श्रीमद्भागवत कथा प्रारम्भ होने से ठीक पहले तीन घंटे हुई झमाझम वारिस
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नियामताबाद, चंदौली ।स्वर्गीय ओंकारनाथ तिवारी के प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित अर्प्तराष्ट्रीय कथा वाचक शान्तनु जी महाराज के श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन स्व.तिवारी की धर्मपत्नी डा गीता शुक्ला व उनके सुपुत्र शरद तिवारी व उनके बन्धु बान्धवों द्वारा अपने पैतृक गाँव नियामताबाद में किया जा रहा है। वहीं बरसात मे कथा श्रवण करते समय कोई परेशानी न हो इसको ध्यान में रखते हुए वाटर प्रुफ पंडाल की व्यवस्था भी की गई थी। शनिवार कथा प्रारम्भ होने से पहले ही श्रद्धालुओ से पहले इंद्र भगवान अपने गणों के साथ आकर श्रद्धालुओ के धैर्य की परीक्षा लेने की पुरजोर कोशिश किया लेकिन अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके और श्रद्धालु डटे रहे। और अन्त में श्रध्दालुओं के पॉव पखारने के लिए मौजूद पानी में से निकलकर कथा श्रोता पंडाल तक पहुॅच ही गये।
ब्यासपीठ ने शान्तनु महाराज ने प्रथम दिवस बताया भागवत कथा का महात्म् व सुनाई धुंधकारी की कथा
प्रयागराज से पधारे शांतनु जी महाराज ने भागवत कथा श्रवण कराते हुए सबसे पहले महात्म की कथा के साथ ज्ञान वैराग्य की कथा व धुंधकारी की कथा सुनाया।
शांतनु जी महाराज ने पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।
इस मौके पर डा गीता शुक्ला,शरद तिवारी ,भूमि विकास बैंक के डायरेक्टर राजेन्द्र प्रसाद जायसवाल, श्यामधर वैद्य, श्याम नारायण ,राजू विश्वकर्मा सहित आस पास के सुधी श्रोता गण मौजूद रहे।