेस को 99 सीट मिली है । नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ इतिहास रच दिए हैं । अभी एन डी ए और इंडिया गठबंधन के बीच लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर शक्ति परीक्षण होना बाकी है ।समय के रथ का घर्र – घर्र नाद सुनो…!समय के रथ का घर्र – घर्र नाद यानि अब समय बदल रहा है। जनता अपने हक की पुकार करेंगी और लोकतंत्र और जनता का शासन पारदर्शी होगा।
आप और बीजेपी के बीच छिड़े घमासान में कांग्रेस की भी इंट्री
मतगणना के बाद भी अभी तक राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं । संघ प्रमुख डा मोहन भागवत और इंद्रेश जी के बयान को लेकर जहां यूपी , राजस्थान , महाराष्ट्र और बिहार में बीजेपी को सीटो के लिहाज
से मिली असफलता की चर्चा लोग कर रहे है तो वही पेपर लीक का मुद्दा भी गरमाया हुआ है । 25 जून , 1975 से लेकर 21 मार्च , 1977 तक कुल 21 माह तक लगे राष्ट्रीय आपात काल की 49 वीं तिथि , 25 जून 2024 अब निकट आ गई है ।
इस समय संविधान बचाओ , ई वी एम , पर्चा लीक , ईडी , सीबीआई , संवैधानिक संस्थाएं आदि प्रतिपक्ष के निशाने पर है । 24 जून से चलने वाले मानसून सत्र में कांग्रेस पर्चा लीक समेत कई मुद्दों को जोर सोर से उठाने का ऐलान कर चुकी है ।
दिल्ली में जल संकट लेकर आप और बीजेपी के बीच छिड़े घमासान में कांग्रेस की भी इंट्री हो गई है । केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की जा रही है ।
राष्ट्रीय आपातकाल अतीक के आइने में
ये आकाश वाणी है । अब आप देवकी नंदन पाण्डेय से समाचार सुनिए ….
तब टीवी और सोशल मीडिया का जमाना नही था । आल इंडिया रेडियो से प्रसारित समाचार ही एक मात्र जानकारी के माध्यम थे । 26 जून , 1975 के दिन प्रातः 6 बजे के बुलेटिन का समय होते ही सिग्नेचर ध्वनि के बाद आवाज़ गूंजी , ये आकाश वाणी है । अब आप देवकी नंदन पाण्डेय से समाचार सुनिए .. आज प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश के नाम संदेश देंगी ।
” इंदिरा गॉधी ने कहा था देश में जिस तरह का माहौल बनाया गया है ( सेना , पुलिसऔर अधिकारियों को भड़काना ) उसमें यह जरूरी हो गया है कि देश में आपातकाल लगाया जाय ताकि देश की एकता और अखंडता की रक्षा की जा सके
समाचार के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी आकाशवाणी से संदेश देने लगी ” देश में जिस तरह का माहौल बनाया गया है ( सेना , पुलिसऔर अधिकारियों को भड़काना ) उसमें यह जरूरी हो गया है कि देश में आपातकाल लगाया जाय ताकि देश की एकता और अखंडता की रक्षा की जा सके । भारत एक लोकतांत्रिक देश है , यहां पर जनता के द्वारा चुनी गई सरकार देश का शासन चलाती है ,लेकिन जब देश में कुछ विशेष परिस्थितियां पैदा हो जाती है , तो राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भी करनी पड़ती है ।
समय के रथ का घर्र – घर्र नाद सुनो…!
