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60 हजार सरकारी कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्योरा नहीं जमा किया है. सरकार की ओर से इसके लिए 30 सितंबर की मोहलत दी गई है. इसके बाद वेतन रोकने के आदेश दिए गए

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

लखनऊ। प्रदेश में करीब 60000 कर्मचारियों (UP Government Employees) ने मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर अब तक अपनी चल अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है. इस संबंध में मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश के सभी विभागों के प्रमुखों को एक बार फिर से ताकीद की है कि अगर उन्होंने अपनी संपत्ति का विवरण 30 सितंबर तक नहीं दिया तो उनको सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा न केवल ऐसे कर्मचारी बल्कि उनके प्रभारी का वेतन भी रोकने का आदेश दिया गया है।

कार्रवाई की लटक रही तलवार बेतन रोकने के बाद अगला एक्शन…

ऐसे में 20 लाख में से इन 60000 डिफाल्टर कर्मचारियों के सिर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। वेतन रोकने के अतिरिक्त क्या एक्शन लिया जाएगा फिलहाल अभी शासन ने इस संबंध में कुछ भी तय नहीं किया है. माना जा रहा है कि जो कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, उन पर आगे और कड़े एक्शन लिए जा सकते हैं।

20 लाख कर्मचारी हैं यूपी में 30 सितम्बर आखिरी तिथि निर्धारित

उत्तर प्रदेश में करीब 20 लाख कर्मचारी हैं जिनका पिछले दो महीने से लगातार संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करने संबंधित आदेश दिया जा रहा है. पिछले महीने अंतिम तारीख थी. वेतन रोकने का आदेश भी हो गया था. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बाद में यह आदेश वापस लेते हुए इसको 30 सितंबर तक बढ़ा दिया था. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि 30 सितंबर तक आखिरी दिन है. इसके बाद ऐसे कर्मचारियों का वेतन रुक जाएगा जो चल अचल संपत्ति की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर नहीं देंगे।

सोमवार के दिन बड़ी संख्या में कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा करेंगे दर्ज

तीन प्रतिशत नहीं दर्ज कर पाए ब्योराः कार्मिक एवं नियुक्ति विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के 20 लाख में से करीब तीन प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण अभी भी मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दर्ज कराया है. लोक निर्माण विभाग का उदाहरण दिया जाए तो पूरे प्रदेश से सूचना शुक्रवार तक अपडेट की गई थी उसमें 43 सौ कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल अचल संपत्ति नहीं बताई है. इस विभाग के उत्तर प्रदेश में करीब 30000 कर्मचारी हैं. मनोज कुमार सिंह के आदेश को लेकर कहा जा रहा है कि सोमवार के दिन बड़ी संख्या में कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा दर्ज करेंगे।

अभियंता चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा देने से कतराते रहे हैं

पावर कार्पोरेशन व विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत अभियंता चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा देने से कतराते रहते हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं संपत्ति का ब्यौरा सही दे दिया तो उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो सकती है। ऐसे में वे विभागीय निर्देश के बाद भी ब्यौरा देने में आनाकानी करते रहते हैं। यही वजह है कि संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कार्पोरेशन प्रबंधन ने 19 जनवरी को ही निर्देश दिया था।

कर्मचारियों के बेतन रोकने का निर्देश

साफ कहा था कि सभी अभियंता और अन्य कार्मिक 15 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा निगमों के ईआरपी पोर्टल पर अपलोड कर दें। इसके बाद भी 7572 कार्मिकों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ऐसे में कार्पोरेशन प्रबंधन ने सख्त कदम उठाया है। सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों और निदेशक (कार्मिक) को निर्देश दिया है कि ब्यौरा नहीं देने वालों का सितंबर माह का वेतन रोक दिया जाए। संबंधित कार्मिक जब तक चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं देते हैं, तब तक उनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा।

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