जलाशयों के पास गड्ढा खोदकर किया जायेगा मूर्ति विसर्जित‚ऐसा नही किया तो कार्यवाही तय
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
पीडीडीयू नगर‚चंदौली। तालाबों और पोखरों में मूर्ति विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। प्रशासन में पूजा समितियों के निर्देश दिया है कि इस बार किसी भी तालाब और पोखरे में मूर्तियों का विसर्जन नहीं होगा। जलाशयों के पास ही गढ्ढा खोदकर उसमें विसर्जन किया जाएगा। यदि कोई तालाब, पोखरों या नदी में मूर्ति विसर्जित करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस बार जिले में 275 स्थानों पर प्रतिमाएं होंगी स्थापित
जिले में दुर्गा पूजनोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। सप्तमी, अष्टमी और नवमी को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंडालों में मां दुर्गा के दर्शन करते हैं। इस बार जिले में 275 स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और आसपास के क्षेत्रों में 30 से अधिक स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। पिछले साल तक नगर के दामोदरदास, मालगोदाम, मानसरोवर के अलावा 30 से अधिक तालाबों और पोखरों में मूर्तियां विसर्जित की जाती थीं।
इसके पहले तालाबों और पोखरों में होता आया है मूर्ति विसर्जन
अब इस बार जिला प्रशासन ने तालाबों, पोखरों और नदियों में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। सख्त आदेश है कि अगर किसी ने आदेश का उल्लंघन किया तो कार्रवाई की जाएगी। जिले में मूर्तियों का विसर्जन क्षेत्र के तालाबों और पोखरों में होता आया है। वर्ष 2013 एनजीटी ने गाइड लाइन जारी की थी कि पोखरों और तालाबों में मूर्ति विसर्जन के बाद पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। जिले में आज तक एक भी सैंपल नहीं लिया गया है। हालांकि अधिकारी इस बात को ही सिरे से नकार रहे हैं कि तालाबों और पोखरों में मूर्ति विसर्जन होता था।
मूर्ति विसर्जन के लिए गड्ढे खोदने की जिम्मेदारी नगर पालिका व नगर पंचायतों को
जिला प्रशासन ने तालाब, नदियाें और पोखरों में मूर्ति विसर्जन पर रोक तो लगा दी है लेकिन अब तक न तो स्थान चिह्नित किए गए और न गड्ढे खोदे गए। छह दिन बाद विसर्जन शुरू हो जाएगा। गड्ढे खोदने की जिम्मेदारी जिला पंचायत, नगर पालिका और नगर पंचायत को दी गई है। वही एडीएम सुरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि तालाब और पोखरे के पास गड्ढा खोदकर मूर्ति विसर्जन किया जाएगा।इसकी जानकारी सभी पूजा समितियों को दे दी गई है। इसका पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।