भारतीय संविधान में आर्टिकल 352 से 360 तक आपातकालीन उपबंध दिए गए है । आपात कालीन स्थिति में केंद्र सरकार सर्वशक्तिमान हो जाती है और सभी राज्य, केंद्र सरकार के पूर्ण नियंत्रण में आ जाते हैं । ऐसी स्थिति में इमरजेंसी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान है । राष्ट्रीय आपातकाल उस स्थिति में लगाया जाता है , जब पूरे देश को या इसके किसी भाग की सुरक्षा को युद्ध अथवा वाह्य आक्रमण अथवा आंतरिक शस्त्र विद्रोह के कारण खतरा उत्पन हो जाता है ।
तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसी प्रावधान के तहत 25 जून , 1975 से लेकर 21 जून , 1977 तक 21 माह तक आपात काल में शासन चलाया
श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसी प्रावधान के तहत 25 जून , 1975 से लेकर 21 जून , 1977 तक 21 माह तक आपात काल में शासन चलाया । सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था । प्रेस की आजादी पर पाबंदी लगा दी गई थी ।
इसके पूर्व पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1962 में चीनी आक्रमण के कारण आपात काल की घोषणा किए थे क्योंकि वाह्य आक्रमण का खतरा सर पर खड़ा था । 1971 में पाक युद्ध के दौरान भी वाह्य आक्रमण के कारण आपातकाल युद्ध के दौरान
आयत किया गया था ।
ऐसे बनी थी पृष्टभूमि
1969 में 14 बड़े व्यापारिक बैंको का इंदिरा जी ने राष्ट्रीय करण कर दिया था । यह निर्णय जनता के हित में लिया गया था । प्रिवी पर्स समाप्त कर इंदिरा आयरन लेडी बन गई थी । 1971 में बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग कर इंदिरा जी ने नए भूगोल का सृजन किया था । पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को गिरफ्तार कर भारतीय सेना ने इंदिरा जी के नेतृत्व में भारत का भाल विश्व के मानचित्र में सामरिक दृष्टि से ऊंचा कर दिया था ।
…जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा जी के एक लाख से जीते चुनाव को किया खारिज
” गरीबी हटाओ ” के जरिए गरीबों की मसीहा बन गई थी । 1971 में पांचवी लोकसभा के चुनाव में 518 में से 352 सीट जीत कर कांग्रेस ने जीत का बिगुल फूंका था । इंदिरा जी यूपी के राय बरेली से सयुक्त सोसलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी समाजवादी राज नारायण सिंह को एक लाख मतों के अंतर से पराजित की । राजनरायण सिंह ने वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किए , इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी मिसिनियरी का दुरुपयोग कर इंदिरा जी चुनाव जीती है । वरिष्ठ अधिकारी यशपाल कपूर का मुद्दा न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा के समक्ष अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने तर्क से उठाया । उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकांत बरुआ थे । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राय बरेली के चुनाव को खारिज कर दिया ।
सुप्रीम कोर्ट ने भी उच्च न्यायालय के फैसले को सही माना था‚फिर क्या था…
इसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर के समक्ष उठाया गया । सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय को सही बताया । इसी के आलोक में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूदिन अली अहमद ने इंदिरा जी की संस्तुति पर 25 जून , 1975 की रात में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया । 25 जून , 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी जन सभा में विद्यार्थियों‚सैनिकों और पुलिस वाले से आह्वान किया था कि इस सरकार का विरोध करे । इसके पूर्व पटना के गांधी मैदान में बाबू जय प्रकाश नारायण ने कहा था , समय के रथ का घर्र घर्रे नाद सुनो , सिंहासन खाली करो की जनता आती है ।
पटना के गांधी मैदान में बाबू जय प्रकाश नारायण ने कहा था , समय के रथ का घर्र घर्रे नाद सुनो , सिंहासन खाली करो की जनता आती है
रामधारी सिंह दिनकर की इसी रचना को उद्धृत करते हुए जय प्रकाश बनी 1974 से समग्र क्रांति का बिगुल फूंक रहे थे । विद्यार्थियों को विश्विद्यालय छोड़ने का आह्वान किया जा था ।
आज की बात ‚जब संविधान बचाने व लोकतंत्र बचाने की बात की जा रही
देश में जब तीसरी बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया गया था , उस समय राहुल गांधी 5 साल के रहे होंगे । सपा प्रमुख अखिलेश 2 साल के और बिहार के तेजस्वी का जन्म भी नहीं हुआ था । अब संविधान की प्रति दिखा कर संविधान बचाने और लोकतंत्र बचाने की बात की जा रही है । 292 सीट जीतकर एन डी ए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना चुका है । नीतीश कुमार , चंद्र बाबू नायडू और चिराग पासवान समेत एन डी ए के सभी घटक फिलहाल एक साथ दिख रहे है । इंडिया गठबंधन पूरी ताकत लगा कर 234 सीट जीतने के बाद भी जादुई आंकड़े 272 से पीछे रहा, इसमें कांग्रेस की 99 सीट है ।