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लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग को लाइट काटने के लिए सूचना दिया गया था। इसके बाद भी विसर्जन के समय बिजली नहीं काटी गई। जिससे हादसा हो गया।

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर।मिर्जापुर के कछवां थाना क्षेत्र के डीह के पास गंगा नदी के किनारे रेत से अलग गंगाजल में शुक्रवार की रात को गणेश मूर्ति विसर्जन करने जा रहे युवक करंट की चपेट में आ गये। पांच युवकों को कछवां क्रिश्चियन अस्पताल में भर्ती कराया गया। अन्य को परिजन उनको लेकर निजी अस्पताल चले गये। बताया गया कि हादसे में 10 लोग झुलसे हैं।

यह है पूरा मामला

कछवां के शंकरपुर वार्ड स्थित हनुमान मंदिर में श्री गणेश समिति ने भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की थी. शुक्रवार देर शाम समिति के लोग मूर्ति विसर्जित करने गए थे. विसर्जन से पहले मूर्ति को नगर में भ्रमण कराया गया. विसर्जन के लिए सैकड़ों लोग कछवां डीह गंगा किनारे जा रहे थे. इस दौरान लोगों ने वाइपर की मदद से बिजली के तार उठाए, जिससे करंट फैल गया और उसमें 10 लोग झुलस गए।

इन लोगों को किया ट्रांसफर

हादसे में पांच लोगों को इलाज के लिए कछवां क्रिश्चियन कॉलेज में भर्ती कराया गया है. पांचों लोगों के नाम- यल श्रेयांश (18), कृष्ण रस्तोगी (18), करेजा गुप्ता (19), आकाश गुप्ता (20), मुन्नू (18) है, सभी कछुआ बाजार के रहने वाले हैं. अन्य लोगों को उनके परिजन निजी अस्पताल में ले गए हैं. हादसे के वजह से इलाके में शोक फैल गया ह।

वाइपर से बिजली का तार उठते समय करंट लगने से कई लोग झुलसे

कछवां नगर पंचायत के शंकरपुर वार्ड स्थित हनुमान मंदिर में श्री गणेश समिति की ओर से भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थी। शुक्रवार की देर शाम को समिति के लोग मूर्ति विसर्जन करने के लिए निकले थे। मूर्ति को लेकर नगर में भ्रमण करने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग कछवां डीह गंगा किनारे रेत से अलग बने एक गड्ढे में स्थित गंगा नदी के जल में मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे थे। रास्ते में वाइपर से बिजली का तार उठते समय करंट लगने से कई लोग झुलस गए।

इसमें पांच लोग यल श्रेयांश (18), कृष्ण रस्तोगी (18), करेजा गुप्ता (19), आकाश गुप्ता (20), मुन्नू (18) निवासी कछुआ बाजार को उपचार के लिए कछवां क्रिश्चियन कॉलेज में भर्ती कराया गया। अन्य लोगों को परिजन निजी अस्पताल ले गये बताया जा रहा है कि 10 लोग झुलसे है। हादसे के बाद मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग को लाइट काटने के लिए सूचना दिया गया था। इसके बाद भी विसर्जन के समय बिजली नहीं काटी गई। जिससे हादसा हो गया।

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