- भुपौली बिजली पावर हाउस , कुंडा फीडर दुर्व्यवस्था का शिकार
- बिजली की अनियमित सप्लाई , लो बोल्टेज और मनमानी रोस्टर से ग्रामीण बिजली उपभोक्ता त्रस्त
खबरी पीडीडीयू -. सकलडीहा विद्युत उपकेंद्र से संचालित भुपौली पावर हाउस के अंतर्गत आने वाले लगभग पचासों गाँव के ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं को जहा एक ओर बिजली की अघोषित कटौती , बिजली सप्लाई के अनियमित रहने से परेशान है वही बिजली विभाग के कर्मचारियों की संवेदनहीनता और अदूरदर्शी कार्यप्रणाली से सरकार के अठ्ठारह घण्टे बिजली सप्लाई के दांवे को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। आए दिन बिजली के पोल का गिरना,, बिजली के तार का टूटना, पेड़ की डाली का तार से टच होना तो कभी ट्रांसफॉर्मर का फूंक जाने जैसी समस्या से वैध बिजली उपभोक्ता मानसिक रुप से परेशान है । जिसका कोई इलाज निकट भविष्य में तो नही दिखाई देता है। बार बार मामूली हवा , पानी और बरसात में पोल का गिरना , बिजली के तार का टूटना बिजली विभाग में ब्याप्त भष्टाचार की कहानी स्वयं बयां कर रहे है।
जबकि आये दिन बिजली मेंटिनेंस के नाम पर ब्लाक लेकर कार्य करने और उस फाल्ट के दुरुस्त नही होने की कहानी रोज दोहराई जाती है। इसके लिए कार्यदायी संस्था तब तक दोषी नही है जब तक बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत नही हो। आये दिन बिजली के तारो पर डाल का टूट कर गिरने या उसके टच होने की बात का मतलब साफ है कि बिजली सप्लाई के पोल और तार को बाधारहित करने का कोई भी ठोस प्लान बिजली विभाग के पास नही है। ठेके पर तथा संविदा कर्मचारियों के भरोसे चलने वाले बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच तालमेल का अभाव साफ दिखता है जिसकी मार वैध विजली उपभोक्ताओं पर पड़ रही है।
बकाया बिजली बिल की वसूली और कटियामार उपभोक्ताओं के प्रति कारवाई की तेजी के पीछे इनको अपने कमजोरी को छिपाना और यह दर्शाना की बिजली विभाग सरकार की मंशा के अनुरूप चौबीस घंटे काम पर मुस्तैद है। जब कि ऊपर से स्मार्ट मीटर की समस्या, बिजली बिल के ज्यादा आने की शिकायत और मीटर कनेक्शन की समस्या की कथा ही अलग है जिससे आम जन परेशान है।
पिछले तीन महीने से लगातार बिजली की अघोषित कटौती और फॉल्ट के चलते लोगो की दिनचर्या प्रभावित हुई है। एक फाल्ट को ठीक करने छत्तीस घण्टे लगना, दो दो दिन बिजली का नही रहना जुल्म के समान हो गया है जिस ओर जनप्रतिनिधियों की नजर तो है लेकिन रसूखदार बिजली कर्मचारियों के आगे हाथ जोड़े खड़े है ।