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  • नवादा (बिहार) के प्रसिद्ध साहित्यकार-सह-पत्रकार और मगही साधक श्री राम रतन सिंह ‘रत्नाकर’ ‘मगही रत्न’ सम्मान से सम्मानित
  • अंतरराष्ट्रीय मगही चौपाल का 115वां सम्मेलन: “देशभक्ति के रंग मगहियन के संग” संपन्न
  • राम रतन सिंह ‘रत्नाकर’ को उनके विशिष्ट योगदान के लिए ‘मगही रत्न’ सम्मान , नवादा और पुरे मगही समाज के लिए गौरव का पल -साहित्यकार – सह -पत्रकार ओमकार कश्यप

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली । विश्व मगही परिषद्, नई दिल्ली के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मगही चौपाल का 115वां सम्मेलन “देशभक्ति के रंग मगहियन के संग” विषय पर शाम 6 बजे से देर रात तक सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में नवादा (बिहार) के प्रसिद्ध साहित्यकार-सह-पत्रकार और मगही साधक श्री राम रतन सिंह ‘रत्नाकर’ को उनके विशिष्ट योगदान के लिए ‘मगही रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया।

देश-विदेश से तीन दर्जन से अधिक विश्व मगही परिषद् के कार्यकारिणी सदस्य और मगही प्रेमी सम्मेलन में रहे शामिल

इस महत्वपूर्ण अवसर पर मंच संचालन, तकनीकी सहयोग, और आगंतुकों का स्वागत अंतरराष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र नारायण ने किया और उन्होंने राम रतन सिंह ‘रत्नाकर’ जी के बारे में कहा कि–
ʺमगही के रत्नाकर, जग में कइलें नाम।
साहित्य साधक श्रेष्ठ, सभी कइलें काम।‘‘

सम्मेलन की अध्यक्षता विश्व मगही परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष लालमणि विक्रांत जी ने की।कार्यक्रम में राम रतन प्रसाद सिंह ‘रत्नाकर’ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने स्वंत्रता के लिए मगध और मगहियन के योगदान पर प्रकाश डाला। और देश-विदेश से तीन दर्जन से अधिक विश्व मगही परिषद् के कार्यकारिणी सदस्य और मगही प्रेमी इस सम्मेलन में शामिल हुए।

सभी क्षेत्रों की नामचीन हस्तीयों ने की शिरकत

इस सम्मेलन में हिंदी और मगही के जाने-माने साहित्यकारों, लोकगायकों, समाजसेवियों, पत्रकारों, फिल्म निदेशकों सहित कई अन्य प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। नवादा जिले से श्री नरेंद्र प्रसाद सिंह, , मगही आउ हिंदी के जानल मानल साहित्यकार प्रोफेसर ( डा०) शिवेंद्र नारायण सिंह जी आजादी के लड़ाय में शहीद होवे वालन आउ कष्ट झेले वालन लोग आउ उनखर परिवार लोग के पीड़ा के उजागर करइत बड़ भावुक गीत प्रस्तुत कयलका जेकर बोल हल ‘ नमन हे उनखा बारंबार, नमन हे उनखा बारंबार। आजादी पावे ले जिनखर, लूट गेल घर संसार।, गया से लोकगायक विशाल बिहारी यादव, और कवि दयानन्द गुप्ता जी ने सम्मेलन में भाग लिया। पटना से पत्रकार प्रभात वर्मा, लोकगायिका रेणु कुमारी, समाजसेवी सह साहित्यकार पूजा ऋतुराज, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला शेखपुरा बरबीघा से अपने कविता का वचन किये

हम वतन के गीत गुनगुनइते रहूॅं
नेह के दीप हरदम जइलते रहू
हम्मर तन-मन में हे उहे बसल
सपना रंगीन अप्पन सजइते रहूॅं
          हम वतन के गीत गुनगुनइते रहूॅं
          नेह के दीप हरदम जइलते रहूॅं
सांस के राह पर रोम के छाॅंह में
कल्पना के काली नित खिलईते रहूॅं
प्यार के गीत तोहर अमित रस भरल
कामना के बिहस के पिलईते रहूॅं
             हम वतन के गीत गुनगुनइते रहूॅं
              नेह के दीप हरदम जइलते रहूॅं
पङके दररद में भी तोहरे ले हम
लोर ढ़रका के भी मुस्कइते रहूॅं
देश के काम हरदम अइते  रहूॅं
मैया तोहरे याद में गुनगुनइते रहूॅं
                  हम वतन के गीत गुनगुनइते रहूॅं
                   नेह के दीप हरदम जइलते रहूॅं
हम्मर तन-मन-धन हे तोहरे ले
तोहरे पर सब कुछ लुटइते रहूॅं
गोपाल हे आजाद अकेला बनल
तोर चरण धूल माथे लगइते रहूॅं
                  हम वतन के गीत गुनगुनइते रहूॅं
                   नेह के दीप हरदम जइलते रहूॅं ।।
नवादा से साहित्यकार – सह -पत्रकार ओमकार कश्यप जी ने प्रसिद्ध साहित्यकार-सह-पत्रकार और मगही साधक राम रतन सिंह ‘रत्नाकर’ को उनके विशिष्ट योगदान के लिए ‘मगही रत्न’ सम्मान मिलने पर प्रशन्ता व्यक्त किये और इसे नवादा और पूरे मगही समाज के लिए गौरव का पल बताया ।
राष्ट्रीय स्तर पर, मुंबई, दिल्ली, पंजाब , भागलपुर, गया, नालंदा, और लखीसराय सहित विभिन्न स्थानों से कई मगही प्रेमी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

मगही चौपाल सम्मेलन देशभक्ति के रंग में श्रोता लोग देर रात देशभक्ति के रंग में लगाते रहे गोता

सम्मेलन के दौरान, प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र नारायण ने बताया कि यह 115वां अंतरराष्ट्रीय मगही चौपाल सम्मेलन देशभक्ति के रंग में श्रोता लोग देर रात देशभक्ति के रंग में गोता लगाते रहे । उन्होंने यह भी घोषणा की कि भविष्य में विश्व मगही परिषद, नई दिल्ली द्वारा मगही के विद्वानों को ‘मगही रत्न’, स्मृति सम्मान आदि से सम्मानित किया जाएगा।
इस आयोजन ने मगही भाषा और संस्कृति के प्रति समर्पण और प्रेम को एक बार फिर से सशक्त किया और भविष्य में और भी बड़े आयोजनों की नींव रखी।

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