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गोरखपुर के मनोचिकित्सक के दामाद ने वाराणसी के एक होटल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इधर पति की मौत की खबर सुनकर उनकी बेटी ने छत से कूदकर जान दे दी

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

ब्यूरो रिर्पोट वाराणसी।

ये समस्त संसार माया है. सब कुछ नश्वर है. इन वस्तुओं को हम सब कुछ समझकर एकत्र कर रहे हैं. वो सदैव नहीं रहेंगी.’ इंस्‍टाग्राम पर बनाया गया उसका ये वीडियो सच साबित हो जाएगा ये संचिता ने भी नहीं कभी नहीं सोचा होगा।

एक-दूसरे से बेइंतहा प्‍यार, दो साल पहले शादी और फिर सुसाइड. गोरखपुर के मनोचिकित्सक के दामाद और बेटी के सुसाइड की घटना को सुनकर हर कोई सन्न रह गया है. दोनों में बेइंतहा प्‍यार था. प्‍यार परवान चढ़ा, तो तीन साल पहले दोनों ने शादी कर ली. इसके बाद अनेक ख्‍वाब भी संजाए, लेकिन अंजाम इतनी जल्‍दी मौत के रूप में सामने आएगा, ये किसी ने भी नहीं सोचा था।

दामाद के सुसाइड की सूचना के बाद बेटी ने भी दुमंजिले से लगा दी छलांग

मनोचिकित्‍सक के दामाद ने वाराणसी के सारनाथ के होटल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। जब सारनाथ पुलिस की कॉल मनोचिकित्‍सक के मोबाइल पर आई, तो बेटी ने भी छत से कूदकर जान दे दी. गोरखपुर के कैंट थानाक्षेत्र के सिविल लाइंस में रहने वाले मशहूर मनोचिकित्‍सक डा. रामशरण के दामाद ने सारनाथ के एक होटल में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। जैसे ही ये खबर सारनाथ पुलिस ने मोबाइल पर चिकित्‍सक को दिया, तो उनकी 30 वर्षीय बेटी संचिता शरण ने घर की छत की दूसरी मंजिल से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना के बाद मौके पर पहुंची कैंट पुलिस और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्‍य संकलन किया और लाश के पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया। संचिता के सुसाइड का CCTV फुटेज भी पुलिस को मिला है।

दाेनों ने किया था लव मैरिज

डॉ. रामशरण ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी संचिता शरण ने साल 2021 में हरीश बागेश के साथ लव मैरिज किया था. दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह बेइंतहा प्‍यार करते थे. उनके दामाद बिहार के पटना के रहने वाले थे।दामाद भूमिहार और वो लोग कायस्‍थ हैं। हरीश के पिता को ये शादी स्‍वीकार नहीं थी। उनके दामाद बेटी को लेकर वहां जाने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन वो लोग स्‍वीकार नहीं कर रहे थे।

बेटी-दामाद नहीं रहे अब क्‍या एक्‍शन लेंगे?

हरीश फरवरी में नौकरी छोड़कर उनके पास ही रहते थे। उनका बेटा अमेरिका में है। उन्‍हें भी हरीश के रहने से सहारा रहा है। सबकुछ ठीक-ठाक था। उन लोगों को ऐसा अंदेशा भी नहीं था कि हरीश ऐसा करेंगे। अचानक जब सुबह ये खबर आई कि हरीश ने आत्‍महत्‍या कर ली है, तो उनकी बेटी संचिता छत के ऊपर से कूद गई। उसकी दो-चार मिनट के अंदर मौत हो गई। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।बेटी-दामाद नहीं रहे अब क्‍या एक्‍शन लेंगे?

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