पांचवीं बार ऐसा हो रहा है कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे पीठासीन अधिकारी रहे, जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए हैं।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
ब्यूरो रिर्पोट नई दिल्ली। बीजेपी सांसद ओम बिरला बुधवार को 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए। इसके साथ ही ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष पद पर आसीन हुए। ओम बिरला को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बधाई दी और आसन तक पहुंचाया।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया।
लोकसभाध्यक्ष को आसन तक ले जाने के लिए सत्ता पक्ष व नेता प्रतिपक्ष भी रहे साथ
इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव का सभी के सामने रखा। ध्वनिमत के आधार पर उन्होंने ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान खास बात यह भी रही कि ओम बिरला को आसन तक ले जाने के लिए पीएम मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के साथ नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी साथ आए। राहुल को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है।
कौन है ओम विरला आइए जानते है उनके बारे में –
- सबसे सक्रिय सांसदों में रहे, स्पीकर के रूप में कड़े फैसले लेने के लिए भी जाने गए
- राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला राजस्थान में तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
- बतौर सांसद पहले कार्यकाल में 86 फीसदी उपस्थिति के साथ 671 प्रश्न और 163 बहसों में भागीदारी की थी। 2019 में दूसरी बार सांसद बनने पर लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया।
- बिरला के कार्यकाल में नए संसद भवन का निर्माण हुआ।
- तीन आपराधिक कानून, अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिकता संशोधन अधिनियम समेत कई ऐतिहासिक कानून भी पारित हुए।
- उन्होंने लोकसभा के 100 सांसदों के निलंबन व संसद की सुरक्षा पर कुछ कड़े फैसले लिए।
सदन का सौभाग्य, दूसरी बार इस आसन पर आसीन हो रहे हैं’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रोटेम स्पीकर के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को धन्यवाद दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन में कहा, ” यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर आसीन हो रहे हैं। मैं आपको और पूरे सदन को बधाई देता हूं और अगले पांच वर्षों के लिए आपके मार्गदर्शन की आशा करता हूं।” पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कार्यकाल में स्पीकर रहने का ओंम बिरला का अनुभव उन्हें देश को आगे ले जाने में मदद करेगा।
17वीं लोकसभा के अध्यक्ष के निर्णयों की सराहना की
प्रधानमंत्री ने ओम बिरला के 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष के कार्यकाल का स्मरण करते हुए उनके निर्णयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 वर्षों में जो काम नहीं हुए, वे आपकी अध्यक्षता में इस सदन ने संभव किए हैं। लोकतंत्र की लंबी यात्रा में कई मील के पत्थर आते हैं। कुछ अवसर ऐसे होते हैं जब हमें मील के पत्थर स्थापित करने का अवसर मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा की उपलब्धियों पर गर्व करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपकी मधुर मुस्कान पूरे सदन को खुश रखती है। सांसद के रूप में बिरला का कार्य नए लोकसभा सदस्यों के लिए प्रेरणास्रोत होगा।
17वीं लोकसभा में कई महत्वपूर्ण बिल हुए पास
पीएम ने 17वीं लोकसभा संसदीय इतिहास का स्वर्णिम कालखंड बताते हुए कहा कि आपकी अध्यक्षता में जो निर्णय हुए हैं, सदन के जरिए जो सुधार हुए हैं, वह आपकी और सदन की विरासत है। जब भविष्य में विश्लेषण होंगे तब लिखा जाएगा कि आपकी अध्यक्षता वाली 17वीं लोकसभा की बहुत बड़ी भूमिका रही है। भारतीय न्याय संहिता से लेकर मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक और नारी शक्ति वंदन विधेयक तक, 17वीं लोकसभा से पारित विधेयकों का जिक्र किया और कहा कि ओम बिरला की अध्यक्षता में 17वीं लोकसभा ने भविष्य की बुनियाद रखी है। देश भविष्य में इसका गौरव करेगा।
राहुल गांधी ने भी दी बधाई
इस मौके पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सम्पूर्ण विपक्ष और आईएनडीआईए गठबंधन की ओर से आपको बधाई। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष देश की आवाज है। सरकार के पास ताकत है तो विपक्ष के पास देश की आवाज। उम्मीद है कि हमारी आवाज को सदन में नहीं दबाया जाएगा। हमें बोलने की आजादी मिलेगी।
बिरला के नाम दर्ज होगा यह रिकॉर्ड
पांचवीं बार ऐसा हो रहा है कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ एकमात्र ऐसे पीठासीन अधिकारी रहे, जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए हैं।
राहुल बीती रात ही चुने गए नेता प्रतिपक्ष
बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार की रात को ही राहुल गांधी को लोकसभा का नेता प्रतिपक्ष चुना। 16वीं लोकसभा में कांग्रेस के 44 व 17वीं में 52 सांसद जीते थे। इस बार पार्टी के 99 सांसद जीते हैं। हालांकि राहुल गांधी की ओर से वायनाड सीट खाली करने से यह संख्या 98 रह गई है। इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए यह पर्याप्त है।